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जब भी आप पहली बार या नई जॉब के लिए एप्लाई करने की तैयारी कर रहे होते हैं तो आपको रिज्यूम या सीवी तैयार करने का विचार आता है. पर क्या आप जानते हैं कि सीवी और रिज्यूम में क्या फर्क होता है. हालांकि दोनों ही का काम एम्प्लॉयर के सामने आपकी उम्मीदवारी को बेहतरी से साबित करना है.

रिज्यूम और सीवी में संरचना और आशय के संबंध में अंतर होते हैं. रिज्यूम और सीवी दोनों ही एक-दूसरे के पूरक होते हैं, लेकिन दोनों को आपस में बदला नहीं जा सकता है. दोनों ही दस्तावेज की खासियत होती है. ऐसे में कहीं एप्लाई करने के पहले आपको CV और रिज्यूम के बीच अंतर जान लेना चाहिए.

जाने क्या होता है रिज्यूम?

रिज्यूम आपके जॉब संबंधी पुराने ब्यौरे को प्रस्तुत करता है. रिज्यूम से एम्प्लॉयर को आवेदक की प्रोफेशनल लाइफ यानी पहले किए गए जॉब, एज्यूकेशन, सर्टिफिकेट्स, आपके स्किल और मिले पुरस्कारों के साथ ही उपलब्धियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी मिलती है. 

दूसरे शब्दों में कहा जाए तो रिज्यूम आपके करियर के महत्वपूर्ण पॉइंट्स को कम से कम शब्दों में बेहतर और प्रभावी ढंग से पेश करता है. रिज्यूम को सीवी का छोटा रूप माना जाता है और इसे आपके लिए कोई तीसरा आदमी तैयार करवाता है.

क्या होता है कवरिंग लेटर

रिज्यूम के साथ अक्सर एम्प्लॉयर को कवरिंग या फिर कवर लेटर भेजा जाता है. इससे एम्प्लॉयर आवेदक की योग्यता, अचीवमेंट और अनुभव को जान सके. आवेदक को ऑफर की गई जॉब प्रोफ़ाइल के मुताबिक कर लेटर एम्प्लॉयर को आपकी क़ाबलियत के बारे में क्रमवार विस्तृत जानकारी देने का काम करता है. सीवी को हमेशा लेटर फॉर्मेट में प्रथम पुरुष की ओर से लिखा जाता है.

कैसे तैयार करें सीवी और रिज्यूम 

सीवी और रिज्यूम को तैयार करने से पहले आपको दोनों के फॉर्मेट्स को समझना जरूरी है. क्यों की इन दोनों में ही सबसे बड़ा अंतर इनके फॉर्मेट्स को लेकर ही है. रिज्यूम्स को ऐसे फॉर्मेट में तैयार किया जाता है कि एम्प्लॉयर इसे सहजता के साथ समझ सके. साथ ही इसको स्कैन भी किया जा सके.

रिज्यूम में अपने एजुकेशनल बैकग्राउंड्स, एक्सपीरियंस, अवार्ड्स और अचीवमेंट सहित अन्य महत्वपूर्ण विवरण को हाईलाइट करना चाहिए और इसके लिए आप पॉइंट्स को हाईलाइट कर सकते हैं. साथ ही बुलेट पॉइंट्स का ज़रूरत के मुताबिक इस्तेमाल करें. ताकि इससे एम्प्लॉयर को पहली ही नज़र में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सके. 

कैसे करें कवर लेटर्स राइटिंग 

कवर लेटर्स को आपको बिजनेस लेटर फॉर्मेट में लिखें और करीब 6 पैराग्राफ को शामिल करें. सबसे पहले एम्प्लॉयर का नाम, फिर उसकी कांटेक्ट इनफॉर्मेशन, इंट्रोडक्शन, बॉडी पैराग्राफ्स और समापन के साथ ही एप्लिकेंट का नाम और कांटेक्ट इनफॉर्मेशन आदि एक संपूर्ण कवर लेटर का हिस्सा होते हैं. 

(नोट : यह लेख आपकी जागरूकता, सतर्कता और समझ बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. अधिक जानकारी के लिए किसी करियर एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)

By दीपेन्द्र तिवारी

युवा पत्रकार. लोकमत समाचार, Network18 सहित विभिन्न अखबारोंं में काम. Indiareviews.com में Chief Sub Editor.

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