Kartik Purnima 2023: हिंदू धर्म में हर पूर्णिमा का महत्व होता है लेकिन कार्तिक मास में पड़ने वाली पूर्णिमा का खास महत्व होता है. कार्तिक मास में भगवान विष्णु की उपासना करना उत्तम होता है. इसलिए कार्तिक पूर्णिमा भी बहुत ही महत्वपूर्ण है. मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. कार्तिक पूर्णिमा शैव और वैष्णव दोनों ही संप्रदाय के लिए महत्व रखता है.
इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था, और विष्णु जी ने मत्स्य अवतार लिया था. कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक देव का भी जन्म हुआ था इसलिए सिख समुदाय के लोग इस दिन को प्रकाश पर्व के रूप में मनाते हैं. इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर को मनाई जाएगी. जानते हैं क्या है कार्तिक पूर्णिमा का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का बहुत ही खास महत्व है. इस दिन स्नान-दान और ध्यान करने से मनचाहा फल प्राप्त होता है. कार्तिक मास में भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था. मत्स्य अवतार भगवान विष्णु का पहला अवतार माना जाता है. इस लिए यह बहुत ही अच्छा दिन माना जाता है. मान्यता यह है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था.
कार्तिक पूर्णिमा को देवताओं की दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है. इस कारण इसे देव दिवाली कहते हैं. इस तिथि पर जल और वातावरण में विशेष ऊर्जा पाई जाती है. इसलिए नदियों और सरोवरों में स्नान करने का विशेष महत्व है. पूर्णिमा के दिन स्नान करने से नौ ग्रहों की कृपा आसानी से प्राप्त हो जाती है.
कार्तिक पूर्णिमा पर शुभ योग
इस बार की कार्तिक पूर्णिमा बेहद खास मानी जा रही है, क्योंकि इस दिन शिव योग, सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण होने जा रहा है.
शिव योग- 27 नवंबर को रात 01.37 बजे से रात 11.39 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग- दोपहर 01.35 बजे से 28 नवंबर को सुबह 06.54 बजे तक
कार्तिक पूर्णिमा पर करें खास उपाय
कार्तिक पूर्णिमा पर यह खास उपाय करने से लाभ प्राप्त होगा. मान्यता है की पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी का पीपल के वृक्ष पर निवास रहता है. इस दिन मीठे जल में दूध मिलाकर उसे पीपल के पेड़ पर चढ़ने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. शिवलिंग पर कच्चा दूध, शहद और गंगाजल मिलाकर चढ़ाएं. घर के मुख्यद्वार पर आम के पत्तों का तोरण बांधें और रंगोली बनाएं. पूर्णिमा पर खीर बनाएं. खीर में मिश्री और गंगाजल मिलाकर मां लक्ष्मी को भोग लगाएं.
किस प्रकार करें स्नान और दान?
कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान करने का विशेष महत्व है इस दिन प्रात: काल में नियम और तरीके से स्नान करें. स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर साफ-सुथरा वस्त्र धारण करें. इसके बाद मंत्रो का जाप करें और अपनी क्षमता अनुसार दान करें.
नौ ग्रहों के लिए किस प्रकार नौ दान करें?
कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने का विशेष महत्व है. इस दिन स्नान के बाद दान जरूर करना चाहिए. नौ ग्रहों के लिए इस प्रकार कर सकते हैं दान.
कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए गुड़ और गेंहू का दान करें.
चन्द्रमा के लिए मिसरी या दूध का दान करें. मंगल के लिए मसूर की दाल का दान करें.
बुध के लिए हरी सब्जियों या आंवले का दान करें.
बृहस्पति के लिए केला, मक्का और चने की दाल का दान करें. शुक्र के लिए घी, मक्खन या सफेद तिल का दान करें.
शनि के लिए काले तिल या सरसों के तेल का दान करें.
राहु-केतु के लिए सात तरह के अनाज, काले कम्बल या जूते चप्पल का दान करें.
कार्तिक पूर्णिमा 2023 राशि के अनुसार दान
कार्तिक पूर्णिमा के दिन अपने राशि के अनुसार दान करने से आपको दोगुना लाभ प्राप्त होगा. आईए जानते हैं राशि के अनुसार किन चीजों का दान आपके लिए फलदाई होगा.
मेष राशि (Aries)- गुड़
वृषभ राशि (Taurus)- गर्म कपड़ों
मिथुन राशि (Gemini)- मूंग की दाल
कर्क राशि (Cancer)- चावल
सिंह राशि (Leo)- गेहूं
कन्या राशि (Virgo)- हरे रंग का चारा
तुला राशि (Libra)- भोजन
वृश्चिक राशि (Scorpio)- गुड़ और चना
धनु राशि(Sagittarius)- गर्म खाने की चीजें, जैसे बाजरा,
मकर राशि (Capricorn)- कंबल
कुंभ राशि (Aquarius)- काली उड़द की दाल
मीन राशि (Pisces)- हल्दी और बेसन की मिठाई
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