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Parenting Tips: बच्चों का पालन-पोषण करना कोई आसान काम नहीं है. उनका भविष्य बचपन में सीखी गई छोटी-छोटी आदतों पर निर्भर करता है. जिसे वे समय के अनुसार और परिष्कृत करते हैं. अगर किसी बच्चे में कोई बुरी आदत है तो वह समय के साथ खत्म होने की बजाय बढ़ती ही जाएगी. इसलिए बड़े-बुज़ुर्ग हमेशा बच्चों में अच्छी आदतें डालने के लिए कहते हैं. बच्चों को सभी अच्छी आदतों के साथ-साथ पैसे का महत्व भी सिखाना जरूरी है.

आजकल माता-पिता अपने बच्चों की मांगों के आगे पैसे को महत्व नहीं देते हैं. जिससे उनकी सभी मांगें पूरी हो जाती हैं. यह महत्वपूर्ण है कि बच्चों को 5 साल की उम्र से ही पैसे और उसके महत्व के बारे में सिखाया जाए. बच्चे किसी चीज को मांगने के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं और वे उसे तुरंत चाहते हैं. इस मनोवृत्ति को खत्म करना बहुत जरूरी है, नहीं तो बड़े होने पर यही आदत तनाव का कारण बनने लगती है. इसलिए, बच्चे को पैसे का मूल्य और भूमिका दोनों समझाना ज़रूरी है. ये युक्तियां निश्चित रूप से आपके बच्चे को पैसे का मूल्य सिखाने में मदद करेंगी.

बच्चे को सिखाएं आय का मतलब

अपने बच्चे को बताएं कि पैसा कहां से आता है. 5 साल के बाद बच्चे चीजों को समझने और मांगने लगते हैं. ऐसे में उन्हें इनकम का मतलब बताएं. जैसे-जैसे वे थोड़े बड़े होते जाएं, उनकी पॉकेट मनी तय करें और उन्हें पैसे की कीमत समझाएं.

पैसे बचाना सिखाएं

बच्चे को पॉकेट मनी देने के साथ-साथ एक छोटा गुल्लक या गुल्लक भी खरीदें. जिसमें उससे पैसे कलेक्ट करने के लिए कहें. इस तरह आप बच्चे में बचपन से ही बचत की आदत डाल सकते हैं और उसे बचत का मतलब आसानी से समझा सकते हैं.

पैसा खर्च करने का बताएं तरीका

बच्चे की पॉकेट मनी सही करने के साथ-साथ उसे समझाएं कि उसे किन चीजों की जरूरत है और क्या खरीदना चाहिए. उन्हें बिना सोचे-समझे पैसा खर्च करने की बजाय सोच-समझकर पैसा निवेश करना सिखाएं. ताकि वह धीरे-धीरे विलासिता और आवश्यकता के बीच के अंतर को समझने का प्रयास कर सके.

आपसे सीखेंगे बच्चे

अगर आप शॉपिंग करने जाएंगे और बिना सोचे-समझे जल्दी-जल्दी चीजें खरीद लेंगे तो बच्चे आपको देखकर सीखेंगे. इसलिए अपनी आदतों पर नियंत्रण रखें. उत्पाद खरीदने से पहले कीमत की जांच और विकल्पों पर शोध करके खरीदारी करना एक अच्छी आदत है. इसे बच्चों में विकसित करें और कीमत देखकर बच्चे को उसके लिए सबसे अच्छा विकल्प ढूंढने का प्रयास करें. यह आदत उसे भविष्य में पैसों के मामले में जिम्मेदार बनने में मदद करेगी.

बच्चे को निर्णय लेने दें

बच्चों के दिमाग को कम आंकने की गलती न करें. बच्चे को बातें सिखाने के बाद उसे खुद पर लागू करने दें. बहुत अधिक नियंत्रित मत बनो. जब वह अपने निर्णय स्वयं लेता है, खरीदारी करता है और पैसा खर्च करता है, तो वह कुछ गलतियों से सीखेगा. इसके लिए अच्छी आदतें विकसित करने के साथ-साथ थोड़े धैर्य की भी आवश्यकता होती है. यह अच्छी आदत धीरे-धीरे बच्चे में विकसित होगी.

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