Wed. Dec 4th, 2024

Pollution essay : प्रदूषण पर निबंध, प्रदूषण की समस्या व दुष्परिणाम पर निबंध

Image Credit : Pixabay

विज्ञान के इस युग में हमें सुख-सुविधा के लिए कई सारी चीजें मिली हैं लेकिन इन चीजों से हमें कुछ हद तक नुकसान भी पहुंचता है. इसी के चलते पूरी दुनिया प्रदूषण से परेशान है. प्रदूषण को कम करने को लेकर कई देश काम कर रहे हैं लेकिन प्रदूषण की मात्र आए दिन बढ़ती जा रही है. प्रदूषण का निबंध (Pollution essay) स्कूल की परीक्षाओं में भी पूछा जाता है.

प्रदूषण का निबंध

प्रदूषण आज हमारे सामने एक बहुत बड़ी समस्या बन गया है. विज्ञान ने जहां हमें ढेर सारी सुख-सुविधा की चीजें दी हैं जिनसे हमारा जीवन आसान हो गया है वहीं इन चीजों से होने वाले प्रदूषण से हम और हमारा वातवरण भी प्रदूषित हो रहा है. प्रदूषण आज एक गंभीर समस्या बन चुका है.

प्रदूषण क्या है?

ऐसे तत्व जो हमें और हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं वो प्रदूषण कहलाते हैं. शहरों में काफी ज्यादा प्रदूषण देखने को मिलता है. अगर आप घर से बाहर निकले तो आपका सामना कई तरह के प्रदूषण से हो जाता है. प्रदूषण्ण के जिम्मेदार भी हम ही है क्योंकि ये हमारे कारण ही हो रहा है.

प्रदूषण के प्रकार

प्रदूषण के निम्न प्रकार है.

वायु प्रदूषण

ऐसे तत्व जिनके कारण हमारा वायुमंडल और पर्यावरण खराब हो रहा है उसे वायु प्रदूषण कहते हैं. वायु प्रदूषण वाहनों से निकालने वाले धुएँ, फैक्ट्री से निकालने वाले धुएँ से सबसे ज्यादा होता है. इसके होने से हमें सांस लेने में समस्या होती है, आँखों में जलन होती है.

जल प्रदूषण

जल का दूषित होना जल प्रदूषण कहलाता है. जल प्रदूषण फैक्ट्री से निकालने वाले गंदे पानी, हमारे द्वारा दूषित पानी को अच्छे पानी में मिलने से होता है. शहरों में नाले होते हैं जो आगे चलकर यदि नदी में मिलते हैं तो नदी का जल प्रदूषित हो जाता है. स्वच्छ नदियों में कचरा फेंकने, केमिकल वाला पानी छोड़ने आदि से भी जल प्रदूषण होता है. जल प्रदूषण का नकारात्मक प्रभाव हम पर ही होता है. ये हमारे पीने के पानी को प्रभावित करता है और फिर हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाता है.

ध्वनि प्रदूषण

आज सड़कों पर ढेर सारे वाहन हो गए हैं, कई सारी फैक्ट्री बन गई है जिनके कारण बहुत शोर होता है. ये शोर ही ध्वनि प्रदूषण कहलाता है. ध्वनि प्रदूषण सीधे तौर पर हमारे कानों और मस्तिष्क पर दुष्प्रभाव डालता है. इसके कारण व्यक्ति चिड़चिड़ा हो जाता है.

प्रदूषण के दुष्परिणाम

प्रदूषण के होने से मानव के जीवन पर खतरा पैदा हो गया है. मानव प्रदूषण के कारण कई तरह की बीमारियों का शिकार हो रहा है. आज मानव खुली हवा में सांस लेने को तरस गया है. प्रदूषण के कारण सब्जियाँ, फल आदि सब दूषित हो रहे हैं जिनसे मानव के शरीर पर असर पड़ रहा है. प्रदूषण का असर सिर्फ हमारे शरीर पर ही नहीं बल्कि हमारे पर्यावरण पर भी पड़ रहा है. असमय बरसात होना, तेज गर्मी पड़ना ये सब इसी के दुष्परिणाम हैं.

उपसंहार

प्रदूषण मानव की ज़िंदगी पर खतरा बन रहा है इसलिए हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए की हम कम से कम प्रदूषण करें. हमारे द्वारा जो गंदा पानी छोड़ा जा रहा है, जो गंदगी की जा रही है वो कम हो और उससे साफ और स्वच्छ चीजें दूषित न हो. अन्यथा ये सभी हमें ही आगे चलकर नुकसान पहुंचाती हैं.

यह भी पढ़ें :

मोबाइल पर निबंध, मोबाइल के लाभ तथा दुष्परिणाम निबंध

कंप्यूटर पर निबंध, कंप्यूटर का महत्व तथा उपयोग पर लेख

विज्ञान के चमत्कार निबंध, विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध

By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *