बदलती लाइफ स्टाइल में ब्लड प्रेशर (blood pressure) की बीमारी आम हो चली है. पहले इस बीमारी को बुजुर्गों या फिर एक उम्र के बाद की बीमारी माना जाता था. ब्लड प्रेशर का उपचार तो है लेकिन समय पर इलाज ना हो तो यह जानलेवा साबित हो सकता है. ब्लड प्रेशर को (bp and hypertension) हाइपरटेंशन भी कहा जाता है.
यह एक ऐसी बीमारी है जिसका अक्सर रोगी को पता ही नहीं चल पाता है. ब्लड प्रेशर (High bp and low bp) या उच्च रक्तचाप शरीर में प्रवाहित रक्त के प्रेशर या दबाव को (what is blood pressure) कहते हैं. शरीर में प्रवाहित हो रहा रक्त एक निश्चित दबाव के साथ घूमता है ऐसे में यदि यह दबाव बढ़ जाए तो हाई ब्लड प्रेशर और निर्धारित संतुलन से नीचे जाए तो लो ब्लड प्रेशर होता है. शरीर में रक्त का दबाव कम या ज्यादा हो तो (blood pressure and disease) कई तरह की बीमारियों का कारण बनता है.
पहले यह माना जाता था की बीपी बुढ़ापे की निशानी है, परन्तु आजकल की भागदौड़़ भरी जिंदगी में यह आम बात हो गई है. शरीर की समस्त क्रियाएं बीपी के संतुलन के करना ही होती हैं.
शरीर में बहने वाले रक्त की चाल के दवाब को ही बीपी कहते है. अगर बीपी बड़ा या घटा हुआ है तो इसके कारण कई प्रकार के रोग जैसे- (heart problems due to blood pressure) दिल की बीमारी, स्ट्रोक, मधुमेह, दिमागी बीमारी आदि बड़ी बीमारी हो सकती हैं. तो आइए जानते हैं कि बीपी होता क्या हैं? और इसके बढ़ने और घटने के कारण और उपाय के
बारें में.
बीपी क्या है? (what is blood pressure)
शारीरिक क्रिया के दौरान अशुद्ध खून पहले दिल के एक भाग से फेफड़ों में प्रवेश करता है, फिर वहां से शुद्ध होकर दिल में वापस आ जाता है. फिर दिल का दूसरा भाग खून को पंप करके उसे शरीर के बाकी हिस्सों में भेजता है. दिल जब खून को पंप करता है तो यह क्रिया एक उचित दबाव के साथ की जाती है, जिससे कि आखिरी छोर पर पहुंचने के बाद भी खून में इतना दाब बना रहा सके कि वह फिर से दिल तक लौट कर आ सके. इस पूरी प्रक्रिया में धमनियों की भित्ति पर जा दाब स्थापित होता है वही रक्तचाप है.
हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण (High blood pressure symptoms)
-तेज सिरदर्द होना
-नाक से खून आना
-शिथिलता होना
-घबराहट होना
-सांस फूलने लगना, घबराहट होना
-दिल की धड़कनों का तेज चलना
-चक्कर आना
लो ब्लड प्रेशर के लक्षण (Lowblood pressure symptoms)
-अचानक कमजोरी महसूस करना
-चक्कर आना, जी मिचलाना
-शरीर का ठंडा पड़ना और सांसो का कम होना
-अनियमित धड़कनें, तेज बुखार
-उल्टी, डायरिया बेहोशी जैसे लक्षण लो बीपी यानी की निम्न रक्तचाप के हैं.
ब्लड प्रेशर के कारण (causes of blood pressure high)
ब्लड प्रेशर का सबसे बड़ा कारण है खराब दिनचर्या, असमय उठना, सोना, असमय खाना.
व्यायाम (शारीरिक निष्क्रियता) की कमी- एक गतिहीन जीवन शैली मोटापा और हाई ब्लड प्रेशर के विकास में योगदान करती है.
गर्भ निरोधक गोलियां- कुछ महिलाएं जो गर्भनिरोधक गोलियां लेती हैं उनमें हाई ब्लड प्रेशर हो जाता है.
दवाएं- कुछ दवाएं जैसे एम्फ़ैटेमिन (उत्तेजक), आहार की गोलियां और ठंड और एलर्जी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाएं रक्तचाप बढ़ाती हैं.
धूम्रपान- जो लोग धूम्रपान करते हैं उन्हें हाई ब्लड प्रेशर का खतरा रहता है.
अधिक वजन या मोटापा- ज्यादा मोटे लोगों को हाई ब्लड प्रेशर का खतरा रहता है.
तनाव- तनाव में रहने से या मानसिक अशांति से हाई ब्लड प्रेशर का खतरा रहता है.
बड़ी उम्र- बड़ी उम्र में हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है.
जेनेटिक्स- इसके कारण भी हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है.
गुर्दे की पुरानी बीमारी- गुर्दे से सम्बंधित किसी भी बीमारी के कारण हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है.
बीमारियों में खतरा- कुछ बीमारियों जैसे थायरॉयड विकार, स्लीप एप्निया, बाधक निंद्रा अश्वसन, अधिवृक्क रोग, गलग्रंथि की बीमारी आदि में हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है.
ब्लड प्रेशर का घरेलू उपचार (Homeremedies for highblood pressure )
लहसुन से मिलेगा फायदा- लहसुन का सेवन (garlic benefits in blood pressure) करने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है साथ ही इम्युनिटी बढ़ती है, बालों की देखभाल व स्किन को भी फायदा मिलता है. इसलिए लहसुन को बिना पकाए ही पानी के साथ खाना खाएं.
काली मिर्च- आप आधा गिलास पानी में एक चुटकी काली मिर्च पाउडर डालकर पिएंगे तो इससे आपके बढ़ते बीपी में राहत मिलेगी साथ ही पाचन संबंधी समस्याएं, सूजन, दांत दर्द में भी काली मिर्च काफी फायदेमंद होती है.
प्याज- प्याज का सेवन करने से ब्लड प्रेशर (onions and blood pressure) कम हो जाता है. प्याज में क्वेरसेटिन नामक फ्लेवोनॉयड्स तत्व भरपूर मात्रा में पाया जाता है. जिससे रक्त वाहिकाएं पतली हो जाती है. यही कारण है कि प्याज का सेवन कर ब्लड प्रेशर कम हो जाता है.
आंवला- आंवले का सेवन करने से न केवल (amla and blood pressure) हाई ब्लड प्रेशर में राहत मिलती है बल्कि यह कई बीमारियों को भी दूर करता है. आप सिर्फ आंवला या फिर आंवला का पाउडर पानी में डालकर पीने से भी शरीर को कई फायदे मिलते हैं. इ
सके अतिरिक्त आवंले को शहद में मिलाकर खाने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सही बना रहता है. आप आंवले को अपनी डाइट में शामिल कर कई रोगों से बचे रह सकते हैं.
सही ब्लड प्रेशर कितना होता है. (Normal Blood Pressure for age)
आमतौर पर ब्लड प्रेशर उम्र के हिसाब से (blood pressure by age) मापा जाता है, लेकिन आजकल की (lifestyle and blood pressure) भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में हर किसी को अपना ब्लड प्रेशर चेक करते रहना चाहिए.
आइए जानते हैं उम्र के हिसाब से कितना होना चाहिए ब्लड प्रेशर.
14 से 18 साल तक की उम्र में ब्लड प्रेशर 90 से 120 होना चाहिए.
19 से 40 साल तक की उम्र में 95 से 135 तक सामान्य माना जाता है.
41 से 60 साल तक की उम्र में 110 से 145 तक सामान्य माना जाता है.
ब्लड प्रेशर रीडिंग किसे कहते हैं. (what is blood pressure reading)
आपको बता दें कि सामान्य रक्त चाप को पारे की यूनिट यानी की इकाई में मापा जाता है जिसे mmHg कहा जाता है. नॉर्मल ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg से कम होता है. खास बात यह है कि इसमें 120 सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर और 80 डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहा जाता है.
आइए अब जानते हैं नॉर्मल ब्लड प्रेशर क्या होता है? (Normal bp range)
ब्लड प्रेशर को सही तौर पर मापने के लिए आपको ब्लड प्रेशर रीडिंग को समझना होगा. यदि आपका ब्लड प्रेशर 90 से 60 है या इससे कम है तो आपका ब्लड प्रेशर लो है यदि 90 या 60 से ज्यादा है और 120/80 से कम है तो इसे नॉर्मल ब्लड प्रेशर कहा जाता है.
हाई ब्लड प्रेशर कितना होता है
शरीर में रक्त का दबाव यदि 120/80 से ज़्यादा और 140/90 से कम सामने आता है तो इसे हल्का बढ़ा हुआ बीपी कहा जाता है, सामान्य तौर पर यह तनाव में काम करने, या ऑफिस वगैरह में कार्य के तनाव से होता है इसे आप लाइफ स्टाइल से सही कर सकते हैं.
इस बात का ध्यान रखें यदि आपको लगातार 140/90 से ज्यादा की रीडिंग दिखाई दे रही हो तो आपको हाईपरटेंशन हो सकता है. इस बात का ध्यान रखें कि ब्लड प्रेशर के सामान्य तौर पर कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं ऐसे में लगातार जांच करके ही बीपी मापा जा सकता है.
डिस्क्लेमर नोट: यह लेख आपकी जानकारी बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. उच्च और निम्न रक्तचाप को ठीक से समझने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें. ब्लड प्रेशर से संबंधित किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर डॉक्टरी सलाह ही श्रेयस्कर है.