आज के युग में साइकिल चलाने को लोग भले ही छोटा मानते हों और स्टेटस की तुलना करते हो, लेकिन सही मायने में देखा जाए तो आपके शरीर को जितना लाभ सस्ती साइकिल चलाने से पहुंचता है, उतना शायद लाखों की मशीनें भी फायदेमंद साबित नहीं हो सकतीं. यही साइकिल आय से कम लोगों के लिए किसी गली-कूचे में खुले बेशकीमती जिम की महंगी मशीनों से कमतर नहीं है.
दरअसल, इसी लाभ के चलते ही अब कार-बंगले में रहने वाले लोगों को साइकिल चलाने में कोई झिझक महसूस नहीं होती और वे अपने स्टेटस को एक रफ रखकर प्रतिदिन साइकिलिंग करके अपनी फिटनेस बरकरार रखते हैं.
साइकिलिंग के फायदे
यहां हम आपको बता दें कि साइकिल चलाने से न केवल मोटापे में कमी आती है बल्कि शरीर की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं, घुटनों के दर्द से राहत मिलती है, व्यक्ति को दिल की बीमारी नहीं होती, फेफड़े तंदुरूस्त बने रहते हैं और बीपी सही रहता है.
डॉक्टरों के अनुसार यदि आप पूर्णतः स्वस्थ रहना चाहते हैं तो साइकिल चलाना ही पर्याप्त है. इसके लिए आपको किसी और जिम में जाकर एक्सरसाइज करने की कोई जरूरत नहीं पडे़गी.
अगर आप रोजाना कम से कम 5 किलोमीटर तक कि साइकिलिंग करते हैं तो निस्संदेह आपकी सेह संभालने के लिए काफी कही जा सकती है क्योंकि ऐसा करने से शरीर का व्यायाम लगातार होता रहता है जो कि अपने आप में संपूर्ण व्यायाम है.
क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो शरीर की कैलोरी कम करने के लिए साइकिलिंग से बढ़िया विकल्प कोई हो ही नहीं सकता है. यह एक्सरसाइज वास्तव में आपकी बॉडी को बगैर मशीन के एकदम फिट बनाए रखती है. खासकर घुटने या जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों के लिए साइकिल चलाना किसी रामबाण औषाधि से कम साबित नहीं होता.
दूसरी ओर यदि आपका शरीर गिरा-गिरा रहता महसूस होता है या फिर जकड़न की परेशानी होती है तो भी रोजाना एक घंटा साइकिल अवश्य चलाएं. नतीजा चौंकाने वाला निकलेगा और शरीर को आशा से अनुरूप काफी राहत मिलेगी.
ऐसे होते हैं फायदे
साइकिल चलाने से घुटनों की एक्सरसाइज हो जाती है और जोड़ खुलने लगते हैं जिससे दर्द से राहत मिलती है. पैरों की पिंडलियों की मांसपेशियां और जांघें भी काफी मजबूत हो जाती हैं. इसके अतिरिक्त ब्लड प्रेशर और सकुर्लेशन भी सही ढंग से होने लगता है.
आर्थिक नजरिए से कमजोर लोगों के लिए भी साइकिल चलाने पर काफी लाभ मिलता है. वे न सिर्फ जिम की महंगी मेंबरशिप चुकाने से बच जाते हैं बल्कि इसे चलाने से बेहद आनंद महसूस करते हैं. आश्चर्य की बात तो यह है कि साइकिल को स्त्री-पुरुष और बच्चों के अतिरिक्त बूढ़े भी सरलतापूर्वक चला सकते हैं जो सबसे सस्ता व सरल व्यायाम है.
कहा जाता है कि अपनी उचित लंबाई को ध्यान में रखते हुए ही साइकिल की ऊंचाई लेनी चाहिए अन्यथा इससे नुकसान होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. इसीलिए डॉक्टरों की सलाह है कि साइकिल चलाने से पहले उचित ऊंचाई और अपनी लंबाई आवश्यक जांच लें, भी सुबह के समय साइकिलिंग हेतु निकलें तो बेहर होगा.

ज्यादा भी ना करें साइकिलिंग
एक बात और जो ध्यान रखें यदि आप साइकिल द्वारा एक्सरसाइज को अंजाम दे रहे हैं तो जरूरत से ज्यादा जोश में आकर साइकिल नहीं चलाएं. क्षमता से ज्यादा एक्सरसाइज कभी नहीं करनी चाहिए. कम दूरी कम स्पीड का भी ध्यान रखें.
सुबह-सुबह साइकिल चलाते हुए सैर करने के साथ-साथ संपूर्ण व्यायाम भी कर लेंगें और आपकी कमाई हुई मेहन की पूंजी भी बच जाएगी. इसलिए अब आप तैयार हो जाइये साइकिलिंग के द्वारा एक्सरसाइज करके अपनी बॉडी को एकदम चुस्त दुरूस्त बनाने के लिए जिसके साथ शुद्ध हवा भी मिलती है.
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(नोट : यह लेख आपकी जागरूकता, सतर्कता और समझ बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. यदि आप पेशेंट हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें.)