भविष्य में विश्व क्रिकेट जगत पर राज करने के लिए हिंदुस्तान में खिलाड़ियों की नई फसल तैयार हो गई है. 19 साल के लड़कों ने अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतकर क्रिकेट की दुनिया को ललकार दिया है कि भविष्य में उनकी बादशाहत होने वाली है. वर्ल्ड कप के फाइनल में हमारे लड़कों ने धुरंधर टीम को धूल चटाकर खिताब पर अपनी हुकूमत कायम कर ली. भारतीय टीम ने पूरे टूर्नामेंट में बिना कोई मैच हारे खिताब पर शान से अपना नाम दर्ज कराया. उनके इस करिश्माई जीत पर पूरा देश गदगद है.
इस बेहतरीन जीत की सबसे बड़ी वजह भारत के पूर्व कप्तान व अंडर-19 टीम के मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ का गणित व अनुशासन माना जा रहा है. क्रिकेट की दीवार के नाम से पहचाने जाने वाले द्रविड़ ने अपना पूर्व का अनुभव झोंक दिया था जिसका नतीजा हमारे सामने है. पूरे टूर्नामेंट में उनकी तकनीकी तैयारियों की चमक खेल के हर विभाग में विरोधी टीमों को हराने में मैदान के भीतर देखने को मिली. द्रविड़ वर्ष 2015 से भारत ‘ए’ और अंडर-19 टीम को कोचिंग दे रहे हैं. वह दुनिया के एकमात्रा ऐसे खिलाड़ी हैं जो 150 टेस्ट खेलने के बाद भी जूनियर टीम के साथ हैं और अपने खिलाडि़यों से शानदार प्रदर्शन करवा रहे हैं.
देखने को मिलता है कि ज्यादातर सीनियर खिलाड़ी जूनियरों से जुड़ाव नहीं रखते लेकिन द्रविड़ की सोच दूसरों से अलहदा रहती है. फाइनल में जीत की पटकथा कैसे लिखी गई, इस पर बात करें तो भारत की जीत का सबसे पहला कारण भारत की गेंदबाजी रही. फाइनल मैच में हमारे गेंदबाजों ने कंगारुओं पर चौतरफा दबाव बनाए रखा. हिंदुस्तान के पांच गेंदबाजों को सफलता मिली. ईशान पोरेल, शिवा सिंह, अनुकूल राय और कमलेश नागरकोटी ने दो दो विकट लिए जबकि शिवम मावी को एक विकेट मिला. भारत के गेंदबाज समय-समय पर विकेट गिराते रहे जिससे आस्ट्रेलिया टीम दबाव में रही और बड़ा स्कोर नहीं बना सकी.
गेंदबाजी में झंडे बुलंद करने के बाद मौका आया बल्लेबाजी का. बल्लेबाजी में भी भारतीय खिलाडि़यों ने धूम मचा दी. भारतीय टीम का दस ओवर तक कोई विकेट नहीं गिरा. विकेट नहीं गिरने से भारतीय खिलाडि़यों का हौसला और बुलंद हो गया. पहला विकेट कप्तान पृथ्वी शा के रूप में गिरा पर उस नुकसान से टीम दबाव में नहीं आई बल्कि मनजोत और उप-कप्तान शुभमन गिल मैदान पर जमकर डटे रहे हैं. दोनों ने चारों ओर रन बनाए. स्कोर बोर्ड पर लगाातर रन जुड़ते रहे. इससे विरोधी टीम का मनोबल धीरे-धीरे जबाव देने लगा. 22 वें ओवर में भारत का दूसरा खिलाड़ी आउट हुआ लेकिन मैदान पर दूसरे खिलाड़ी आत्मविश्वास के साथ अपनी गति से रन बनाते गए.
जीत का एक कारण ऑस्ट्रेलियन टीम का कमजोर प्रदर्शन भी माना जा रहा है. खासतौर पर कंगारू गेंदबाज शुरू से ही भारतीय बल्लेबाजी पर दबाव बनाने में नाकाम रहे जिसका पूरा फायदा टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने उठाया. वहीं मनजोत कालरा पर भी कंगारू गेंदबाज किसी प्रकार का अंकुश लगाने में नाकामयाब रहे. उनके चौकों-छक्कों ने कंगारूओं की कमर ही तोड़कर रख दी. भारतीय खिलाड़ी अपने निराले अंदाज में रन जोड़ते रहे हैं. खेल चालीस ओवर तक पहुंचने से पहले ही निर्णय बता चुका था.
लड़कों की इस जीत पर बीसीसीआई ने दिल खोलकर इनामों की झड़ी लगा दी है. दरअसल बीसीसीआई का यह उत्साहवर्धन खिलाडि़यों को नई संजीवनी देने का काम करेगा. वर्ल्ड कप जीतने वाले सभी 16 खिलाडि़यों को बीसीसीआई की तरफ से पुरस्कारों का ऐलान किया है.
बीसीसीआई ने अंडर-19 भारतीय टीम के हर खिलाड़ी को 20-20 लाख रुपये देगी. इसके साथ ही भारतीय टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ को 50 लाख रुपये का इनाम देगी. सहायक स्टॉफ को भी 10-10 लाख रूपए दिए जाएंगे. दरअसल करिश्माई जीत के बाद ऐसा सम्मान देना बनता भी है. उम्मीद करनी चाहिए कि लड़के अपने प्रदर्शन को भविष्य में भी ऐसे ही बरकरार रखेंगे और भारत नाम रोशन करते रहेंगे.