नार्वे में नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के विशेषज्ञ अर्नलफ लेंगहेमर के अनुसार पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं को सांस की तकलीफ व धूम्रपान के हानिकारक प्रभाव होने की संभावना अधिक होती है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि इसका कारण शायद महिलाओं के फेफड़ों का आकार है. महिलाओं के फेफड़े पुरुषों की अपेक्षा छोटे आकार के होते हैं.
अगर महिलाएं धूम्रपान अधिक करती हैं, तो पुरुषों की तुलना में उन्हें इसका हानिकारक प्रभाव अधिक झेलना पड़ता है व उन्हें व्हीजिंग, खांसी आदि श्वास रोग अधिक होते हैं. लेंगहेमर के अनुसार अगर महिलाएं धूम्रपान करती हैं तो उन्हें अस्थमा व श्वास समस्याएं होने की संभावना 50 प्रतिशत बढ़ जाती है इसलिए महिलाओं के लिए तम्बाकू या सिगरेट का सेवन बहुत ही नुकसानदायक है. वसायुक्त आहार मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाता है.
दरअसल, अभी तक विशेषज्ञों का मानना था कि वसायुक्त आहार मोटापा, हृदय रोगों व मधुमेह का कारण है, लेकिन हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ टोरन्टो के शोधकर्ताओं ने एक शोध में पाया कि वसायुक्त आहार मस्तिष्क पर भी दुष्प्रभाव डालता है. इस शोध के शोधकर्ता डॉ. कैरोल ग्रीनवुड और गॉर्डन विनोकर के अनुसार उच्च वसायुक्त आहार, रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले तत्व इंसुलिन के प्रति तीव्र प्रतिरोध क्षमता विकसित करके मस्तिष्क की कार्य प्रणाली को धीमा कर देता है. इंसुलिन प्रतिरोध अवस्था में शरीर इंसुलिन के प्रति अपनी संवेदनशीलता गंवा देता है.
इन विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि कार्बोहाइडेटस स्मरण शक्ति में वृद्धिकारक हैं. एक अन्य शोध से यह ज्ञात हुआ है कि आलुओं या जौ का नाश्ता करने वालों का स्मरण शक्ति परीक्षणों में प्रदर्शन श्रेष्ठ पाया गया.