Thu. Nov 21st, 2024

Property Auction : नीलामी की प्रॉपर्टी कैसे खरीदें, बैंक प्रॉपर्टी नीलामी की प्रक्रिया

आज के समय में अपनी प्रॉपर्टी या फ्लैट का सपना हर व्यक्ति का होता है. कई लोग प्रॉपर्टी (Property Purchase) को खरीदने के लिए अपने जीवन में पैसों को इकट्ठा करते हैं तो कई लोग होमलोन (Home loan) के जरिये प्रॉपर्टी को खरीदते हैं.

बहरहाल, इन दोनों के अलावा भी प्रॉपर्टी खरीदने का एक रास्ता है. आप बैंक द्वारा नीलाम (Property auction by bank) किए जाने वाली प्रॉपर्टी को खरीद सकते हैं. ये प्रॉपर्टी आपको बाजार के दाम से कम दाम पर ही मिल जाती है. आप चाहेंं तो खुद इस नीलामी में हिस्सा लेकर प्रॉपर्टी को खरीद सकते हैं.

प्रॉपर्टी नीलामी प्रक्रिया (Property auction process)

प्रॉपर्टी को नीलाम (Property auction) करने की अपनी प्रक्रिया होती है, जिसे नीलाम होने वाली प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले आपको जान लेना चाहिए. अगर आप इस बारे में जान लेते हैं तो आप आसानी से प्रॉपर्टी की नीलामी की प्रक्रिया (Property auction process) को समझ पाएंगे और नीलाम होने वाली प्रॉपर्टी को अपना बना पाएंगे.

प्रॉपर्टी नीलम क्यों की जाती है? (Why bank auction property?)

आपने कई बार अखबारों में देखा होगा की प्रॉपर्टी नीलाम हो रही है. बैंक एक साथ कई सारी प्रॉपर्टी को नीलाम कर रही है. बैंक प्रॉपर्टी को नीलाम क्यों करती है?

दरअसल, कई व्यक्ति होते हैं जो बैंक से लोन लेते हैं. इन लोन को लेने के लिए लोन लेने वाले को गारंटी देनी होती है. गारंटी के रूप में बैंक किसी भी व्यक्ति की प्रॉपर्टी को मुख्य रूप से देखती है.

जब लोन लेने वाला व्यक्ति बैंक के कई नोटिस देने के बाद भी बैंक का कर्ज नहीं चुका पाता और डिफाल्टर बन जाता है तो बैंक उसकी प्रॉपर्टी पर कब्जा कर लेती है.

इस तरह कुछ समय के बाद जब कर्जदाता पूरी तरह कर्ज देने में असमर्थ होता है तो बैंक अपने कर्ज को लेने के लिए उस व्यक्ति की प्रॉपर्टी को नीलाम करती है और उस प्रॉपर्टी की कीमत से अपना कर्ज लेती है.

प्रॉपर्टी नीलामी की प्रक्रिया (Property auction process)

प्रॉपर्टी नीलामी की प्रक्रिया बैंक के द्वारा की जाती है. इसके लिए बैंक अखबार में समय-समय पर विज्ञापन निकालते हैं. इसकी जानकारी आप चाहे तो उनकी वेबसाइट पर भी देख सकते हैं. जब आपके शहर में प्रॉपर्टी की नीलामी हो तब आप उसमें भाग ले सकते हैं.

प्रॉपर्टी की नीलामी में भाग लेने के लिए 1 महीने का समय होता है इस दौरान जो भी व्यक्ति इस प्रॉपर्टी को खरीदने का इच्छुक होता है वो बैंक में जाकर संपर्क कर सकता है या फिर ऑनलाइन अपना आवेदन दे सकता है.

बैंक की नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए बैंक आपसे कुछ जरूरी कागजात और कुछ रकम की मांग करता है जिसे अर्नेस्ट मनी कहते हैं. कुछ बैंक दस्तावेजों को डिजिटल रूप में मांगते हैं. इसमें आपके वैलिड आईडी और एड्रेस प्रूफ और डिजिटल साइन मांगे जाते हैं. इसके अलावा आपको अर्नेस्ट मनी डिपॉज़िट करनी पड़ती है जो प्रॉपर्टी की कीमत की 10 प्रतिशत होती है.

प्रॉपर्टी की नीलामी होते वक़्त यदि आप बोली जीत जाते हैं तो प्रॉपर्टी आपकी हो जाती है. बोली होने के समय आपने जितनी बोली लगाई है उसका 25 प्रतिशत आपको उसी समय बैंक को देना होता है.

इस 25 प्रतिशत में से आपके द्वारा पहले जमा की गई रकम को घटा दिया जाता है. शेष रकम का भुगतान आपको अपने और बैंक द्वारा तय किए गए समय के आधार पर करना है. यदि आप भुगतान नहीं कर पाते हैं तो बैंक आपकी राशि को जब्त कर लेती है और नीलामी को निरस्त कर दिया जाता है.

नीलामी की प्रॉपर्टी में सावधानी (Precaution in property auction)

नीलामी की प्रॉपर्टी खरीदना आपको सस्ता लग सकता है क्योंकि बैंक द्वारा इनकी मार्केट वैल्यू को घटा दिया जाता है. बैंक अपने कर्ज के अनुसार नीलामी की रकम को रखता है. लेकिन कभी-कभी आपको नीलामी की प्रॉपर्टी खरीदना महंगा पड़ सकता है.

– नीलामी की प्रॉपर्टी में बैंक को अपने कर्ज से मतलब होता है. एक प्रॉपर्टी को खरीदने के साथ-साथ उसके कई तरह के बिल और टैक्स होते हैं जिनका भुगतान पहले नहीं किया गया है तो वो आपको करना पड़ेगा, क्योंकि अब आप उस जमीन के मालिक हैं.

– नीलामी की प्रॉपर्टी खरीदने में आपको एक बार प्रॉपर्टी की जांच कर लेना चाहिए. कई बार जो कर्ज नहीं दे पाता वो उस मकान को ऐसे हाल पर छोड़ देता है कि जिस कीमत पर आप उसे खरीदते हैं वो उसके बराबर भी नहीं रहता है. जब आप उसे खरीद लेते हैं तो आपको उसकी मरम्मत भी करवानी पड़ती है. इससे आपका खर्चा बढ़ सकता है.

– नीलामी की प्रॉपर्टी जिसे आप खरीद रहे हो उसमें ये भी हो सकता है की उसका मालिक वहांं रहता ही न हो और उसने वहाँ किराएदार छोड़ रखे होंं. ऐसे में आपको उन किराएदार से घर खाली करवाने महंगा पड़ सकता है. कई बार ये काम टेढ़़ी़ खीर साबित हो जाता है.

यह भी पढ़ें :

IPO : आईपीओ क्या होता है, आईपीओ की कीमत कैसे तय होती है?

Mutual fund loan : म्यूचुअल फ़ंड पर लोन कैसे मिलता है?

CNG Pump : कैसे शुरू करें सीएनजी गैस स्टेशन, सीएनजी पम्प खोलने का खर्च

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *