शिक्षा जीवन की रौशनी तो है लेकिन जीवन की राह व्यक्ति स्वयं ढूंढता है. कह सकते हैं शिक्षा इस राह के अंधेरे को दूर करती है लेकिन व्यक्ति को उसकी मंजिल तक ले जाने वाला उसका स्वयं का विवेक, मेहनत होती है. देखा भी गया है कि दुनिया में ऐसे व्यक्ति भी हैं जिन्हें शिक्षा तो नहीं मिली लेकिन उनके कार्य किसी भी शिक्षित व्यक्ति की तुलना में बेहद महान रहे.
ये ऐसे व्यक्ति रहे जिन्होंने अपनी मेहनत, विवेक से दुनिया व समाज को एक दिशा दी. कइयों ने समाज को नए अविष्कार दिए तो कइयों ने रोजगार देकर असंख्य परिवारों को पाला.
सरल शब्दों में कहा जाए तो सफलता किसी भी डिग्री की मोहताज नहीं होती. जीवन में बस कुछ कर दिखाने का जुनून होना चाहिए. डिग्री हमें केवल एक विषय या एक क्षेत्र में परिपक्व बनाती है. लेकिन भीतर का व्यवहारिक और अनुभवी ज्ञान पूरी दुनिया का ज्ञान प्राप्त कराता है. दुनिया में ऐसे कई उदाहरण हैं जिनके के पास कोई भी डिग्री या डिप्लोमा नहीं था फिर भी वह दुनिया के सबसे सफल आदमियों में शुमार हैं.
मार्क जुकरबर्ग: (Mark Zuckerberg) मार्क जुकरबर्ग के बारे में शायद किसी को कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है. 2004 में जुकरबर्ग ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अपनी पढाई अधूरी छोड़ दी थी और फेसबुक जैसी चीज दुनिया को दी जिसने पूरी दुनिया को बदल दिया.
यह (Social Media website facebook) सोशल मीडिया वेबसाइट आज करोड़ों नहीं अरबों लोगों की फेवरेट है. मार्क की इस देन ने पूरी दुनिया को एक सू्त्र में पिरो दिया. ग्लोबल दुनिया सही मायनों में एक परिवार हो गई. कम पढ़े लिखे मार्क ने आज अपनी कंपनी फेसबुक में करोड़ों पढ़े लिखे लोगों को नौकरी दी है.
स्टीव जॉब्स: (Steve Jobs) स्टीव जॉब्स वो शख्स हैं जो लाखों युवाओं के लिए आइडियल पर्सनालिटी हैं. स्टीव ने भी अपनी कॉलेज की पढाई बीच में छोड़ दी थी और 1975 में (Apple company) “एप्पल” कंपनी की स्थापना की. स्टीव ने Reed College से मात्र एक सेमेस्टर के बाद पढाई छोड़ दी थी लेकिन उनके अंदर बहुत लगन थी और आगे बढ़ने का जुनून था, जिसके दम पर स्टीव जॉब्स ने पूरी दुनिया में अपना नाम कर दिया. “एप्पल” के प्रोडक्ट आज दुनिया के सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले उत्पादों में से एक है.
बिल गेट्स: (Bill Gates) दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में शुमार बिल गेट्स माइक्रोसॉफ्ट कंपनी (Microsoft) के सह संस्थापक है. इन्होने “माइक्रोसॉफ्ट” बनाने के लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की पढाई बीच में छोड़ दी थी. बिल गेट्स को बचपन से ही कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग का शौक था और सिर्फ 13 वर्ष की आयु में उन्होंने बड़े-बड़े सॉफ्टवेयर बनाने शुरू कर दिए थे.
1975 में बिल गेट्स ने अपनी पढाई बीच में छोड़ कर, अपने मित्र पॉल एलन के साथ माइक्रोसॉफ्ट को आगे बढ़ाने में जुट गए और कुछ ही वर्षों बाद उनका नाम अरबपतियों की फ़ोर्ब्स की सूचि में आ गया और कई साल तक वह, इस लिस्ट में नम्बर वन पर भी बने रहे. आज बिल गेट्स दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार हैं.
मुकेश अंबानी: (Mukesh Ambani) मुकेश अंबानी एक भारतीय मूल के व्यवसायी हैं और लगभग 43 अरब डॉलर की निजी सम्पत्ती के साथ, दुनिया के पांचवें सबसे अमीर आदमी हैं. मुकेश अंबानी, रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष (chairman), प्रबंध निदेशक (managing director) और कंपनी के सबसे बडे शेयर धारक (shareholder) हैं. मुकेश अंबानी, एमबीए (MBA) करने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय (Stanford University) गए थे, किन्तु पहले वर्ष के बाद ही उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी.
सचिन तेंदुलकर: (Sachin Tendulkar) क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को शायद ही कोई ऐसा होगा जो नहीं जानता होगा. भारत रत्न सचिन तेंदुलकर ने केवल 10वीं तक की ही पढ़ाई की है. लेकिन अपनी लगन और मेहनत की बदौलत ही उन्होंने जो मुकाम हासिल उसकी पढ़ाई किसी स्कूल और कॉलेज में नहीं हो सकेगी.
मैरी कॉम- मैरी कॉम ने स्कूल की पढ़ाई छोड़ कर, बॉक्सिंग में अपना करियर बनाने का फैसला किया और आज ये भारत की प्रमुख महिला बॉक्सर में से एक हैं.
अजीम प्रेमजी- (Azim premji wipro) अजीम प्रेमजी, विप्रो जैसी बड़ी आईटी कंपनी के अध्यक्ष है. इन्हें अपनी कंपनी चलने के लिए मात्रा 21 वर्ष की उम्र में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी.
माइकल डैल- (Michael dell) माइकल डैल ने मात्रा 19 वर्ष की उम्र में ही अपना कॉलेज छोड़ दिया था और इसके बाद इन्होने “डैल कंप्यूटर” कंपनी की स्थापना की. 1992 मे, माइकल डैल को दुनिया का सबसे youngest CEO घोषित किया गया. आज डैल को दुनिया की टॉप कंप्यूटर बनाने वाली कंपनी के नाम से जाना जाता है.