60 साल की उम्र पार कर लेने बाद लोग खुद को निष्क्रिय और निठल्ला समझने लगते है. यही वजह है कि उन्हें छोटी छोटी बीमारयां घेरने लगती है. जिन्हे वे बुढ़ापे की बीमारी कहकर टालने लगते है, लेकिन हकीकत में ऐसा होता नहीं है. बुढ़ापे में बिमारियों से बचने के लिए और एक्टिव लाइफ जीने के लिए एक्सरसाइज जरूरी है.
जिएं एक्टिव लाइफ
बढ़ते चिकित्सा साधनों की वजह से लोगों की औसत जीवन आयु भी बढ़ गई है. कुछ लोग तो 100 वर्ष की उम्र का पड़ाव भी पार कर लेते है. व्यव्याम की वजह से लोग बुढ़ापे के बाद भी सक्रिय जीवन जीने का सुअवसर प्राप्त कर रहे है. लोग अब अपने बुढ़ापे को सार्थक करने लगे हैं. सक्रिय रहकर अनुभवों के निचोड़ को बांट रहे हैं.
क्यों बदल रहे हैं बुजुर्ग?
वृद्धों की औसत जीवन आयु पूर्व की अपेक्षा बहुत बढ़ चुकी है. मेडिकल साइंस भी बुढ़ापे की सक्रियता व बुजुर्गों की फिटनेस को बड़ा महत्त्व देती है. वृद्धावस्था में व्यायाम कर सक्रिय रहकर स्वस्थ व सुखमय जीवन का पूरा लाभ लिया जा सकता है. यह बुढ़ापे की सक्रियता व हल्का-फुल्का व्यायाम अनेक रोगों से राहत देने में सहायता भी करता है.
बुढ़ापे में श्रम, व्यायाम, कसरत के विरोध में लोगों ने कई धारणाएं बना रखी है. हल्का-फुल्का श्रम-व्यायाम करने से वृद्ध खुद को थका मानकर झिझकते हैं. जबकि बुढ़ापे को सेहतमंद और सुखद बनाने के लिए यह आवश्यक है.
क्यों जरूरी है एक्सरसाइज?
बढ़ती उम्र समस्याओं को जन्म देती है. उसका प्रभाव समस्त अंगों पर पड़ता है. बुढ़ापे की लगभग आधी समस्याएं शारीरिक निष्क्रियता के कारण उत्पन्न होती हैं. बढ़ती उम्र के साथ मनुष्य अपने शरीर को ज्यादा आराम देने लगता है, जो कई दुष्प्रभावों को जन्म देता है, जो बुजुर्ग निष्क्रिय होकर घरों में पड़े रहते हैं और नियमित शारीरिक गतिविधियां नहीं करते, उन्हें ये समस्याएं होती है.
मांसपेशियों की सक्रियता व क्षमता घट जाती है. शरीर में वसा की मात्रा बढ़ जाती है. हृदय धमनियों व श्वसन तंत्रा की कार्यक्षमता में कमी आती है. रक्त चाप में वृद्धि हो जाती है. अवसाद वे चिन्ताएं घेरने लगती हैं. साथ में कई और बीमारियों की आशंका बढ़ जाती हैं. कब्ज, हृदय रोग, श्वांस रोग, जोड़ों में दर्द, लकवा आदि हो सकता है. इन सभी बिमारियों से निजात पाने के लिए एक्सरसाइज जरूरी है.
बदलती है बॉडी
हल्का-फुल्का श्रम-व्यायाम, कसरत व शारीरिक सक्रियता बनाए रखने से बूढ़े शरीर को लाभ मिलता है. बशर्ते यह सब सुव्यवस्थित हो. इससे शरीर के सभी अंगों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है. डाक्टर की सलाह लेकर उनके बताए अनुसार यह हल्का-फुल्का व्यायाम, खेल, श्रम पूर्ण काम जल्द जारी कर दें. इससे सम्पूर्ण शरीर चुस्त-दुरूस्त रहेगा.
हर बीमारी रहेगी दूर
विशेषज्ञों के मुताबिक व्यव्याम शरीर में वसा के स्तर को नियंत्रित रखता है. यह वजन एवं मोटापा बढ़ाने नहीं देता है. हार्ट अटैक का खतरा टलता है. यह पाचन शक्ति को बढ़ाता है. यह मांसपेशियों को मजबूत बनाता है. हड्डियां भी मजबूत होती है. जोड़ों में दर्द नहीं होता है. हृदय, पक्षाघात, फेफड़े, श्वांस, रक्तचाप, मधुमेह आदि बीमारी की स्थिति में लाभ मिलता है.