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जब प्रधानमंत्री चुने जाते हैं तब आपने सुना होगा की लोकसभा चुनाव हो रहे हैं. कई लोगों को लगता है की ये लोकसभा क्या होती है और इससे प्रधानमंत्री का चुनाव कैसे हो जाता है? हालांकि जो लोग राजनीति में रुचि रखते हैं वो ये सब जानते हैं. लेकिन अगर आप अपना कीमती वोट देते हैं तो आपको ये जानने का अधिकार हैं की लोकसभा सदस्य कौन होते हैं, लोकसभा सदस्य कैसे चुने जाते हैं? लोकसभा सदस्य की सैलरी कितनी होती है?

लोकसभा क्या होती है?

संसद के तीन अंग होते हैं 1) राष्ट्रपति 2) राज्य सभा और 3) लोकसभा. लोकसभा संसद का एक अभिन्न अंग है. लोकसभा को निचला सदन या लोवर हाउस भी कहते हैं. राज्यसभा जहां राज्यों और संघ राज्यों का प्रतिनिधित्व करती हैं वहीं लोकसभा सम्पूर्ण देश का प्रतिनिधित्व करती है.

लोकसभा सदस्यों की संख्या

भारत के संविधान के अनुसार लोकसभा के अधिकतम सदस्यों की संख्या 552 निर्धारित की गई है जिसमें से 530 राज्यों के प्रतिनिधि होंगे और 20 संघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि होंगे. इनके अलावा 2 एंग्लो इंडियन समुदाय के सदस्य होते हैं जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा नामित किया जाता है. वर्तमान में भारत की लोकसभा में 545 सदस्य हैं जिनमें से 530 सदस्य राज्यों से, 13 संघ राज्यों से और 2 एंग्लो इंडियन हैं.

लोकसभा सदस्य कैसे चुने जाते हैं?

लोकसभा सदस्य प्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं. इन्हें चुनने के लिए आम जनता वोटिंग करती है. हर राज्य में प्रत्यक्ष निर्वाचन कराने के लिए राज्यों को प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है. यानि हर प्रदेश को निर्वाचन के हिसाब से कुछ क्षेत्रों में बाटा गया है और उन पर लोकसभा चुनाव आयोजित कराये जाते हैं.

राज्यों में लोकसभा सीटों की संख्या

उत्तरप्रदेश-80, महाराष्ट्र-48, आंध्रप्रदेश-42, पश्चिम बंगाल-42, बिहार-40, तमिलनाडु-39, मध्यप्रदेश-29, कर्नाटक-28, गुजरात-26, राजस्थान-25, ओड़ीशा-21, केरल-20, असम-14, झारखंड-14, पंजाब-13, छत्तीसगढ़-11, हरियाणा-10, जम्मू कश्मीर-6, उत्तराखंड-5, हिमाचल प्रदेश-4, अरुणाचल प्रदेश-2, गोवा-2, त्रिपुरा-2, मणिपुर-2, मेघालय-2, नागालैंड-1, मिजोरम-1, सिक्किम-1, दिल्ली-7, अंडमान निकोबार-1, चंडीगढ़-1, दमन दीव-1, पुडुचेरी-1, लक्ष्यद्वीप-1

लोकसभा सदस्य की योग्यता

– उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए.
– उम्मीदवार की आयु कम से कम 25 साल होना चाहिए.
– उम्मीदवार पर आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए.
– वह लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए।
– वह देश का पंजीकृत मतदाता होना चाहिए.
– वह मानसिक रूप से स्वस्थ्य होना चाहिए.
– वह दिवालिया नहीं होना चाहिए.
– वह एक समय पर एक ही जगह के लिए चुनाव लड़ सकता है.

लोकसभा चुनाव कैसे होते हैं?

लोकसभा के चुनाव हर पाँच साल में होते हैं. एक लोकसभा सदस्य का कार्यकाल 5 साल का ही रहता है. लोकसभा चुनाव पाँच साल में सिर्फ एक ही बार होते हैं. ये अलग-अलग राज्य या जगह पर अलग-अलग दिन हो सकते हैं लेकिन इनका नतीजा एक साथ ही आता है. जिस पार्टी के लोकसभा सदस्य ज्यादा जीतते हैं उस पार्टी की सरकार केंद्र में बनती है यानि की उस पार्टी का कोई विशेष नेता प्रधानमंत्री बनता है.

प्रधानमंत्री बनने के लिए राज्यसभा या लोकसभा का सदस्य होना जरूरी होता है. सीधे तौर पर कहा जाए तो लोकसभा के सदस्य अपनी सहमति से एक व्यक्ति को बहुमत देकर प्रधानमंत्री बनाते हैं. इन्हें हम प्रत्यक्ष रूप से नहीं चुनते हैं लेकिन लोकसभा सदस्य को हम प्रत्यक्ष रूप से चुनते हैं. एक बात का और ध्यान रखें की यदि लोकसभा को भंग किया जा सकता है. लोकसभा भंग होने से या सरकार के गिरने की स्थिति में फिर से लोकसभा चुनाव कराये जा सकते हैं.

लोकसभा सदस्य की सैलरी

संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को संसद द्वारा निर्धारित वेतन व भत्ते लेने का अधिकार है. संसद इन्हें पेंशन भी देती है. साल 2010 में किए गए संशोधन के बाद लोकसभा सदस्यों का वेतन 50,000 रुपये प्रतिमाह किया गया है. इसके अलावा इन्हें निर्वाचन क्षेत्र भत्ता-45,000 रुपये प्रतिमाह, दैनिक भत्ता 2000 रुपये, कार्यालय भत्ता 45,000 रुपये प्रतिमाह मिलता है. इन भत्तों के अलावा इन्हें यात्रा सुविधाएं, मुफ्त आवास, टेलीफोन, वाहन खर्च, चिकित्सा सुविधा आदि मिलती हैं.

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By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

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