रिटायरमेंट की उम्र हर सेक्टर के हिसाब से कहीं 55, कहीं 58 और कहीं 60-62 साल तक है. रिटायरमेंट के बाद लाइफ को अक्सर लोग बोरिंग समझते हैं और कई ऐसे होते हैं जो मौत का इंतजार करते हैं या जिंदगी को बोझ समझने लगते हैं.
जॉब से रिटायरमेंट के बाद आदमी एकदम फालतू हो जाता है. जब तक आदमी नौकरी करता है, तब तक उसकी लाइफ का एक रूटीन बना रहता है.
वह रोजाना काफी टाइम अपने काम पर गुजारता है और एक उम्र के बाद जॉब से छु्ट्टी होनके बाद ही उसकी अपने प्रति फीलिंग बदल जाती है. उसके पास कोई काम नहीं होता तो वह सोचता है कि इस समय को कहां गुजारे?
बहुत कुछ कर सकते हैं रिटायरमेंट के बाद-
दरअसल, रिटायरमेंट के बाद भी ऐसे बहुत से काम होते हैं जिस पर फोकस किया जा सकता है. बहुत से लोगों के घर से अपना पुश्तैनी धंधा होता है मसलन खेती, व्यापार जिसमें समय लगा सकते हैं.
आपके यहां कोई पुश्तैनी धंधा या व्यापार नहीं होता और आपकी रुचि व्यवसाय में है तो आप छोटी-मोटी दुकान खोल सकते हैं या अन्य कारोबार में अपना समय लगा सकते हैं.
सोशल सर्विस और एक्टिविटी-
बहुत से लोगों की रुचि नाटक, कथा, ड्रामे एवं अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में होती है. ऐसी रुचि वाले सेवा निवृत्त होने के बाद अपना समय उनमें लगा सकते हैं. बहुत से लोगों की रुचि समाज सेवा या समाज का उत्थान करने में होती है. ऐसे लोग सामाजिक कार्य करने वाले संस्थाओं से जुड़कर अपना समय समाज सेवा और सामाजिक उत्थान में लगा सकते हैं.
अपने शौक पर फोकस-
हर व्यक्ति के अपने शौक होते हैं. जॉब में रहते हुए इन शौक के लिए समय नहीं होता. ऐसे में बहुत से लोगों की रुचि लिखने-पढ़ने में होती है. ऐसी रुचि के लोग अपना समय मोहल्ले बस्ती के सुधार में लगा सकते हैं.
मोहल्ले बस्ती में अनेक समस्याएं होती हैं. मसलन सफाई न होना, टूटी फूटी सड़कों की मरम्मत न होना, लाइट न जलना, गंदगी के ढेर लगना, नाली या सीवर जाम हो जाना आदि.
ऐसे लोग संबंधित अधिकारियों को लिख सकते हैं. फिर भी ध्यान न दिया जाये तो अखबारों के माध्यम से भी आप उन बातों को उठा सकते हैं.
समाज की सेवा में भी समय-
इनके अलावा भी बहुत से काम हैं जिन्हें आप कर सकते हैं. पोते-पोती या मोहल्ले के बच्चों को पढ़ा सकते हैं. बच्चों को योग, व्यायाम या खेल आदि सिखा सकते हैं. मोहल्ले में ब्याह-शादी या अन्य कामों में हाथ बंटा सकते हैं. ऐसे अनेक कार्य हैं जिन्हें सेवा निवृत्त होने के बाद आप कर सकते है. अपने को मन की तरफ मोड़ देने पर जहां समय का उपयोग होगा, वहीं आप फालतू नहीं रहेंगे.
हर व्यक्ति है काम का-
याद रखिये आदमी फालतू होगा तो सोच-विचार करेगा. सोच विचार चिंता और बीमारियों को जन्म देती है. अगर आप बीमारी को दूर रखना चाहते है और सेवा निवृत्त होने के बाद स्वस्थ रहना चाहते हैं तो समय का उपयोग अपनी रुचि के अनुसार कीजिये.