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Aparna Yadav: बीजेपी में क्यों शामिल हुई मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू?

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चुनावी राजनीति में दल-बदलने की उठापटक नई नहीं है. एक ओर जहां चुनाव से पहले नेताओं के पार्टी बदलने का उपक्रम सामान्य होता है तो कई बार बड़ा हाईवोल्टॉज सियासी ड्रामा बन जाता है. उत्तरप्रदेश चुनाव प्रचार की राजनीति (UP Election 2022)  बीते 15 दिनों से नेताओं के दल-बदलने का ड्रामा बन गई है. पहले बीजेपी सरकार की पूरी कैबिनेट ही समाजवादी पार्टी में शामिल हो गई तो वहीं आज समाजवादी पार्टी के संस्थापक और पूर्व सुप्रीमो रहे मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने बीजेपी जॉइन (Aparna Yadav join BJP) कर पूरे देश को सकते में डाल दिया. 

अपर्णा का बीजेपी जॉइन करना यूपी की सियासत में खासतौर पर समाजवादी राजनीति के लिए बड़ा प्रभावी माना जा रहा है. अपर्णा यादव के बीजेपी में  शामिल होने के कई राजनीतिक विश्लेषण किए जा रहे हैं  लेकिन खुद अपर्णा यादव ने इस मामले को साफ करते हुए बीजेपी जॉइन करने का कारण बताया है.

अपर्णा यादव ने बीजेपी जॉइन क्यों की? (Why Aparna Yadav Join BJP?) 

अपर्णा यादव का बीजेपी को जॉइन करना समाजवादी पार्टी के लिए किसी झटके से कम नहीं है. बीजेपी को जॉइन करने के बाद अपर्णा यादव ने कहा-

राष्ट्रधर्म उनके लिए सबसे ऊपर है. मैंने यह फैसला राष्ट्र के लिए लिया है. मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के सीएम आदित्यनाथ योगी से बेहद प्रभावित हूँ. उनकी नीतियां मुझे नैतिक रूप से भाति हैं. इसलिए मैंने बीजेपी को जॉइन किया है.

कौन है अपर्णा यादव? (Aparna Yadav Details in Hindi) 

अपर्णा यादव मुलायम सिंह यादव की बहू हैं. मुलायम सिंह यादव की दो पत्नियाँ हैं जिनमें दूसरी पत्नी का नाम साधना गुप्ता है. साधना गुप्ता का एक बेटा है जिसका नाम प्रतीक यादव है. अपर्णा यादव प्रतीक यादव की पत्नी है. इस नाते वे मुलायम सिंह यादव की बहू हैं. अभी तक उनका संबंध समाजवादी पार्टी से रहा था. लेकिन अब अपर्णा ने बीजेपी को जॉइन कर लिया है.

अपर्णा यादव का पॉलिटिकल करियर (Aparna Yadav Political Career) 

अपर्णा यादव साल 2017 से पहले पॉलिटिक्स में एक्टिव नहीं थी. साल 2017 में समाजवादी पार्टी राजनीतिक और पारिवारिक कलह से गुजर रही थी. इस दौरान परतीक यादव की माँ और मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता ने बेटे के लिए टिकट मांगा था. इसके लेकर काफी विवाद भी हुआ था.

प्रतीक की राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं थी लेकिन वे अपनी पत्नी को राजनीति में देखना चाहते थे. तब जाकर 2017 में अपर्णा यादव को समाजवादी पार्टी की ओर से लखनऊ की कैंट विधानसभा के लिए टिकट दिया गया. अपर्णा यादव पहली बार चुनाव लड़ी और बीजेपी से हार गई.

प्रतीक और अपर्णा यादव की लव स्टोरी (Aparna Yadav Love story) 

अपर्णा यादव प्रतीक यादव की पत्नी है या बात तो जग जाहिर है, लेकिन ये दोनों एक दूसरे को स्कूल के दिनों से जानते हैं इस बात के बारे में कम ही लोग जानते हैं. अपर्णा यादव स्कूल के दिनों से ही प्रतीक को जानती थी, एक इंटरव्यू में अपर्णा ये भी बताया कि स्कूल के इवेंट में वे मिलते रहते थे. इनका प्यार करीब 8 साल चला जिसके बाद साल 2011 में दोनों ने शादी कर ली थी.

शास्त्रीय संगीत में पारंगत हैं अपर्णा (Aparna Yadav Hobby) 

अपर्णा यादव और प्रतीक के शौक बिलकुल अलग-अलग हैं. प्रतीक राजनीति में बिलकुल भी दिलचस्पी नहीं रखते हैं. वे रियल इस्टेट का बिजनेस करते हैं और बॉडी बनाने का शौक रखते हैं. लखनऊ में उनका खुद का जिम भी है. वहीं अपर्णा उनसे बिलकुल अलग हैं. अपर्णा को समाज सेवा करना चाहती हैं. उन्हें गाने का शौक भी हैं. वे शास्त्रीय संगीत में पारंगत हैं. वे एक लोक गायिका भी हैं. साल 2017 के चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के कैम्पेन के लिए अपर्णा ने एक गाना भी कम्पोज़ किया था.

योगी आदित्यनाथ से प्रभावित हैं अपर्णा (Aparna Yadav and CM Yogi Connection) 

अपर्णा यादव ने बीजेपी में जाने का फैसला भले ही आज लिया हो लेकिन इसकी नींव काफी पहले रखी जा चुकी होगी. अपर्णा यादव कई मौकों पर योगी आदित्यनाथ की तारीफ करती आई हैं. साल 2017 में जब वे गोरखपुर के गोरखनाथ के दर्शन करने के लिए आ चुकी हैं. योगी आदित्यनाथ ने सीएम बनने के बाद अपर्णा यादव और प्रतीक यादव से कुछ समय के लिए लखनऊ के कान्हावन में मुलाक़ात भी की थी. उन्होने गौसेवा पर चर्चा भी की थी.

अपर्णा शुरू से ही बीजेपी से प्रभावित रही हैं. बीजेपी की योजनाएँ, उनका काम करने का तरीका तथा उनकी नीतियों ने अपर्णा को काफी प्रभावित किया है जिसका असर ये हुआ कि अपर्णा ने सपा को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया.

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