बिजनेस करना हो या रहना हो कई लोग किराए से जमीन (Property on rent) लेना ज्यादा उचित समझते हैं क्योंकि इससे उनका काम भी हो जाता है और उन्हें ज्यादा पैसा खर्च नहीं करना पड़ता है. किसी भी प्रॉपर्टी को किराए पर लेने से पहले उसका रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement) या किरायानामा (Kirayanama) बनवा लेना जरूरी होता है. इसका फायदा दोनों पक्षों को होता है.
रेंट एग्रीमेंट में प्रॉपर्टी का मालिक अपनी शर्तों को बता सकता है और प्रॉपर्टी को किराए पर लेने वाले व्यक्ति को वो शर्ते मान्य करना होती है. इससे दोनों के बीच आपसी सहमति हो जाती है. इससे आगे चलकर विवाद की स्थिति उत्पन्न नहीं होती है और अगर होती भी है तो उसका निदान हो जाता है.
रेंट एग्रीमेंट/किरायानामा क्या है? (What is Rent Agreement?)
रेंट एग्रीमेंट या किरायानामा (Kirayanama) एक तरह का कानूनी दस्तावेज़ होता है जो किसी भी प्रॉपर्टी को किराए पर देने से पहले किराएदार और मकान मालिक की आपसी सहमति के आधार पर तैयार होता है. इसे आप एक तरह का समझौता भी कह सकते हैं जिसमें वो सभी शर्तें शामिल होती है जो मकान मालिक किराएदार के सामने रखना चाहता है.
इस पर दोनों पक्षों के साइन होते हैं और वे इस बात पर सहमति जताते हैं की मकानमालिक इन शर्तों के साथ अपनी प्रॉपर्टी को किराए पर दे रहा है और किराएदार उन सभी शर्तों को मानकर उस प्रॉपर्टी को किराए पर ले रहा है. अगर प्रॉपर्टी के मालिक को रेंट एग्रीमेंट में कुछ बदलाव करने हैं तो किराएदार को 30 दिन पहले नोटिस दिया जाना अनिवार्य है.
रेंट एग्रीमेंट बनाने के लिए जरूरी बातें (Important things for Rent Agreement)
रेंट एग्रीमेंट बनाते समय कुछ जरूरी चीजों का ध्यान रखें.
1) गवाह : आपको रेंट एग्रीमेंट बनवाने के लिए 2 गवाहों की जरूरत होती है. ये गवाह शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ होने चाहिए. इन गवाहों की उम्र 18 वर्ष से ज्यादा होनी चाहिए. इनके ऊपर किसी प्रकार का कोई दबाव न बनाया गया हो.
2) एग्रीमेंट का समय : आप जो रेंट एग्रीमेंट बनवा रहे हैं उसे कितने समय के लिए बनवा रहे हैं ये कानूनी रूप से जानना जरूरी है. अगर आप एग्रीमेंट को सिर्फ नोटरी पर करवा रहे हैं तो आपको 11 महीने का रेंट एग्रीमेंट बनवाना चाहिए. ये कानूनी रूप से सही होता है.
3) प्रॉपर्टी पर विवाद : जो व्यक्ति प्रॉपर्टी किराए पर ले रहा है उसे ये अच्छी तरह पड़ताल कर लेनी चाहिए की प्रॉपर्टी पर किसी तरह का कोई विवाद तो नहीं है. उस प्रॉपर्टी पर कोर्ट ने स्टे ऑर्डर तो नहीं लगा रखा. इन सब बातों की पुष्टि के बाद ही प्रॉपर्टी किराए पर लें.
रेंट एग्रीमेंट का प्रारूप (Rent Agreement Format)
रेंट एग्रीमेंट बनवाने के लिए एक प्रारूप (Rent agreement format) की जरूरत होती है. हालांकि वकील आपको वो प्रारूप बनवा देते हैं लेकिन आपको भी ये पता होना चाहिए की रेंट एग्रीमेंट या किरायानामा का फ़ारमैट कैसा होता है.
इकरारनामा बाबत किराया/किरायानामा
वार्षिक किराया :
स्टांप :
स्टांप क्रमांक दिनांक
स्टांप की संख्या
किरायानामा आज दिनांक ____________ को श्री/श्रीमति _______________________ पुत्र/पुत्री /धर्मपत्नी/विधवा __________________ आय वर्ष ______________ निवासी _________ तहसील _________________ जिला _____________ राज्य _____________. (प्रथम पक्ष/मालिक)
श्री/श्रीमति ________________________ पुत्र/पुत्री/धर्मपत्नी/विधवा ___________ आयु वर्ष _________ निवासी __________ तहसील __________ जिला __________ राज्य ____________ (द्वितीय पक्ष/किराएदार) के बीच निष्पादित किया गया है.
जो की प्रथम पक्ष अनुसूची में दर्शाया गया है, एक मकान/प्लॉट/फ्लैट/दुकान/फ़ैक्टरी/औद्योगिक प्लॉट/ जिनका प्रथम पक्ष मालिक व काबिज है. जिस पर किसी प्रकार का कोई भार नहीं है. अनुसूची में दर्शाई गई अचल संपत्ति पर किसी प्रकार का कोई कर्ज, किसी बैंक या सरकारी अथवा गैर सरकारी संस्था से प्राप्त नहीं किया हुआ. संबन्धित अचल संपत्ति किसी नीलामी व कुर्की आदि में शामिल नहीं है. संबन्धित अचल संपत्ति को आज से पहले किसी प्रकार के रहन-बैय-हिब्बा व अन्य तरीके पर हस्तांतरित नहीं किया गया है. अचल संपत्ति को किराए पर देने की बावत किसी प्रकार की कोई रुकावट किसी विभाग या किसी न्यायालय की नहीं है. उक्त अचल संपत्ति पर प्रथम पक्ष का कब्जा दिनांक _______________ से बतौर किराएदार राशि ___________ रुपये प्रति मास पर बतौर किराए के रूप में देनी स्वीकार की है. जिसकी बावत किरायानामा दिनांक _____________ को किया गया है. जिसका किरायानामा निष्पादित करना प्रथम पक्ष व द्वितीय पक्ष उचित समझते हैं. इसलिए अब प्रथम पक्ष व द्वितीय पक्ष उक्त किरायानामा दिनांक ___________ तक के लिए निष्पादित करते हैं की प्रथम पक्ष ने अपनी उक्त राशि _________ रुपये प्रति मास किराए पर द्वितीय पक्ष को निम्नलिखित शर्तों पर दी है: –
1) यह है की मौके पर कब्जा द्वितीय पक्ष का दिनांक __________ से दे दिया है और यह किरायानामा दिनांक __________ तक की अवधि तक वैध रहेगा.
2) किराए की इस अवधि के दौरान द्वितीय पक्ष किराए के रूप में प्रथम पक्ष को _____________ रुपये प्रति मास के हिसाब से हर मास की ___________________ तिथि तक अग्रिम रूप में प्रथम पक्ष को नगद प्रदान कर देगा.
3) यह है की उक्त अवधि के दौरान सरकारी लगान, पानी एवं बिजली का खर्च द्वितीय पक्ष स्वयं वहाँ करता रहेगा जिसके बारे में प्रथम पक्ष कोई आपत्ति उत्पन्न नहीं करेगा.
4) यह है की उक्त अवधि समाप्त होने पर द्वितीय पक्ष, प्रथम पक्ष को वापिस कर देगा.
5) यह है की उक्त अवधि के दौरान भुगतान की रसीद प्रथम पक्ष, द्वितीय पक्ष को देगा.
6) यह है की उक्त अवधि के दौरान प्रथम पक्ष व द्वितीय पक्ष के बीच कोई विवाद होता है तो पंच फैसला दोनों पक्षों को मान्य होगा.
7) यह है की द्वितीय पक्ष ने ___________________ रुपये (शब्दों में ________________रुपये ) केवल नगद प्रथम पक्ष को बतौर जमानत के रूप में अदा कर दिये हैं जो की बिना किसी ब्याज के प्रथम पक्ष द्वितीय पक्ष को संबन्धित अचल संपत्ति के खाली करने के समय बकाया किराया व अन्य देनदारी आदि काट कर वापस कर देगा.
8) यह है की उपरोक्त अवधि के बाद यदि किराएदार की अवधि बधाई जाती है तो प्रत्येक मास _________ के बाद ____ प्रतिशत की दर से किराए में वृद्धि की दर से किराए में वृद्धि होगी. तथा किराएदारी की अवधि केवल प्रथम पक्ष की सहमति द्वारा ही बढ़ाई जा सकेगी
9) यह है की द्वितीय पक्ष संबन्धित अचल संपत्ति को केवल _________ कार्य के लिए इस्तेमाल करेगा.
10) यह है की द्वितीय पक्ष संबन्धित अचल संपत्ति पर या इसकी किसी भी निर्माण में किसी भी किस्म की कोई तोडफोड या नया निर्माण कार्य नहीं करेगा तथा किसी अन्य व्यक्ति को किराए पर नहीं देगा तथा प्रथम पक्ष को हक होगा की वह किसी भी समय निरीक्षण के लिए आ सकता है. जिस पर द्वितीय पक्ष को कोई आपत्ति नहीं होगी तथा द्वितीय पक्ष ऐसा कोई कार्य नहीं करेगा जो की कानून की नजरों में गलत होगा.
11) यह है की संबन्धित अचल संपत्ति में छोटी मरम्मत जैसे की बिजली की तारों में परेशानी, पानी की लीकेज आदि द्वितीय पक्ष स्वयं करेगा.
12) यह है की जब भी किसी पक्ष को उपरोक्त अचल संपाती को खाली करना है या करवाना है तो वह दूसरे पक्ष को दो महीने पहले नोटिस देगा.
13) यह है की उपरोक्त किरायानामा के दोनों पक्ष हमेशा पाबंद रहेंगे तथा इसकी शर्तों का पालन करेंगे.
अतः यह किरायानामा लिख दिया है की बतौर साक्षी प्रमाण रहे ताकि समय पर काम आए.
दिनांक : ______________
अनुसूची (पहचान के लिए अचल संपत्ति का विवरण)
नक्शा सीमा व पैमाइश मकान/प्लॉट/फ्लैट/दुकान/फ़ैक्टरी/औद्योगिक प्लॉट के केस में
पूर्व : ________________ फुट ______________ इंच
पश्चिम : ________________ फुट ______________ इंच
उत्तर : ________________ फुट ______________ इंच
दक्षिण: ________________ फुट ______________ इंच
स्थित _______________________________
साक्षीगण:
1) हस्ताक्षर प्रथम पक्ष
2) हस्ताक्षर द्वितीय पक्ष
रेंट एग्रीमेंट के लिए जरूरी दस्तावेज़ (Document for Rent agreement)
– किराएदार-मकान मालिक दोनों के आधार कार्ड की फोटोकॉपी व ओरिजिनल
– दो गवाह उनके आईडी प्रूफ और साइन
– स्टांप
– किराएदार-मकान मालिक के पासपोर्ट साइज़ फोटो
– मकान का किराया एवं सिक्योरिटी धनराशि
इस तरह आप अपनी प्रॉपर्टी को किराये पर देते समय रेंट एग्रीमेंट बनवा सकते हैं. रेंट एग्रीमेंट बनवाते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आपको किसी न किसी वकील की मदद जरूर लेनी है. वकील इन कामों के जानकार होते हैं. अगर आपसे किसी प्रकार की कोई गलती हो जाती है तो वकील उसे बताते हैं और एक सही रेंट एग्रीमेंट बनाने में आपकी मदद करते हैं.
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