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फागुन माह की (phalguna month importance) पूूर्णिमा को मनाया जाने वाला होली का त्योहार देश के प्रमुख त्योहारों में से एक है. रंगों का त्यौहार होली आपसी बैर मिटने और प्यार बढ़ाने का जरिया भी है. ऐसे में आप रंगों के दर से इसे मनाने से परहेज नहीं कर सकते. यदि कोई प्यार से आप पर रंग डालना चाहे तो आप कभी भी यह नहीं चाहेंगे की आपके मन करने से उसे बुरा लगे.

नुकसानदायक हैं होली के बाजार में मिलने वाले रंग (Hazardous chemicals in artificial colours of holi)
वैसे भी अपनों के साथ और दोस्तों के साथ होली खेलना किसे पसंद नहीं है. हर कोई इस दिन रंगों से होली खेलना चाहता है और अपनों के साथ खुशियां बांटना चाहता है.

कुछ तो इस त्योहर का साल भर इंतजार करते हैं. लेकिन आजकल बाजार में कुछ ऐसे केमिकल युक्त रंग आ गए हैं, जिन से होली खेलने पर आपकी त्वचा, आंख, कान या अन्य अंगों पर रिएक्शन हो सकता है. होली के कई रंग इतने घातक रिएक्शन करते हैं कि यह आगे चलकर बड़े चर्म रोग का कारण बन जाते हैं.

होली के रंगों से बचने के उपाय (tips to remove holi colours from face) 
अपनी त्वचा का ध्यान रखते हुए होली खेलना और रंगों के चयन में विशेष ध्यान देना बेहद आवश्यक है. आप जब भी होली खेले इससे पहले अपने शरीर पर साधारण नारियल तेल अन्य कोई कॉस्मेटिक क्रीम जो आप रेगुलर यूज़ करते हैं अपने शरीर पर अच्छी तरह से लगा ले.

कोशिश करें की आम दिनों की तुलना में आज आप इन उत्पादों की एक मोटी लेयर अपने त्वचा पर चढ़ा सकें. आपके कपड़े हल्के और जल्दी सूखने वाले होने चाहिए, क्योंकि होली के दिन दिनभर आपको गीला रहना पड़ सकता है, ऐसे में मोटे कपड़े ज्यादा देर तक गीले रहेंगे. जिससे आपको सर्दी लगने का डर हमेशा बना रहेगा.

किन रंगों से खेलें होली (how to make homemade natural colours for holi) 
रंगों के चयन की बात करें तो हमें देसी रंग जिनमें गुलाल, कुमकुम या बाजार में मिलने वाले अन्य मुलायम रंगों का चयन करना चाहिए. जिन रंगों में छूने पर खुरदरापन या रेटिलापन महसूस हो उन रंगों को कभी भी होली खेलने के लिए उपयोग नहीं करना चाहिए. (holi colours harmful effects) होली खेलते वक्त रंगों को गालों पर जोर जोर से नहीं रगड़ना रखना चाहिए. कोशिश करें सूखी होली खेली जाए.

इसके बाद भी यदि मौज मस्ती के दौरान पानी के साथ होली खेल रहे हैं, तो अपनी आंखों का विशेष ध्यान रखें. स्वयं होली खेलते हुए या दूसरों को रंग लगाते हुए उनकी आंखों में रंग ना जाए इस बात का विशेष ध्यान रखें. कई बार कुछ केमिकल रंग इस तरह के भी होते हैं जो बालों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं.

कई बार सूखी होली खेलते हुए हम बालों पर रंगों की मुट्ठी उड़ेल देते हैं. मौज मस्ती में यह सब जायज भी है और इन सब चीजों का ध्यान भी नहीं रखा जा सकता. लेकिन कोशिश की जानी चाहिए की बालों को इन केमिकल भरे रंगों से बचाया जा सके. ऐसे में सही रंगों का चुनाव आपको आने वाली समस्याओं से बचा सकता है.

कैसे छुड़ाएं होली के रंग  (How to remove holi pakka colour from skin) 
होली खेलने के बाद जब शाम को आप रंगों को छुड़ाने की कोशिश करें तो ध्यान रखें की जोर-जोर से रगड़ कर एक बार में सारे रंगों को निकालने की जिद ना करते हुए एक दो बार धोने के बाद रुकें. रुकने के बाद फिर उसे थोड़ी देर बाद धोएं. रगड़ के कारण आपकी त्वचा पर या आपके चेहरे पर होने वाली जलन या लाल निशान ऐसा करने से नहीं पड़ेंगे.

रंगों को छुड़ाने में किए जाने वाले ज्यादा प्रयत्नों के कारण शरीर पर फुंसियां, लाल चट्टे और जलन जैसी शिकायतें आमतौर पर हो जाती है. इससे बचने के लिए सब्र रखें और रंगों को निकालने की अति जिद ना करें.

आपके द्वारा यदि रंग खेलने के पहले ही तेल या लोशन लगा दिया जाएगा तो रंगों को छुड़ाने में भी आसानी होगी. इन कुछ आसान उपायों से आप मस्तीभरी होली सुरक्षित तरीके से मना सकते हैंं.

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