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खान-पान फिटनेस की पहली शर्त है जबकि अच्छी हेल्थ की कसौटी आपका पेट है. आयुर्वेद के मुताबिक यदि किसी व्यक्ति का पेट खराब है तो उसे हर तरह की बीमारियां हो सकती हैं, लेकिन यदि उसका पेट ठीक है तो वह सबसे फिट कहा जाता है. बदलती जीवन शैली ने सबसे ज्यादा नुकसान हमारे पेट के पहुंचाया है. फास्ट फूड और लगातार खाने को अवॉइड करने के चक्कर में छोटी उम्र के बच्चों, युवाओं को पेट की गंभीर बीमारियां हो रही हैं.

कैसे रखें पेट को फिट

पेट की सबसे बड़ी समस्या है गैस का बनना है. गैस का सीधा कनेक्शन आपके खाने से है. आलू, चावल, तले पदार्थ, भांग शराब जैसी चीजें एसीडीटी और गैस बनाती हैं. भूख से अधिक खाना और मनमर्जी से खाना बहुत खतरनाक होता है. कोशिश करें कि भूख से कम ही खाएं और कुछ हिस्सा पेट का खाली भी रखें. खाली पेट रहने से भी गैस बनेगी. अतः भूखे न रहें.

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एक दिन फास्ट रखें फिट रहें

पेट की तकलीफ यदि है तो सबसे अच्छा उपाय है एक दिन का फास्ट रखना या फिर लिक्विड डाइट को अपनाना. इसके अलावा यदि आप लंच या डिनर करते हैं तो अपने खाने  में पुदीना, अनारदाना, प्याज, धनिया आदि की चटनी जरूर लिया करें. लहसुन, अदरक का भी प्रयोग जरूरी है. एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू निचोड़ कर सुबह पीने की आदत डालें और फ्रेश हों. जिन्हें कब्ज भी रहता हो और गैस भी काफी बनती हो, वे खाना खाने के बाद काला नमक, जीरा, नींबू मिलाकर खारा सोडा पी लें. उससे काफी आराम मिलेगा. आंतें साफ होंगी.

कैसे मिलेगी एसीडीटी से राहत

जिन्हें पेट में अधिक गैस बनने की तकलीफ रहती हो, वे गर्मी के मौसम में तरबूज और आम आदि अधिक मात्रा में न खाएं. इनसे भी हवा बनती है. भोजन पचेगा, पेट साफ रहेगा तो गैस कम बनेगी. हरे साग जैसे बथुआ, पालक, सरसों का साग खाएं. खीरा, ककड़ी, गाजर चुकन्दर भी इस रोग को शांत रखते हैं. कच्चे खाएं.  नारियल का पानी पीने को प्राप्त हो तो जरूर पिएं, दिन में तीन बार. सारी तकलीफ गायब हो जाएगी. पका पपीता मिले तो जरूर खाएं. कच्चे पपीते की सब्जी लें. खाना खाने के बाद आइसक्रीम खाना या ठंडे पेय पीना भी हानि करता है. ऐसे में ठंडा जूस पीना भी ठीक नहीं रहता.

मैदे की चीजों से करें

मैदे से बने पदार्थ या सुपर फाइन आटे की रोटी आसानी से नहीं पचती और गैस करती है. मोटे चोकर युक्त आटे या चना अथवा सोयाबीन मिले आटे से बनी रोटी खाएं. यह जल्दी पचेगा भी. अफारा जैसी तकलीफ नहीं होने देगी. इस प्रकार यदि हम अपने खान पान में सुधार कर लें तो यह रोग शांति रहेगा.  चाय काफी का ज्यादा सेवन भी नुकसानदायक होता है. अतः इसका सेवन कम से कम करें.

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