भगवान शिव की पावन नगरी काशी जहां आलौकिक शक्तियों का वास है, जहां मोक्ष प्राप्त होता है. वहां की ज्ञानवापी मस्जिद (GyanVapi Masjid) काफी सुर्खियों में है. हिन्दू धर्म के मुताबिक काशी एक अति प्राचीन नगर है लेकिन यहां मुस्लिम शासकों ने काफी तोड़फोड़ की और इसके मंदिरों को भी तोड़ा. यहां मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई. जिसका परिणाम ज्ञानवापी मस्जिद कहा जा रहा है.
ज्ञानवापी का मतलब क्या होता है? (Meaning of Gyanvapi?)
ज्ञानवापी का मतलब होता है ‘ज्ञान का कुआं’. ज्ञानवापी को लेकर कई कहानियां बताई जाती है. इसे लेकर कई धार्मिक और ऐतिहासिक कथाएं भी सुनाई जाती है.
स्कन्द पुराण के अनुसार भगवान शिव ने स्वयं लिंगाभिषेक के लिए अपने त्रिशूल से इस कुएं को बनाया था. इस कुएं का जल बहुत ही पवित्र होता है जिसे पीकर व्यक्ति को ज्ञान प्राप्त होता है. शिवजी ने भी इसी स्थान पर अपनी पत्नी पार्वती को ज्ञान दिया था. इसलिए इसे ज्ञानवापी या ज्ञान का कुआं कहा जाता है.
ज्ञानवापी विवाद क्या है? (Gyanvapi Controversy in Hindi)
Gyanvapi Masjid इन दिनों काफी सुर्खियों में है. इसकी कई वजह है. कई सालों से ज्ञानवापी मस्जिद की जगह को लेकर केस चल रहा है. जिसमें ये कहा जा रहा है कि इसे भगवान का मंदिर तोड़कर बनाया गया था, इसमे हिन्दू धर्म के कई साक्ष्य मौजूद है, यहाँ तक कि भगवान शिव का शिवलिंग भी इसमें मौजूद है.
ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर ही एक कुआं है जिसे ज्ञानवापी कहा जाता है. जिस कुएं के बारे में आपने ऊपर जाना ये वही कुआं है और मस्जिद के क्षेत्र में आता है. मस्जिद में इस कुएं के आसपास पानी भरा जाता है, जिसमें मुस्लिम हाथ-पैर ढोते हैं. इसे वजूखाने कहा जाता है.
मस्जिद में जब कोर्ट के आदेश पर सर्वे किया गया तो वहाँ कुएं के अंदर शिवलिंग की आकृति मिली, जिसे हिन्दू पक्ष शिवलिंग कह रहे हैं और मुस्लिम पक्ष वहां पर पुराने जमाने में बनाया गया फव्वारा बता रहे हैं.
क्या ज्ञानवापी में शिवलिंग है? (Shivling in Gyanvapi Masjid)
ज्ञानवापी में शिवलिंग है या नहीं है इसका पता तो कोर्ट के ऑर्डर आने के बाद ही पता लग पाएगा. लेकिन हिन्दू पक्षकार इसे शिवलिंग बता रहे हैं. दूसरी ओर कई धार्मिक संकेत भी इसी ओर इशारा करते हैं कि वहाँ शिवलिंग मौजूद है. लेकिन मुस्लिम पक्षकार कहते हैं कि वो पुराने जमाने का कोई फव्वारा है.
ज्ञानवापी मस्जिद कैसे बनी? (How Gyanvapi Masjid was made?)
ज्ञानवापी मस्जिद बनने का इतिहास काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़े जाने के इतिहास में ही छुपा हुआ है. बात उस जमाने की है जब भारत पर मुगलों का शासन था और औरंगजेब प्रमुख राजा हुआ करता था. औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर तोड़ने का आदेश दिया.
जानकारी के मुताबिक साल 1669 में इस मंदिर को औरंगजेब द्वारा तुड़वाया गया था और यहाँ पर एक मस्जिद का निर्माण करवाया गया था जिसे आज ज्ञानवापी मस्जिद कहा जाता है. इसी के अंदर एक कुआं है जिसे ज्ञानवापी कहा जाता है और इसके अंदर ही शिवलिंग होने के प्रमाण मिले हैं.
ज्ञानवापी पर कोर्ट का फैसला (Gyanvapi court justice and news)
ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कोर्ट में केस चल रहा है जहां सम्पूर्ण ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे किया गया. तीन दिन के सर्वे में ये पाया गया कि मस्जिद की दीवारों पर हिन्दू धर्म के चिन्ह पाये गए हैं. वहीं वजूखाने में स्थित कुएं में शिवलिंग के आकार की शिला मिली है. जिसके बाद वजूखाने को सील किया गया है.
इस मामले को लेकर कोर्ट में केस चल रहा है. इस केस में उपासना स्थल कानून 1991 का महत्वपूर्ण योगदान है. इसके मुताबिक 15 अगस्त 1947 को उपासना स्थल का जो स्वरूप बरकरार था, वो जिस धार्मिक रूप में था उसी में रहेगा. मतलब 15 अगस्त 1947 के दिन यदि कोई धार्मिक स्थल कोई मस्जिद थी तो वो मस्जिद ही रहेगी और मंदिर था तो मंदिर ही रहेगा.
इस कानून को 11 जुलाई 1991 को नरसिम्हा राव की सरकार लेकर आई थी. जब भारत में राम जन्मभूमि का आंदोलन तेजी से बढ़ रहा था. उस समय इसे शांत करने के उद्देश्य से इस कानून को लाया गया था.
इस कानून की हकीकत जो भी हो लेकिन अभी तक धार्मिक स्थलों को लेकर जो फैसले किए जाते हैं वो इसी कानून को ध्यान में रखकर किए जाते हैं.