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सिर्फ गेहूं नहीं ठंड में ट्राय करें बाजरा-मक्केे की रोटियां, रहेंगे फिट और होंगे ये फायदे

कब्जियत और बवासीर के रोगी को इसका सेवन नहीं करना चाहिए.
कब्जियत और बवासीर के रोगी को इसका सेवन नहीं करना चाहिए.

बाजरा और मक्का ऐसे खाद्यान्न हैं जो सेहत के साथ स्वाद भी देते हैं. बाजरे में विटामिन ए और बी मिलते हैं. इसमतें प्रोटीन भी होता है. बाजरा पौष्टिक, हार्ट के लिए फायदेमंद, यह बॉडी में पित्त को कम करता है जबकि स्त्रियों में यह कामोत्तेजक का काम करता है. यह कफ को खत्म करता है और वीर्य वृद्धि भी करता है. बाजरे की सूजी से हलवा बनाया जा सकता है. लड्डू, इडली, डोसा व उत्पम जैसे लजीज व्यंजन बनाने के लिए भी बाजरा काम में आता है.

ये हैं बाजरे के फायदे 
इसके अलावा बारिश के मौसम में और सर्दी में इसका टिक्कड़ छाछ या गुड़ के साथ खाने से शरीर को तृप्ति और स्फूर्ति मिलती है. बाजरे का टिक्कड़ प्रेगनेंट लेडी के स्तन में दूध की वृद्धि करने वाला होता है और नवजात शिशु को पेट के शूल की शिकायत नहीं होती. बाजरे के टिक्कड़ पर घी या मक्खन लगाकर खाने से स्वादिष्ट लगता है और छोटे बच्चों के लिए भी यह हितकारी होता है. भैंस के दूध में टिक्कड़ को खूब मसलकर, गुड़ डालकर सेवन करने से शरीर पुष्ट होने लगता है. बाजरे में भी गेहूं के समान ही पोषक तत्व होते हैं.

बाजरा के नुकसान
बाजरा गैस पैदा करने वाला होता है और थोड़ा पचने में भारी है इसलिए जिन्हें कब्ज की शिकायत रहती है उसे अवॉइड करना चाहिए. कुल मिलाकर कब्जियत और बवासीर के पेशेंट को इसका सेवन नहीं करना चाहिए. यही नहीं इसकी ज्यादा मात्रा प्रेगनेंट लेडी के लिए हानिकारक होती है. 

इसकी रोटी रूखी, देर में हजम होने वाली और अधिक गैस करने वाली होती है. 
इसकी रोटी रूखी, देर में हजम होने वाली और अधिक गैस करने वाली होती है.

मकईः मक्का: मकई को मक्का भी कहा जाता है. गेहूं की रोटियां खा खाकर पक गए हैं तो आप कुछ नया ट्राय करने के लिए मक्का आपके पास बेस्ट ऑप्शन है. खासतौर पर सर्दियों के दिनों में.  हालांकि ये थोड़ा कड़वा और कसैला होता है. लेकिन जिन्हें वात और कफ की प्रॉब्लम रहती है उनके लिए सबसे बेस्ट दवाई है. यही नहीं जिन्हें लूज मोशन यानी की दस्त की समस्या है उसके लिए ये एक बेहतरीन औषधि है. यह तासीर में ठंडा होता है. इसके ताजे हरे भुट्टे भूनकर खाने से हेल्थ, एसीडीटी की समस्या में फायदा होता है. इसके सूखे दानों को भूनने पर लावा (खील) बड़ी होती है और खाने में बहुत स्वादिष्ट लगती है. सूखे दानों को पीसकर इसका आटा बनाया जाता है और इसकी रोटी बनाकर ठंड के मौसम में खाते हैं.

मक्का के नुकसान
मक्का के कुछ फायदे तो कुछ नुकसान भी हैं. इसकी रोटी थोड़ी ड्राय, डाइजेशन में हैवी और ज्यादा गैस करने वाली होती है. लेकिन जो लोग मेहनत करते हैं, खेती किसानी या हार्ड वर्क करते हैं वे इसे आराम से ले सकते हैं; कोशिश करें कि मक्का की रोटी रात को ना लें क्योंकि देर रात बॉडी की एक्टिविटी कम रहती है लिहाजा डाइजेशन में आपको दिक्कत हो सकती है.

 

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