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Budget 2023 : सिर्फ दो महिलाओं ने ही किया है भारत का बजट पेश, जानिए बजट से जुड़ी खास बातें?

budget 2023

1 फरवरी को भारत का बजट पेश होता है. भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश में गिना जाता है. ऐसे में भारत का बजट भी महत्वपूर्ण हो जाता है. क्योंकि ये बजट 110 करोड़ से भी अधिक आबादी वाले देश के लिए है. भारत के बजट के बारे में काफी दिलचस्प बातें हैं जिन्हें आम लोग नहीं जानते हैं. ऐसी ही कुछ खास जानकारी हम आपके लिए लेकर आए हैं.

बजट पेश करने वाली महिला वित्त मंत्री

साल 2022 का बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने पेश किया था और इस बार भी वहीं पेश करेंगी. निर्मला सीतारमन देश की पहली महिला वित्त मंत्री नहीं हैं जिन्होंने बजट को पेश किया है. भारत में आमतौर पर पुरुष ही वित्त मंत्री के पद पर रहे हैं लेकिन निर्मला सीतारमन से भी पहले एक और महिला भारत के बजट को पेश कर चुकी हैं.

साल 1970 में इंदिरा गांधी ने पहली महिला वित्त मंत्री के तौर पर बजट पेश किया था. उस दौरान वे देश की प्रधानमंत्री थीं लेकिन उनके पास वित्त मंत्रालय का प्रभार भी था, अतः वे वित्त मंत्री भी थीं इसलिए उन्होंने साल 1970 में पहली महिला वित्त मंत्री के तौर पर देश का बजट पेश किया था.

सबसे ज्यादा बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री

भारत में वैसे तो कई वित्त मंत्री आए लेकिन सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड मोरारजी देसाई के नाम पर है. मोरारजी देसाई ने 10 बार संसद मे बजट पेश किया था. इनके अलावा :-
– पी चिदंबरम और प्रणाम मुखर्जी 9 बार बजट पेश कर चुके हैं.
– यशवंत राव चौहान, सीडी देशमुख और यशवंत सिंह 7 बार बजट पेश कर चुके हैं.
– मनमोहन सिंह और टीटी कृष्णामाचारी 6 बार बजट पेश कर चुके हैं.

हिन्दी में बजट

वर्तमान में आपको हिन्दी बजट भी देखने को मिलता है लेकिन देश में एक समय ऐसा था जब केवल अंग्रेजी में ही बजट छपता था. साल 1955 तक बजट केवल अंग्रेजी में छापा जाता था. वहीं साल 1956 से बजट को हिन्दी में छापने की शुरुआत हुई.

बजट पेश होने का समय

वर्तमान मे बजट को सुबह 11 बजे से पेश किया जाता है. लेकिन साल 1999 तक बजट को शाम 5 बजे से पेश किया जाता था. साल 1999 के बाद से बजट को 11 बजे पेश किया जाने लगा.

रेल बजट

भारत में रेल बजट को पहले अलग से संसद में पेश किया जाता था. साल 2016 तक भारत में ऐसा ही होता था, लेकिन साल 2017 से रेल बजट को आम बजट के साथ मिला दिया गया. अब रेल बजट को भी आम बजट के साथ ही संसद में पेश किया जाता है.

बजट कब पेश किया जाता है?

बजट को पेश करने की तारीख पहले 28 या 29 फरवरी हुआ करती थी, जिस वजह से भारत में वित्तीय वर्ष की शुरुआत 1 मार्च से हुआ करती थी. लेकिन साल 2017 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी को बजट भाषण पेश किया और तब से 1 फरवरी को ही बजट पेश किया जाता है.

हलवा सेरेमनी क्या है?

बजट के पेश होने से पहले आपने सुना होगा की हलवा सेरेमनी की जाती है. भारत में हमेशा से ही प्रथा रही है की कोई शुभ कार्य करने से पहले मीठा खाना चाहिए. इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्रालय में हलवा बनाया जाता है. इस बार हलवा रस्म को 26 जनवरी के मौके पर मनाया गया. इसे बजट की प्रिंटिंग शुरू होने के साथ ही किया जाता है.

बजट कहाँ प्रिन्ट किया जाता है?

बजट के प्रिन्ट होने की भी अपनी कहानी है. साल 1950 तक बजट की प्रिंटिंग राष्ट्रपति भवन में होती थी. लेकिन साल 1950 में बजट का कुछ हिस्सा लीक हो गया. इस वजह से बजट की प्रिंटिंग नई दिल्ली के मिंटो रोड स्थित प्रेस में होने लगी. इसके बाद साल 1980 से बजट की प्रिंटिंग नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में बनी प्रिंटिंग प्रेस में होने लगी.

बजट की प्रिंटिंग से जुड़े मंत्रालय के करीब 100 कर्मचारी नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में बनी प्रिंटिंग प्रेस में अगले कुछ दिनों के लिए रहते हैं. ये अधिकारी तब तक प्रिंटिंग प्रेस में बंद रहते हैं जब तक की वित्त मंत्री बजट पेश न कर दें. तब तक ये अपने घरवालों से भी बात नहीं कर सकते.

बजट को काफी सीक्रेट तरीके से बनाया जाता है ताकि इसके कोई भी फ़ैक्ट बाहर न आए. इसके साथ ही इसे बनाने वालों को भी कुछ दिनों के लिए सरकार की निगरानी में रहना पड़ता है. जब तक बजट पेश नहीं होता है तब तक इसे बनाने वाले लोग अपने घर नहीं जा सकते और न ही घरवालों या किसी अन्य से फोन पर बात कर सकते हैं.

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