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अखबारों में अक्सर पढ़ने को मिलता है कि फलाने गुंडे पर रासुका (RASUKA) लगाकर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. अब जो लोग पुलिस में हैं या फिर कानून की पढ़ाई कर रहे हैं वो इस बारे में जानते हैं लेकिन आम लोगों की समझ से अभी भी ये शब्द थोड़ा दूर है. रासुका एक एक्ट है जिसके बारे में हर भारतीय को जानना चाहिए. खासतौर पर उन लोगों को जिनकी रुचि कानून और कानून की धाराओं में है. इस लेख में आप रासुका एक्ट (RASUKA Act) से जुड़ी कई सारी बाते जानेंगे.

रासुका एक्ट क्या है? (What is NSA/Rasuka Act?)

रासुका एक कानून है जिसका पूरा नाम राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 है. इस कानून का अर्थ क्या होगा ये इसके नाम में ही छुपा हुआ है. ये कानून देश की सुरक्षा से संबन्धित है. इसके तहत केंद्र सरकार और राज्य सरकार को विशेष शक्ति प्राप्त है. इस शक्ति के तहत भारत के किसी भी राज्य में पुलिस को या सरकार को किसी व्यक्ति या समूह पर शक होता है की वो कोई ऐसी गतिविधि करने वाला है जो देश के हित में नहीं है. या फिर उसकी गतिविधि देश की सुरक्षा में बाधा बन सकती है, या फिर देश को चलाने में बाधा डाल सकती है तो ऐसे व्यक्ति को रासुका कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया जाता है.

रासुका के तहत गिरफ्तारी कब की जाती है? (Arrest Rule in Rasuka Act?)

रासुका के तहत गिरफ्तारी तभी की जा सकती है जब सरकार को लगता है की कोई व्यक्ति ऐसा काम करने वाला है जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है, या देश चलाने में बाधा डाल सकता है तो सरकार उसकी गिरफ्तारी रासुका एक्ट के तहत करवाती है. लेकिन बाद में सरकार को कोर्ट में ये साबित करना होता है कि जिस गिरफ्तारी को सरकार ने करवाया है वो वास्तव में जायज थी. अगर सरकार ऐसा नहीं कर पाती है तो फिर उस व्यक्ति को छोड़ दिया जाता है.

रासुका के तहत कितने समय के लिए गिरफ्तार किया जाता है? (Rasuka act rules in hindi)

रासुका के तहत यदि किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है तो पहली बार उसे 3 महीने से अधिक समय के लिए जेल में नहीं रखेगी. लेकिन जरूरत पड़ने पर 3-3 महीने की हिरासत को और भी बढ़ाया जा सकता है. गिरफ्तार करने वाली सरकार को कोर्ट में 12 महीने के अंदर आरोप को साबित करना होता है. यदि अपराध साबित नहीं होता है तो 12 महीनों से ज्यादा समय के लिए हिरासत में नहीं रख सकते.

रासुका के क्या नियम हैं? (Rules of NSA Act)

रासुका को आसान भाषा में समझने के लिए हम इसके नियमों को आसान भाषा में समझते हैं.

– रासुका एक्ट के तहत सरकार किसी भी व्यक्ति को सिर्फ शक के आधार पर गिरफ्तार कर सकती है.
– गिरफ्तारी के बाद व्यक्ति को वकील से भी नहीं मिलने दिया जा सकता और न ही उसकी जमानत होती है.
– रासुका के अपराधी को कम से कम 3 महीने के लिए अंदर किया जा सकता है इससे ज्यादा 1 साल तक हिरासत में रखा जा सकता है.
– रासुका जिस व्यक्ति पर लगाई गई है वो व्यक्ति सिर्फ हाई कोर्ट की एड्वायजरी बोर्ड के सामने अपील कर सकता है.-
– रासुका के तहत किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने पर सरकार को कोर्ट में ये साबित करना पड़ेगा कि अपराधी द्वारा किया गया कार्य देश की सुरक्षा के लिए खतरा था. ये सब सरकार को एक साल के अंदर-अंदर करना होता है.
– यदि सरकार आरोप को सिद्ध नहीं कर पाती है तो उस व्यक्ति को छोड़ दिया जाता है.

रासुका एक्ट अच्छा भी है और बुरा भी है. रासुका एक्ट की वजह से राज्यों में पुलिस शक के आधार पर सीधी गिरफ्तारी कर सकती है. लेकिन इस कानून की वजह से कभी-कभी निर्दोष लोग भी जेल चले जाते हैं. अब वो भले ही बाद में छूट जाए लेकिन उन पर एक अपराधी होने का कलंक तो लग ही जाता है.

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