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gt road history in hindi

भारत का इतिहास काफी विस्तृत है. लेकिन सामान्य ज्ञान में जब भारत की सबसे पुरानी सड़क की बात की जाती है तो ‘ग्रैंड ट्रंक रोड’ (Grand Trunk Road) का नाम जरूर लिया जाता है. ग्रैंड ट्रंक रोड सदियों पुरानी रोड है और आज तक इसका अस्तित्व है. भारत में इस सड़क को कई सारे राजमार्गों में विभाजित कर दिया गया है. ग्रैंड ट्रंक रोड का नाम तो सभी जानते हैं लेकिन इसके इतिहास के बारे में कम ही लोग जानते हैं.

ग्रैंड ट्रंक रोड का इतिहास (History of Grand Trunk Road) 

जीटी रोड दक्षिण एशिया (GT Road Full Form) का सबसे पुराना और लंबा मार्ग था. इस रोड ने करीब 4 देशों को आपस में जोड़कर रखा है. सदियों से इस रोड का प्रयोग व्यापार मार्ग के लिए किया गया है. इतिहास में अलग-अलग अवधियों के दौरान इसका उल्लेख किया गया है. कभी इसका इस्तेमाल व्यापार के लिए तो कभी भारत लूटे गए सामान को ले जाने के लिए किया गया.

इस सड़क को अलग-अलग कालों में बनाया गया है लेकिन इसकी शुरुआत मौर्य काल से मानी जाती है. मौर्य साम्राज्य में इसे उत्तरपथ के नाम से पहचाना जाता था. जिसका मतलब उत्तर दिशा की ओर जाने वाला मार्ग था. ये मार्ग गंगा नदी के बगल से होते हुए पंजाब के रास्ते तक्षशिला तक जाता था. इस मार्ग का कई बंदरगाहों से भी संपर्क था इसलिए मौर्यकालीन युग में इसका विशेष महत्व है. मौर्यकाल में बौद्ध धर्म का प्रसार इसी मार्ग के जरिये किया गया था.

ग्रैंड ट्रंक रोड किसने बनवाई थी? (Who built grand trunk road?) 

इस सवाल का जवाब आपको किताबों में शेरशाह सूरी (Who Built GT Road?) मिलता है. लेकिन ये पूरी तरह सच नहीं है. क्योंकि इस सड़क का निर्माण तो मौर्यकाल में हो चुका था. 16वी सदी में इस सड़क का ज़्यादातर भाग शेरशाह सूरी ने पुनर्निर्मित किया था. उस समय इस सड़क को ‘सड़क-ए-आजम’ कहा जाता था.

17वी शताब्दी में ब्रिटिश ने भारत पर शासन किया. उस दौरान इस सड़क का नाम बदलकर ‘ग्रैंड ट्रंक रोड’ कर दिया गया.

ग्रैंड ट्रंक को सही तरीके से बनाने का श्रेय शेरशाह को ही जाता है. क्योंकि उसने सड़कों को फिर से बनवाया था. सड़कों पर दूरी दर्शाने के लिए उसने नियमित अंतराल पर हर कोस पर कोसमीनार बनवाई. यात्रियों के लिए जगह-जगह पर कुएं बनवाएँ और पेड़ लगवाए. इसलिए शेर शाह सूरी को ग्रैंड ट्रंक रोड का निर्माता कहा जाता है.

ग्रैंड ट्रंक रोड किन देशों को जोड़ती है? (Which Country connect by GT Road?)

ग्रैंड ट्रंक रोड कुल-मिलाकर चार देशों को जोड़ती है. इसका प्रारम्भ बांग्लादेश के चटगाँव शहर से होता है. जिसके बाद ये भारत में प्रवेश करती है. भारत के बाद ये पाकिस्तान में जाती है और फिर अफगानिस्तान में काबुल में जाकर समाप्त हो जाती है. (Grand trunk road start and end)  वर्तमान में कुछ हद तक ग्रैंड ट्रंक रोड का स्वरूप बदला है. भारत में इसे कुछ प्रमुख नेशनल हाइवे के साथ जोड़ दिया गया है.

भारत में ग्रैंड ट्रंक रोड कहाँ से कहाँ तक है? (GT Road connect which city in India?) 

भारत में ग्रैंड ट्रंक रोड का कई जगह पर नाम बदल दिया गया है. कई शहरों में इसे मूल स्थान से हटा भी दिया गया है. भारत में ये कुछ प्रमुख शहरों को आपस में जोड़ती है. जैसे : हावड़ा, बर्धमान, पानागढ़, दुर्गापुर, आसनसोल, धनबाद, औरंगाबाद, डेहरी ऑन सोन, सासाराम, मोहानिया, मुगलसराय, वाराणसी, इलाहाबाद, कानपुर, कल्याणपुर, कन्नौज, एटा, अलीगढ़, गाजियाबाद, दिल्ली, पानीपत, करनाल, अंबाला, लुधियाना, जालंधर और अमृतसर.

इस सड़क को सबसे पहले उत्तरपथ के नाम से जाना जाता था. इसके बाद मुगलकाल में जब शेरशाह सूरी ने इसका पुनर्निर्माण कराया तो इसे सड़क-ए-आजम नाम दिया गया. इसके बाद जब ब्रिटिश आए और उन्होने इस सड़क पर थोड़ा और काम कराया तो इस सड़क को ग्रैंड ट्रंक रोड नाम दिया. इतिहास की दृष्टि से ये भारत की सबसे महत्वपूर्ण सड़क है. प्राचीनकाल में इस सड़क के जरिये राजाओं ने अपने राज्य को अन्य राज्यों से जोड़ा और अपने राज्य का भी विस्तार किया. उस समय व्यापार की दृष्टि से ये एक महत्वपूर्ण सड़क थी.

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