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Parenting Tips: मोबाइल में गलत चीजें देखता है बच्चा तो ऐसे लगाएं रोक, अपनाएं ये टिप्स

Parenting Tips: हमारे देश में आज भी सेक्स जैसे मुद्दों पर किसी को कोई भी शिक्षा नहीं दी जाती है. स्कूलों में भी अभिभावक इस विषय पर बात करने को लेकर संकोच करते हैं. ऐसे में आधे-अधूरे ज्ञान के कारण बच्चे इन सभी चीजों की ओर आकर्षित होते हैं. ऐसे में माता-पिता के लिए यह समझना बहुत जरूरी है कि इस स्थिति को कैसे संभाला जाए. क्योंकि माता-पिता को बच्चों से पोर्नोग्राफी के बारे में बात करना मुश्किल हो सकता है.

साभार- सोशल मीडिया

 

बच्चे अब बहुत तेजी से डिजिटल दुनिया से जुड़ गए हैं. इतना ही नहीं बल्कि ये सभी चीजें उन्हें आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं. ऐसे में कई बच्चों को कम उम्र में ही पॉर्न वीडियो देखने की आदत पड़ जाती है. इसलिए माता-पिता के लिए यह समझना बहुत ज़रूरी है कि इस स्थिति को कैसे संभालना है.

शोध के अनुसार, लड़के या लड़कियों में 11 से 14 साल की उम्र के बीच पोर्न शुरू करने की संभावना अधिक होती है. अगर माता-पिता को इस बात का पता चलता है तो वह तुरंत गुस्सा हो जाते हैं और बच्चों पर गुस्सा भी करने लगते हैं. ऐसी स्थिति को बहुत शांति से संभालने की जरूरत है.

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प्यार और शांति से समझाएं

अगर आपके बच्चे पॉर्न देखते हुए पकड़े जाए तो बिल्कुल भी न घबराएं. अपने बच्चे को बहुत प्यार और शांति से संभालें. उसे असली और नकली दुनिया के बीच का अंतर समझाएं. उन्हें समझाएं कि जो वे देख रहे हैं वह आभासी और नकली दुनिया है. यदि कोई बच्चा सेक्स के बारे में जानकारी चाहता है, तो उसे इसे सही तरीके से प्राप्त करना होगा. पोर्न वीडियो ऐसा करने का सही तरीका नहीं है.

बच्चे के लिए रहें उपलब्ध

अब हर घर में एक ही बच्चा नजर आता है. उसमें भी माता-पिता दोनों काम पर जाते हैं. ऐसे मामलों में यह बहुत महत्वपूर्ण है कि माता-पिता के रूप में आप बच्चों के लिए उपलब्ध रहें. जो बच्चे अकेले होते हैं वे मोबाइल फोन पर अधिक समय बिताते हैं. ऐसे में माता-पिता को बच्चों को अधिक समय देना चाहिए. उनका शेड्यूल जानना जरूरी है. क्योंकि जब बच्चे अकेले होते हैं तो नेट सर्फिंग करते रहते हैं. उस स्थिति में, आप माता-पिता के किसी भी प्रश्न का उत्तर देने के लिए उपलब्ध होंगे.

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बच्चों को आजाद रहने दो

माता-पिता को बच्चों से संवाद करना चाहिए. विशेष रूप से सावधान रहें कि यह बातचीत उपदेशात्मक या जांच-पड़ताल न बन जाए. इस उम्र में बच्चों के मन में कई सवाल होते हैं. चाहे बात आपके शरीर की हो या आपके दिमाग की. लेकिन फिर आप इसे शांति से सुलझा लें. क्योंकि इस उम्र में बच्चे आपके साथ जितने खुले रहेंगे, उतना अच्छा होगा. क्योंकि इस उम्र में बच्चे अक्सर अपने माता-पिता से इन मुद्दों पर बात करने से डरते हैं.

बच्चों पर क्रोध न करें

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर आप अपने बच्चों को पॉर्न देखते हुए देखें तो गलती से भी गुस्सा न हों. क्योंकि गुस्सा करने से स्थिति खराब हो जाती है. ऐसे में कई माता-पिता इंटरनेट ब्लॉक करने और गैजेट्स छीनने जैसी गलतियां करते हैं. इससे बच्चे अधिक गलत व्यवहार करते हैं. माता-पिता को अनुशासनात्मक हुए बिना बच्चों के साथ शांति से संवाद करना चाहिए.

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