अक्सर देखने में आता है कि लोग रिटायरमेंट के बाद अपने जीवन को नीरस बना देते है. वे अपने आप ही अपने को असहाय और बूढ़ा मान लेते है. उनके हिसाब से उनकी जिदंगी के स्वर्ण पल समाप्त हो जाते है. वे लोग जो रोज सुबह उठकर अपनी दिनचर्या की शुरूआत बड़े ही उत्साह से किया करते है, वे रिटायरमेंट के बाद स्वतः ही अपने उस उत्साह को ठंडा कर देते हैं.
यही हाल है मि. अरोड़ा का. जब से वह रिटायर हुए हैं उन्होंने सुबह-सवेरे उठना तक छोड़ दिया है. पूछने पर कहते है कि यार अब कौन सा ऑफिस जाना है, इसलिए सुबह जल्दी उठने का मन ही नहीं होता. पहले मि. अरोड़ा सजे धजे निश्चित समय पर घर से निकल जाया करते थे लेकिन अब मजाल है कि वह सुबह-सुबह घर के बाहर कदम भी रख दें.
वहीं दूसरी ओर मि. वर्मा जो हाल ही में महानगर टेलिफोन निगम से सीनियर पोस्ट से रिटायर हुए हैं, जिस समय वह ऑफिस के लिए निकलते थे उनकी छवि बहुत ही आकर्षक होती थी. सूट-बूट पहन मि. वर्मा इस उम्र में भी जवान और जोशीले लगते थे, लेकिन जब से वह रिटायर हुए हैं, न जाने उनका जोरा कहां चला गया है. सूट-बूट तो उनके लिए अब एक सपना सा हो गया है क्योंकि वह सारा दिन घर में बाथरूम स्लीपर तथा पायजामा पहने घूमते रहते हैं. जहां वह पहले हंसमुख स्वभाव के थे, वहीं वह अब सारा-दिन चिढ़ चिढ़ करते रहते हैं.
सेवानिवृत्ति के बाद मि. अरोड़ा और मि. वर्मा का ही नहीं बल्कि बहुत से लोगों का यही हाल होता है. असल में ये लोग रिटायरमेंट को एक समस्या मान कर चलते हैं जबकि यह एक समस्या नहीं बल्कि जीवन का नया मोड़ हैं. यह वह मोड़ है जहां से वे अपने जीवन को और अधिक आकर्षक बना सकते हैं. माना कि रिटायरमेंट के बाद इंसान के पास बहुत सा समय खाली होता है, जिस कारण वह अपने को अकेला तथा बोर महसूस करता है, लेकिन बोरियत और अकेलेपन के अहसास से बचाने के लिए आप अपने समय को अन्य कार्यों में लगा सकते हैं.
रिटायरमेंट के बाद करें ये काम
जीवन के संघर्ष समय में आप जिन पारिवारिक सदस्यों तथा मित्रागणों से नहीं मिल पाए, अब उनके साथ समय बिताइये. लोगों के सुख-दुख में काम आइये जिससे आप लोगों में अपनी एक खास पहचान बना सकेंगे तथा अपने को अकेला भी महसूस नहीं करेंगे. हर इंसान को कोई न कोई शौक अवश्य ही होता है चाहे वह लेखन हो, पेन्टिंग हो या संगीत सुनने का हो लेकिन अपने संघर्षरत क्षणों में वह अपने शौक पूरे नहीं कर पाते. सेवानिवृत्ति के पश्चात समय होता है तो क्यों न आप अपने पुराने शौक की तरफ ध्यान दें.
यदि आपको समाज सेवा में रुचि है, तो क्यों न आप किसी सामाजिक संस्था से जुड़ जाएं जहां आप नित नए लोगों से मिलेंगे. अक्सर ही देखने में आता है कि बहुत से लोगों में एक कवि तथा लेखक छुपा हुआ होता है. यदि आप में यह प्रतिभा है तो अपने अन्दर छुपी इस प्रतिभा को सामने लाएं और अपने खाली समय में कुछ ऐसे रचनात्मक लेख लिखिए जिससे लोग आपकी रचना से लाभान्वित हो सके. सेवानिवृत्ति को अपने जीवन में ठहराव न मानें बल्कि पहले जैसा उत्साह बनाये रखें. दूसरों पर अपने कार्य न छोड़ें बल्कि अपने सभी कार्र्यों का निपटारा स्वयं करें जिससे आप किसी पर बोझ नहीं बनेंगे.