भारत में लोग कई तरह कई तरह के खेल में दिलचस्पी रखते हैं. जैसे क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस, स्कवैश आदि. स्कवैश (Squash Game) के बारे में भारत में लोग कम ही जानते हैं पर ये आम इंसान को फिट रखने के लिए काफी अच्छा खेल है. कई लोग इसे खेलने की सलाह भी देते हैं. स्कवैश को दुनिया का सबसे स्वास्थ्यप्रद खेल माना गया है. इसे ओलिम्पिक में भी शामिल किया गया है.
स्कवैश क्या है? (What is Squash game?)
स्कवैश एक खेल है जिसे आप एक क्लब के अंदर खेल सकते हैं. इसे हम इनडोर गेम कह सकते हैं. इसके खेलने का अंदाज टेनिस की तरह होता है क्योंकि इसमें एक बॉल और टेनिस की तरह रैकेट होता है. हालांकि स्कवैश रैकेट थोड़ा सा अलग और ज्यादा मजबूत होता है. स्कवैश को दुनियाभर में सबसे स्वास्थ्य खेल माना गया है क्योंकि ये फिट रहने में काफी ज्यादा मदद करता है.
स्कवैश खेल के लिए जरूरी चीजें (Equipment for squash game)
स्कवैश खेलने के लिए इन चीजों का होना बहुत जरूरी है अगर ये न हो तो आप स्कवैश नहीं खेल सकते.
1) स्कवैश कोर्ट (मैदान)
2) स्कवैश रैकेट
3) स्कवैश बॉल
4) स्निकर शूज
स्कवैश कोर्ट कैसा होता है? (Squash court size information)
स्कवैश आप किसी भी जगह पर नहीं खेल सकते. इसके लिए सही स्कवैश कोर्ट की जरूरत होती है. अगर आप घर में इसे बनवा सकते हैं तो घर में बनवा लें नहीं तो किसी स्कवैश क्लब की मेम्बरशिप लें. स्कवैश कोर्ट (एक व्यक्ति के लिए) की लंबाई 31 फीट और चौड़ाई 18.5 फीट होती है. वहीं युगल यानि दो व्यक्तियों के लिए इसकी लंबाई 45 फीट और चौड़ाई 25 फीट होती है. कोर्ट के सामने की दीवार की ऊंचाई 20 फीट और प्ले रेखा 16 फीट ऊंची होती है. कोर्ट के दायें-बायें कांच की दीवार होती है जिनकी ऊंचाई 18 फीट होती है. पूरे कोर्ट में 14 फीट का क्षेत्र सर्विस क्षेत्र होता है.
स्कवैश के नियम (What are the basic rules of squash?)
स्कवैश में लकड़ी का कोर्ट बनाया जाता है यानि इसका निचला हिस्सा जिसे हम फ्लोर कहते हैं वो लकड़ी का बना होता है. इसी कोर्ट में सर्विस बॉक्स बने होते हैं जिस पर खड़े होकर खिलाड़ी को सर्विस करनी होती है. सर्विस करने पर गेंद को सर्विस लाइन के ऊपर ही मारना पड़ता है. सर्विस इतनी तेजी से मारनी होती है की गेंद दीवार से टकराकर विपक्षी के कोर्ट में गिरे.
सर्विस करने वाला खिलाड़ी तब तक अंक प्राप्त करता रहता है जब तक की सर्विस टूट नहीं जाती. यानि विपक्षी या खिलाड़ी खुद बॉल को मारने में चूक न गया हो. सर्विस को टूटी हुई तभी माना जाता है जब गेंद वापस होने के बाद कोर्ट में दो टप्पे खा ले या निर्धारित क्षेत्र के ऊपर गेंद लग जाए या फिर गेंद दीवार के नीचे बनी हुई धातु की पट्टी पर लग जाए.
स्कवैश में जीत के अंक (Squash game score)
स्कवैश खेल में चाहे एक व्यक्ति अकेले खेल रहा हो या दो व्यक्ति खेल रहे हो. हमेशा पांच गेम खेले जाते हैं. एक गेम में 15 अंक होते हैं. गेम जीतने के लिए प्रतियोगी के कम से कम दो अंक अधिक होने चाहिए. जब तक ये स्थिति नहीं आती तब तक खेल बराबर चलता रहता है. खिलाड़ी 5 से तीन गेम जीत लेता है वह विजयी माना जाता है.
स्कवैश बॉल के प्रकार (Types of squash ball color and detail)
स्कवैश देखने पर तो ऐसा लगता है की इसमें सिर्फ एक ही बॉल का उपयोग होता है लेकिन इसमें कई तरह की बॉल का प्रयोग होता है जो इनकी स्पीड और उछाल को तय करती है. कौन सी बॉल कितनी उछाल वाली है ये इसके रंगों पर निर्भर करता है.
– नारंगी रंग की बॉल की गति बहुत धीमी होती है और इसका उछाल बहुत कम होता है.
– डबल पीले रंग की बॉल अत्यंत धीमी होती है और इसका उछाल बहुत कम होता है.
– पीले रंग की बॉल भी अत्यंत धीमी होती है और इसका उछाल कम होता है.
– हरे या सफ़ेद रंग की बॉल धीमी गति की होती है और इसका उछाल औसत होता है.
– लाल रंग की बॉल मध्यम गति की होती है और इसकी उछाल उच्चतम होती है.
– नीले रंग की बॉल बहुत तेज गति की होती है और इसका उछाल बहुत ही उच्च होता है.
एक अनुभवी खिलाड़ी हमेशा कम गति की बॉल को चुनता है और कम अनुभवी खिलाड़ी हमेशा तेज गति की बॉल को चुनता है. अगर आप एक अच्छे स्कवैश खिलाड़ी बनना चाहते हैं तो आपको एक अच्छा कोच रखना चाहिए जो आपको सही गाइडेंस करे. स्कवैश खेलने के लिए आपको कोर्ट की मेम्बरशिप और एक अच्छा कोच दोनों ही ले लेना चाहिए.
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