अक्सर इंसान एक-दूसरे के सुख-दुख में आंसु पोंछते नजर आते हैं. इन इंसानी भावनाओं को जीव-जंतुओं में भी पाया गया है. हाल ही में पतंगों को एंटबर्ड के आंसू पीते देखा गया है.
अगर इंसानी भावनाओं के नजरिये से देखा जाए तो यह एक-दूसरे के सुख-दुख बांटते नजर आएंगे. हालांकि इसकी असली वजह यह है कि पतंगों को आंसुओं से पोषक तत्व मिलते हैं.
एंटबर्ड के आंसुओं में सोडियम और प्रोटीन सहित अन्य मिनरल्स होते हैं. जिसके चलते पतंगे उड़ने वाले पक्षियों के आंसू पीते हैं.
रिसर्च में हुआ खुलासा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक रिसर्च में इस बात का खुलाशा हुआ है कि जब एंटबर्ड पेड़ की टहनियों पर बैठकर आराम फरमा रहे होते हैं, उसी वक्त ये पतंगे उनके आंसू पीते हैं.
रिसर्चर ने जब इस घटना को बहुत गौर से देखा तो पाया कि एक काली एंटबर्ड की गर्दन के पीछे एक पतंगा बैठा था. वह उस बर्ड की आंखों में कुछ देख रहा था, लेकिन असलियत में यह बर्ड की आंखों से आंसू पी रहा था.
तितलियां और मधुमक्खियां भी पीती हैं आंसू
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आंसू पीने वाले कीटों में केवल पतंगा ही शामिल नहीं है. इनके अलावा भी कुछ और जीव-जंतु है जो कि कई जानवरों के आंसू पीकर पोषण प्राप्त करते हैं.
इनमें कुछ तितलियों की भी गिनती की जाती है. वहीं मधुमक्खियां को भी आंसू पीते हुए देखा गया है. ये दोनों ही कीट कई जानवरों के आंसू पीते हैं. तितलियां तो मगरमच्छ के भी आंसू पी जाती हैं.
रात में पीते हैं आंसू
शोधकर्ताओं का मानना है कि पतंगे अक्सर रत को पक्षियों के आंसू पीते हैं. रात के वक्त पक्षियों की मेटाबाॅलिज्म रेट कम हो जाती है. आंसू पिने से पहले पतंगे पक्षियों से दूरी बनाकर बैठते हैं, जिससे उनके आराम के वक्त उन्हें कोई परेशानी न हो.