ओशो की बात: “शिव सूत्र: चैतन्य ही मैं हूं और सब ‘पर’ है, पराया है
इस जगत में, सिर्फ चैतन्य ही तुम्हारा अपना है. आत्मा का अर्थ होता है, अपना; शेष सब पराया…
इस जगत में, सिर्फ चैतन्य ही तुम्हारा अपना है. आत्मा का अर्थ होता है, अपना; शेष सब पराया…
आत्मा अमर है, यह कोई सिद्धांत, कोई थ्योरी, कोई आइडियोलाजी नहीं है. यह कुछ लोगों का अनुभव है.…