पिंपल्स या मुहासों की प्रॉब्ल्म्स युवाओं में आम है. 16 से 20 साल की उम्र में लड़के-लड़कियों में मुहांसे होना सामान्य कहा जाता है. लेकिन समस्या तब होती है जब मुंहासों से चेहरे का सौंदर्य बिगड़ने लगे और व्यक्ति खुद को हीन महसूस लगे. आयुर्वेद में मुंहासों की वजह पेट की गड़बड़ को माना गया है.
आयुर्वेद के मुताबिक डाइजेशन में प्रॉब्लम होने के कारण और पेट साफ नहीं होने से टॉक्सिंस बाहर नहीं आ पाते जिससे ये टॉक्सिंस ब्लड को दूषित कर मुंहासे पैदा करतेे हैंं.
मुंहासों का कनेक्शन है पेट से
एक सर्वे की मानें तो मुंहासे झेल रहे करीब 60% से ज्यादा लोगों का पेट साफ नहीं रहता. मुंहासे पहले छोटे-छोटे दानों के रूप में होते हैं फिर ललाट, गालों और नाक पर होते हैं जिससे चेहरे का हुलिया ही बदल जाता है.
कई बार ये कंधों और पीठ पर भी हो जाते हैं. कई लोंगों को इसकी समस्या इतनी ज्यादा होती है कि वह गठान के रूप में हो जाते हैं. इन मवादयुक्त गांठों में दर्द, जलन, सूजन और लालिमा भी हो जाती है.
कुछ मुंहासे काले सिर वाले होते हैं जिन्हें ‘कील‘ कहा जाता है. यदि इन्हें दबाया जाए तो काले सिर के साथ-साथ भीतर से सफेद रोम जैसा पदार्थ रोम जैसा भी बाहर निकलता है और इससे पैदा होने वाला छेद स्थाई हो जाता है.
अब सवाल यह उठता है कि इन मुंहासों से दूर कैसे रहा जाए? कील मुंहासे हो गए हों तो छुटकारा कैसे मिले?
कैसे मिलेगा मुंहासों से छुटकारा
मुंहासों से छुटकारे के लिए सबसे पहले लाइफ स्टाइल में बदलाव जरूरी है. लाइफ स्टाइल में भी मसालेदार सब्जियां, तली भुनी चीजें अवॉइड करें. मिठाई, आइसक्रीम, अचार, चॉकलेट और गर्मी वाली चीजों को ना ही खाएं तो अच्छा है.
चेहरे और पेट की सफाई का ठीक से करें. चेहरे को दिन में दो चार बार अच्छे फेसवॉश, मेडीकेटिड साबुन या सिर्फ ठण्डे सादे पानी से धोएं. चेहरे पर कभी भी पसीना, धूल, गन्दगी, धुएं का असर न पड़ने दें.
मुंहासों के कुछ घरेलू उपाय
मुंहासों के लिए कुछ घरेलू उपाय भी आप आजमा सकते हैं. इसमें आप जायफल का उपयोग कर सकते हैं. जायफल को कच्चे गाय के दूध घिस कर मुंहासों पर लगाएं और सूखने पर धो लें. इससे काफी फायदा होगा.
इसके अलावा जैतून का तेल भी चेहरे की ताज़गी के लिए कारगर है. स्वच्छ ताजा ओस की बून्दें भी फायदमंद हैं. पानी में दूध मिलाकर नहाने से बहुत फायदा होगा त्वचा ठंडी होगी और मुंहासों की गर्मी कम होगी.
इसके अलावा एक कटोरी में कच्चे या गुनगुने दूध को रुई के फाहे से चेहरे पर मलिए यह भी फायदेमंद है. मुल्तानी मिट्टी का लेप, चंदन की लकड़ी का दूध या पानी में घिसा हुआ लेप और संतरे के छिलकों सुखाकर बनाए गए चूर्ण का लेप भी आप प्रयोग कर सकते हैं.
ध्यान रखें ये सभी घरेलू उपाय हैं यदि त्वचा संवदेनशील है तो अलर्ट रहें. यदि मुंहासे कंट्रोल से बाहर जा रहे हैं तो आपको स्कील स्पेशलिस्ट से सलाह जरूर लेनी चाहिए.
(नोट : यह लेख आपकी जागरूकता, सतर्कता और समझ बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. यदि किसी बीमारी के पेशेंट हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें.)