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म्यूचुअल फंड आमतौर पर हम में से सभी ने सुना है. कई लोग इसमें अपना पैसा भी लगाते हैं. कम ही लोग हैं जो इसको पूरी तरह से समझ पाते हैं. म्यूचुअल फंड एक व्यापक विषय है. कई लोग अक्सर दूसरों की बातों में आकर बगैर कुछ समझें ही इसमें अपना पैसा लगा देते हैं, पैसा लगाने से पहले आपको इसे समझ लेना ज़रूरी है.

जाने क्या है म्यूचुअल फंड (Mutual fund) 

म्युचुअल फंड का हिंदी में शाब्दिक अर्थ होता है पारस्परिक रकम. इसको इस तरह भी समझा जा सकता है कि यह एक प्रकार का सामुहिक निवेश होता है. जब कई लोग एक ही जगह निवेश करते हैं तो उन निवेशकों का एक ग्रुप तैयार हो जाता है. यही ग्रुप मिलकर स्टॉक, कम समय के निवेश या अन्य प्रतिभूतियों में धन निवेश करते हैं.

जाने म्यूचुअल फंड में निवेश का तरीका 

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के आपके पास दो तरीके हैं. पहला तो यह कि आप किसी म्यूचुअल फंड वेबसाइट के माध्यम से सीधे तौर पर अपनी रकम निवेश कर दें. दूसरा तरीका यह कि आप निवेश के लिए किसी म्यूचुअल फंड एडवाइजर से सेवा लें.

यदि आपका मन म्यूचुअल फंड वेबसाइट से सीधे निवेश करने का है तो आप म्यूचुअल फंड स्कीम के डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकते हैं. इसके लिए निवेशक को चयनित की गई म्यूचुअल फंड वेबसाइट पर जाना होगा. साथ ही आप संबंधित वेबसाइट के ऑफिस में भी डॉक्युमेंट्स जमा करवा सकते हैं.

डायरेक्ट प्लान में निवेश के फायदे

किसी डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का पहला फायदा यह है कि आपको म्यूचुअल फंड एडवाइजर को कमीशन नहीं देना पड़ता है. इसका सीधा असर यह है कि लंबे समय के निवेश में आपका रिटर्न काफी बढ़ जाता है. हालांकि इस तरीके से निवेश करने में आपको खुद ही रिसर्च करना पड़ेगा.

म्यूचुअल फंड एडवाइजर की लें हैल्प

वहीं यदि आप निवेश करने में किसी म्यूचुअल फंड एडवाइजर की हैल्प ले रहे हैं तो आपका पैसा किसी स्कीम के रेगुलर प्लान में निवेश होगा. साथ इसके लिए आपको म्यूचुअल फंड एडवाइजर के लिए कमीशन भी देना होगा. म्युचुअल फंड एडवाइजर की मदद लेने से आपको निवेश के लिए प्लान रिसर्च करने की ज़रूरत नहीं है. 

इन्वेस्ट में रखें इन बातों का ध्यान

म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट करते वक्त कुछ बातों पर गौर करना बहुत ज़रूरी है. इन बातों का ध्यान रखने से आपको कोई रिस्क नहीं होगा. जिस कंपनी में आप इन्वेस्ट करने जा रहे हैं, पहले उस कंपनी की हिस्ट्री जरूर जान लें. दूसरी सावधानी यह रखें कि कंपनी के प्रोस्पेक्टस को ध्यान से पढ़ लें. 

इसके साथ ही आपको इन्वेस्टमेंट करते समय टैक्स के बारे में खासतौर पर जान लेना चाहिए. जो भी आपके फंड को मैनेज कर रहा है, उसके बारे में भी सारी जानकारी कर लें. निवेश से पहले आपको फायदे के साथ ही रिस्क फेक्टर की भी जानकारी ले लेनी चाहिए. 

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