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World Diabetes day 2023: बार-बार लगती है प्यास और जाना पड़ता पेशाब, हो सकती है डायबिटीज

डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसे दवाओं, आहार और व्यायाम के संयोजन से नियंत्रित किया जा सकता है. (Image Source: pexels.com)
डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसे दवाओं, आहार और व्यायाम के संयोजन से नियंत्रित किया जा सकता है. (Image Source: pexels.com)

बदलती लाइफ स्टाइल कई बीमारियों का कारण है. खान-पान अनियमित होना, ठीक से नींद नहीं हो पाना, एक्सरसाइज की कमी यह सब हार्ट, शुगर, मोटापा, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का कारण बनता है. लाइफ स्टाइल से संबंधित बीमारियों में ही एक बीमारी है. डायबिटीज (Diabetes). इसे शुगर, मधुमेह के नाम से भी माना जाता है.

शुगर दरअसल एक  असामान्य रूप से लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है जिसमें शरीर की रक्त शर्करा (ग्लूकोज) का स्तर नियंत्रित नहीं रहता है. मधुमेह एक प्रकार की मेटाबोलिक बीमारी है जिसमें शरीर के अंदर ब्लड में शुगर का लेवल बिगड़ जाता है.

डायबिटीज कई प्रकार की होती है, लेकिन मुख्य रूप से दो प्रकार किए जा सकते हैं – प्रकृति जनित डायबिटीज जिसे अंग्रेजी में Type 1 Diabetes कहा जाता है और दूसरी प्राप्ति जनित डायबिटीज यानी की Type 2 Diabetes कहा जाता है. 

शुगर की बीमारी एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति के ब्लड में शर्करा का स्तर बहुत अधिक हो जाता है. शुगर यानी की शर्करा हमारे शरीर के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत है, और इसे इंसुलिन नामक हार्मोन द्वारा नियंत्रित किया जाता है. इंसुलिन शरीर की कोशिकाओं को रक्त से शर्करा को अवशोषित करने में मदद करता है.

डायबिटीज के दो मुख्य प्रकार हैं:

  • टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) : यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें शरीर की इम्यूनिटी ही इंसुलिन बनाने वाले सेल्स को को नष्ट कर देती है. टाइप 1 मधुमेह आमतौर पर बचपन या किशोरावस्था में शुरू होती है.  टाइप 1 डायबिटीज में हमारा शरीर इन्सुलिन नहीं बनाता है. यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसका अर्थ है कि हमारा शरीर अपने ही स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करता है. इस मामले में, शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र अग्न्याशय की बीटा कोशिकाओं पर हमला करता है, जो इन्सुलिन बनाती हैं.
  • टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes): यह सबसे कॉमन शुगर की बीमारी कही जाती है. यह तब होती है जब शरीर इंसुलिन ठीक से उपयोग नहीं कर पाता है. कई बार ऐसा भी होता है कि शरीर पर्याप्त इंसुलिन भी नहीं बना पाता है. टाइप 2 मधुमेह आमतौर पर वयस्कों में शुरू होता है, लेकिन यह बच्चों और किशोरों में भी हो सकता है.

Diabetes के  लक्षण (What are the 10 early warning signs of diabetes)

  • लगातार प्यास लगना: Diabetes के रोगी को प्यास अधिक लगती है. 
  • बार-बार पेशाब आना: बार-बार यदि आपको बाथरूम जाना पड़ रहा है तो शुगर संभावित है. 
  • थकान
  • तेजी से वजन कम होना
  • धुंधली दृष्टि
  • घावों का धीमा ठीक होना

शुगर को कैसे नियंत्रित करें-

  1. डाइट को बेहतर बनाएं: शुगर कंट्रोल करने के लिए सबसे पहले अपनी डाइट में परिवर्तन लाएं. अच्छा खाना अच्छे स्वास्थ्य की गारंटी होती है. शुगर से बचने और  नियंत्रित रखने के लिए आहार में फाइबर, फल, सब्जियां, और साबुत अनाज शामिल करें. चीनी और शराब का सेवन सीमित करें.
  2. नियमित रूप से व्यायाम करें: हर दिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें. एक्सरसाइज करने से एक नहीं कई तरह की बीमारियां ठीक होती हैं. नियमित व्यायाम शुगर को नियंत्रित रखता है.  
  3. वजन कम करें: यदि आप मोटे हैं तो आपको अपना वजन कम करने की जरूरत है. मोटापा केवल शुगर ही नहीं बल्कि कई तरह की बीमारियों का कारण है. लिहाजा आपको शुगर से बचने के  लिए आपको वजन कम करने की जरूरत है. 
  4. समय-समय पर अपने शुगर की नियमित जांच कराएं. मीठा कम खाएं और साथ ही शराब, तला-भुना और मसालेदार भोजन ना करें. 

शुगर आपको और ज्यादा गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकती है- 

  • हृदय रोग- शुगर से हार्ट अटैक का खतरा होता है. 
  • स्ट्रोक- ब्रेन स्ट्रोक का बड़ा कारण बढ़ी हुई शुगर भी है. 
  • गुर्दे की बीमारी- बढ़ी हुई शुगर का सीधा असर आपकी किडनी पर होता है. कई बार किडनी फेल तक हो सकती है. 
  • दृष्टि हानि: ज्यादा बढ़ी हुई शुगर आपकी आंखों की रौशनी तक छीन सकती है. 
  • तंत्रिका क्षति: डायबिटीज न्यूरोपैथी का कारण बन सकती है. तंत्रिका क्षति यानी की आपके नर्वस सिस्टम तक डेमेज हो सकता है. 

    पूरी दुनिया में भारत एक ऐसा देश है जहां शुगर के सबसे ज्यादा रोगी है्. एक तरह से इंडिया डायबिटीज से जूझ रहा है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल पूरी दुनिया में डायबिटीज से मरने वालों की संख्या 38 लाख से ज्यादा थी.

     

    बीबीसी के मुताबिक एक अनुमान कहता है कि इस समय दुनियाभर में 24 करोड़ 60 लाख से ज्यादा लोग डायबिटीज़ के रोगी हैं और 2025 तक 38 करोड़ लोग मधुमेह से ग्रसित होंगे. यही नहीं हाल ही में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने एक स्टडी की है जिसमें पाया गया है कि भारत में 11 फीसदी आबादी डायबिटीज से ग्रस्त हो सकती है. जबकि आने वाले 30 वर्ष में डायबिटीज के रोगियों की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा हो सकती है.

     

Disclaimer: आपको बता दें कि डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसे दवाओं, आहार और व्यायाम के संयोजन से नियंत्रित किया जा सकता है. उपरोक्त लेख आपकी जागरूकता और सतर्कता बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. डायबिटीज एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है. आपके शरीर में शुगर के लक्षण दिखाई देते हैं तो आप तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.  

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