कमर के निचले हिस्से का दर्द अधिकतर उन लोगों को होता है, जो बस, कार गाड़ी या हवाई जहाज से यात्रा करते हैं क्योंकि अधिक यात्रा हमारी कमर को नुकसान पहुंचाती है. एक ही जगह पर अधिक समय तक बैठे रहने से यह दर्द होता है. अधिक समय तक बैठे रहने से यह दर्द होता है. अधिक देर तक बैठे रहने से कमर से जुड़ी रीढ़ को सहारा देने वाली मांसपेशियां और नसों में दर्द तथा इंजरी हो सकती है. आइए जानें कारण और निवारण ताकि दर्द में अनदेखी न कर सकें.
क्यों होता है दर्द- रीढ़ का निचला हिस्सा हमारे शरीर का ज्यादातर वजन उठाता है. जब हम झुकते, मुड़ते या भारी वस्तु उठाते हैं, तब भी सारा भार रीढ़ के निचले हिस्से पर पड़ता है. जब हम एक स्थान पर ज्यादा समय बैठते हैं तब भी भार उसी स्थान पर पड़ता है. इन सब कारणों से हमारी रीढ़ को सहारा देने वाली मांसपेशियां, टिश्यू तथा लिंगामेंटस पर बार-बार दबाव पड़ता है. इस तरह की इंजरी को स्ट्रेस इंजरी कहते हैं.
इससे बचने के लिए लगातार एक ही पोजीशन में एक जगह पर न बैठकर काम करें और थोड़ा ब्रेक लेते रहें. अपने पॉश्चर को बदलते रहें ताकि मांसपेशियों में अकड़न न आने पाए.
अपने पास पीने का पानी रखें- लंबे समय तक पानी न पीने से हमारी सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, शरीर में खुश्की आ जाती है जिससे हमारी रीढ़, जोड़ों, हड्डियों में नमी कर कमी आने से स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है. चाहे आप काम कर रहे हों या सफर, बीच-बीच में पानी जरूर पीते रहें ताकि शरीर में नमी बनी रहे. अक्सर वॉशरूम बार-बार जाने के डर से हम पानी कम पीते हैं, पर पानी थोड़े-थोड़े अंतराल में पीना जरूरी है.
घुटनों को हिलाते और खोलते रहें- लगातार बैठने या खड़े होने पर हमारी टांगों में दर्द शुरू हो जाता है. उससे बचने के लिए टांगों को बीच-बीच में हिलाते रहें और टांग और थाई की मसल्स को खोलते रहें ताकि मांसपेशियों पर अधिक दबाव न पड़े. इससे दर्द भी कम महसूस होगा.
थोड़ा ब्रेक जरूरी- लगातार सफर करते हुए काम करते हुए या खड़े रहने की स्थिति में थोड़ा ब्रेक जरूरी है. हर घंटे के बाद अपनी सीट से उठकर आसपास चहलकदमी करें ताकि रक्त संचार सुचारू रहे. पीठ, टांगें, थाई की मांसपेशियां इससे रिलेक्स होती हैं.
पॉश्चर सही रखें- पीठ दर्द का एक बड़ा कारण गलत पॉश्चर भी है. रीढ़ की मुद्रा सही रखने से रीढ़ लंबे समय तक स्वस्थ रहेगी. बैठते समय सीधा बैठे, पीठ सीधी रखें, आगे की तरफ न झुकें, गलत तरीके से न चलें, न खड़े ही भारी सामान पीठ पर या हाथों में उठाएं, नीचे से सामान उठाते समय घुटनों को थोड़ा मोड़कर नीचे झुकें. पॉश्चर का ध्यान रखने से आपकी पीठ की मांसपेशियां, टिश्यूज और लिंगामेंटस स्वस्थ रहेंगे.
पीठ दर्द के लिए उचित व्यायाम- व्यायाम न करने से और लगातार खड़े होकर या बैठकर एक ही स्थिति में काम करने से हमारी हड्डियां, टिश्यू, लिंगामेंटस व मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं और दर्द का खतरा बढ़ जाता है. पीठ को स्ट्रांग बनाने के लिए योगासन करें और कुछ हल्के फल्के व्यायाम करें. ध्यान रखें आगे की तरफ झुकने वाले आसन और व्यायाम न करें. किसी प्रशिक्षित गुरू से ही आसन और व्यायाम सीखें.
सफर कर रहें हैं तो सीट बेल्ट पहनें- सफर करते अचानक झटके लगने से हमारी रीढ़ को नुकसान पहुंचता है. अगर आप अपनी गाड़ी में हैं तो सीट बेल्ट बांधें ताकि अचानक आए झटके आपकी पीठ को प्रभावित न कर सकें. सीट बेल्ट नहीं है तो अपनी रीढ़ को सीट से सटा कर सीधा रखें ताकि रीढ़ सीधी रहे. अगर कभी दर्द हो भी और बना रहे तो एक दो दिन के बाद डॉक्टर को दिखाकर उचित इलाज कराएं.