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देश भर में कई लोग तैराकी यानी स्विमिंग को शौकिया तौर पर देखते हैं, लेकिन यह एक ऐसा खेल है जो आपको फिट रखने के साथ ही बेहतर करियर की गारंटी भी देता है. ओलम्पिक खेलों में स्विमिंग का विशेष महत्व है. तैराकी प्रतियोगिता के दौरान तो स्पर्धियों के लिए इस खेल के नियम हैं ही, साधारण रूप से तैरने वालों को भी कुछ तैराकी नियमों का पालन करना होता है. 

कैसा हो स्विमिंग पूल (Swimming pools)

स्विमिंग पूल की लंबाई 50 मीटर और चौड़ाई कम से कम 21 मीटर होती है. वहीं जल की गहराई का स्तर 1.8 मीटर से अधिक रखा जाता है. पूल की लंबाई में पानी के तल से 0.3 मीटर ऊपर और 0.8 मीटर नीचे छूट होगी. 8 लेन रहती हैं, जिनकी चौड़ाई 2.5 मीटर है रस्सियों से तय की हुई रहती है. 

मैच में नियुक्त अधिकारी 

किसी भी अंतर्राष्ट्रीय स्विमिंग मैच जैसे ओलम्पिक खेलों और विश्व चैम्पियनशिप के लिए कुछ विशेष अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं. रैफरी, स्टार्टर, मुख्य टाईम-कीपर, मुख्य जज, समाप्ति के जज, टर्न इंसपेक्टर, अनाऊंसर और रिकार्डर की नियुक्ति की जाती है. 

वहीं अन्य स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए रैफरी, स्टार्टर, टाईम-कीपर, सामाप्ति के जज और टर्न तथा स्ट्रोक इंसपैक्टर सहित रिकार्डर नियुक्त किए जाते हैं.

जान लें स्विमिंग के नियम (Rules of swimming)

यदि कोई स्वीमर तैरते समय अपने साथी प्रतियोगी को अवरोध उतपन्न करता है तो बाधा डालने वाला व्यक्ति अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा. किसी फाऊल के कारण प्रतियोगी की सफलता की सम्भावना संकट में पड़ने पर जज अपने अधिकार का यूज कर उसे अगले दौरे में भाग लेने की अनुमति दे सकते हैं.

राउंड पूरा करने के लिए लौटते समय स्विमिंग पूल व मार्ग के अंत को एक अथवा दोनों हाथों से स्पर्श करना होगा. साथ ही गृह के तल से पैर लगाने की अनुमति तैराक को नहीं होती है. मैच के समय यदि प्रतियोगी तल पर खड़ा हो जाता है तो उसे अयोग्य घोषित नहीं किया जाएगा, लेकिन यह मान्य भी नहीं होगा. 

रिले तैराकी के समय प्रतियोगी के पैर निवर्तित साथी की दीवार से स्पर्श से पूर्व भूमि से हटने पर उसे अयोग्य घोषित किया जाएगा. जब तक कि अपराधी प्रतियोगी मूल आरंभ बिंदु पर वापिस न आ जाए. खिलाडी को शुरूआती प्लेटफार्म तक लौटना ज़रूरी नहीं है. 

स्विमिंग के विभिन्न प्रकार

तैराकी के कुछ अलग-अलग प्रकार हैं. जिनमें पहला है बटर फलाई स्ट्रोक इसमें तैराक को दोनों बाज़ू पानी की सतह के ऊपर इकट्ठे आगे से पीछे ले जाने होते हैं. मुक़ाबला शुरू और समाप्त होने पर छाती ऊपर और दोनों कंधे पानी की सतह पर संतुलित रखते हुए पैर एकठ्ठे रखने होते हैं. 

फ्री स्टाईल तैराकी का दूसरा तरीका है और इसमें तैराक को पानी में छलांग लगाते और समाप्ति के समय तैराकी कुंड की दीवार को हाथ से छूना ज़रूरी नहीं. तैराक अपने शरीर के किसी भी अंग से दीवार को छू सकता है. तीसरा प्रकार होता है बैक स्ट्रोक. इसमें तैराक शुरू होने वाले पाइंट की ओर मुंह कर हाथ कुंड पर रखें, पैर पानी में होने ज़रूरी है.

ब्रैस्ट स्ट्रोक तैराकी का चौथा रूप है, इसमें शरीर तथा छाती संतुलित रखकर कंधों को पानी की सतह के बराबर रखना होता है. इसके साथ ही हाथ और पैर की क्रियाएं इकट्ठी होंगी, जो कि एक लाइन में हों. छाती से दोनों हाथ इकट्ठे आगे, पानी के अंदर या ऊपर और पीछे जाने चाहिए.

स्विमिंग में करियर 

स्विमिंग में करियर के लिए भी बहुत संभावनाएं हैं. यदि आप चाहें तो एक तैराक के रूप में स्थानीय स्तर से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहचान बना सकते हैं. इसके अलावा स्विमिंग ट्रेनर के रूप में भी आप काम कर सकते हैं. आप चाहें तो खुद का स्विमिंग पूल शुरू कर ट्रेनिंग दे सकते हैं. 

(साभार:भारतकोश) 

(नोट: यह लेख आपकी जागरूकता, सतर्कता और समझ बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. स्विमिंग संबंधी अधिक जानकारी के लिए आप  किसी खेल विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.)

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One thought on “Swimming: फिटनेस के साथ ही बेहतर करियर का मूलमंत्र”

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