फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ में आपको रेंचो का किरदार तो याद ही होगा जिसे आमिर खान ने निभाया था. ये किरदार सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) से ही प्रेरित था. सोनम वांगचुक इन दिनों काफी सुर्खियों में है क्योंकि ये सरकार के खिलाफ सांकेतिक अनशन कर रहे हैं. इनका आरोप है की प्रशासन इनकी आवाज को दबाना चाहता है. सोनम वांगचुक कौन हैं और ये अनशन क्यों कर रहे हैं इस बारे में आपको जरूर जानना चाहिए.
कौन है सोनम वांगचुक? (Who is Sonam Wangchuk?)
थ्री इडियट्स के रेंचो का किरदार इनसे प्रेरित था. फिल्म में जो इनके बारे में दिखाया वो काफी कम था सोनम उससे भी काफी आगे हैं. सोनम वांगचुक पेशे से एक मैकेनिकल इंजीनियर और हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ अलटरनेटिव्स, लद्दाख के निदेशक है. उनकी उम्र 56 साल है और साल 2018 में इन्हें प्रतिष्ठित मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
सोनम वांगचुक शिक्षा से जुड़े हुए हैं और अपने अनूठे स्कूल- स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख की वजह से वे काफी मशहूर हैं. इनका पूरा कैंपस सौर ऊर्जा पर चलता है. ये रोशनी के लिए और खाना बनाने के लिए जीवाश्म ईधन का उपयोग नहीं करते हैं. उन्होंने साल 1998 में इस स्कूल की नींव रखी. इसका मकसद उन बच्चों को ट्रेनिंग देना था, जिन्हें सिस्टम नालायक करार देता है. साल 1994 में, वांगचुक ने सरकारी स्कूलों की व्यवस्था में सुधार लाने के लिए ऑपरेशन न्यू होप लॉन्च भी किया.
सोनम वांगचुक अनशन क्यों कर रहे हैं? (Why Sonam Wangchuk Protest?)
सोनम वांगचुक लद्दाख के ही रहने वाले हैं. लद्दाख में प्रशासन विकास करना चाहता है और विकास करने के लिए कई परियोजनाएं लेकर आ रहा है जिसके चलते लद्दाख का स्वरूप बदल जाएगा. देखा जाए तो लद्दाख शुद्ध पर्यावरण वाला क्षेत्र है.
सोनम वांगचुक अपने प्रदेश के पर्यावरण को बचाने के लिए सांकेतिक अनशन पर बैठे हैं. वे -40 डिग्री तापमान में भूखे रहकर सांकेतिक अनशन कर रहे हैं. उनका आरोप है कि लद्दाख प्रशासन उनकी आवाज दबाना चाहता है क्योंकि वह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली विकास परियोजनाओं का विरोध कर रहे हैं.
नजरबंद करने का आरोप
वांगचुक ने हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को टैग करके एक ट्वीट किया था. इसमें वांगचुक ने कहा कि ‘मैं पर्यावरण को बचाने के लिए सिर्फ उपवास और प्रार्थना कर हूं. फिर भी केंद्रशासित प्रदेश का प्रशासन मुझे परेशान कर रहा है. वह चाहता है कि मैं एक महीने तक कोई बयान न दूं. किसी सार्वजनिक बैठक में हिस्सा न लूं. आखिर यह कितना सही है.’
वांगचुक ने दावा किया है कि उन्हें नजरबंद किया जा रहा है और सही मायने में उनकी हालत नजरबंद से भी बद्दतर है. लेकिन प्रशासन का कहना है कि वांगचुक को सिर्फ माइनस 40 डिग्री तापमान में भूख हड़ताल करने से रोका गया है
उपवास क्यों कर रहे हैं सोनम वांगचुक?
सोनम वांगचुक ने कुछ दिनों पहले ही यूट्यूब पर एक वीडियो डाली थी. इसमें उन्होंने बताया कि लद्दाख में विकास के नाम पर पर्यावरण से खिलवाड़ हो रहा है. उन्होंने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से लद्दाख के बारए में हाई लेवल पर एक्शन लेने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि लद्दाख और अन्य हिमालयी क्षेत्रों को औद्योगिक शोषण से बचाएं, क्योंकि यह लद्दाख के लोगों के जीवन पर बुरा असर डालेगा.
लद्दाख में पानी की कमी
सोनम वांगचुक ने लद्दाख में पानी की कमी का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश में पानी की इतनी किल्लत है कि लोग 5 लीटर पानी में पूरा दिन गुजार देते हैं. कई लोग जल संकट के चलते यहाँ से पलायन भी कर चुके हैं. इस सूरत में अगर विकास परियोजनाओं के नाम पर लद्दाख के पर्यावरण से खिलवाड़ जारी रहता है, यहां उद्योग लगते हैं, माइनिंग होती है, तो धूल और धुएं से ग्लेशियर खत्म हो जाएंगे. लद्दाख में ग्लेशियर ही पानी के सबसे बड़े स्रोत हैं.
यह भी पढ़ें :
Cloudburst: बादल कब और कैसे फटता है, क्या है बादल फटने का कारण?
रेलवे स्टेशन पर क्या होता है जंक्शन, सेंट्रल और टर्मिनस का मतलब?
कैसे हुई दुनिया की सबसे बड़ी चोरी, ट्रक में भरकर ले गए 7500 करोड़?