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रक्षाबंधन इस बार अजब संयोग लेकर आया है जिसकी वजह से लोग असमंजस में है (Raksha Bandhan Kab hai?) कि वे राखी कब बांधे? राखी बांधने के शुभ मुहूर्त (Raksha Bandhan shubh muhurat)  को लेकर भी काफी लोग असमंजस में है क्योंकि इस साल रक्षाबंधन के अवसर पर भद्राकाल है.

रक्षाबंधन कब है? (Raksha Bandhan Timing 2022)

रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त से पहले हम ये जान लेते हैं कि रक्षाबंधन कब है? (Raksha Bandhan 2022 timing)

रक्षाबंधन का त्योहार हर वर्ष सावन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इस वर्ष पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 11 अगस्त की सुबह 10 बजकर 37 मिनट से होगी और ये अगले दिन यानी 12 अगस्त को सुबह 7 बजे खत्म होगी. 11 और 12 अगस्त दोनों को ही पूर्णिमा तिथि है इसलिए दोनों दिन रक्षाबंधन मनाए जाने की बात कही जा रही है. 

रक्षाबंधन पर भद्राकाल (Bhadra on Raksha Bandhan) 

रक्षाबंधन पर इस बार भद्राकाल को लेकर काफी लोग परेशान है. भद्राकाल में राखी बांधे या न बांधे उनके मन में ये प्रश्न जरूर है. रक्षाबंधन पर भद्राकाल की समाप्ति रात 8 बजकर 51 मिनट पर होगी. वहीं भद्रा पुंछ का समय शाम 5 बजकर 17 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगा और भद्रा मुख का समय शाम को 6 बजकर 18 मिनट से रात 8 बजे तक रहेगा.

भद्राकाल में राखी क्यों नहीं बांधते (Bhadra Important on Raksha Bandhan) 

भद्राकाल में राखी बांधने के बारे में कई लोग कहते हैं. इसके पीछे कहा जाता है कि सूर्पनखा ने अपने भाई रावण को भद्राकाल में रक्षासूत्र बांध था. इसके एक वर्ष के भीतर ही रावण का नाश हो गया था. इसलिए कहा जाता है कि भद्राकाल में राखी नहीं बांधना चाहिए. 

रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त (Raksha Bandhan Shubh Muhurat) 

रक्षाबंधन की शुरुआत 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 37 मिनट से हो रही है. आप 11 और 12 अगस्त दोनों दिन राखी बांध सकते हैं.

रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त की बात करें तो आप 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 37 मिनट से राखी बांध सकते हैं. हालांकि जिस समय पर भद्रा है उसमें राखी न बांधे. रक्षाबंधन के शुरू होने के बाद से आप राखी बांध सकते हैं. शाम को भद्राकाल में राखी न बांधे. वहीं दूसरी ओर आप 12 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक राखी बांध सकते हैं.

भाई को राखी कैसे बांधे? (Raksha Bandhan Puja Vidhi) 

रक्षाबंधन पर भाई को विधि-विधान के साथ राखी बांधना चाहिए. इसकी पूरी विधि आप यहाँ पढ़ सकते हैं.

– रक्षाबंधन के दिन स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.

– एक थाली में बहन रोली, चंदन, राखी, घी का दीपक, मिठाई, नारियल, रुमाल , अक्षत और फूल रखें.

– भाई को उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठ दें.

– सबसे पहले भाई के सिर पर रुमाल डालें.

– इसके बाद रोली, चंदन, अक्षत से भाई का तिलक करें.

– फिर मंत्र बोलते हुए भाई को सीधे हाथ पर राखी बांधे.

– राखी बांधने के बाद भाई को मिठाई खिलाएं.

– भाई की आरती करें.

– अंत में भाई बहन के पैर छूकर उसका आशीर्वाद ले और उसे उपहार दे.

रक्षा बंधन का दिन भाई और बहन के प्रेम का दिन है. इस दिन भाई राखी बँधवाकर बहन की रक्षा का प्रण लेता है. इसके साथ ही बहन का बांधा हुआ रक्षा सूत्र मुसीबतों में भाई को समस्या से निकालता है.   

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By पंडित नितिन कुमार व्यास

ज्योतिषाचार्य पंडित नितिन कुमार व्यास मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में रहते हैं. वे पिछले 35 सालों से ज्योतिष संबंधी परामर्श और सेवाएं दे रहे हैं.

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