शादी के लिए जब कहीं रिश्ता तय किया जाता है तो गोत्र पूछा जाता है. तब कई लोगों को ये पता नहीं होता कि उनका गोत्र क्या है? काफी लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती और वो असमंजस में पड़ जाते हैं. हिन्दू धर्म में गोत्र का काफी ज्यादा महत्व होता है. इसलिए गोत्र क्या होता है? आपका गोत्र क्या है? Apna Gotra Kaise Jane? इस बारे में जानना बेहद जरूरी है.
गोत्र क्या है? (Gotra in Hindi)
गोत्र आपके वंश के बारे में बताता है. ये बहुत ही प्राचीन पद्धति है जिसे भारत में उपयोग किया जाता है. इससे यह पता चलता है कि आपके मूल पिता कौन थे, आपका मूल परिवार कौन सा था?
गोत्र कैसे शुरू हुआ? (What is Gotra in Hindi?)
भारत के इतिहास में आपने वर्ण व्यवस्था के बारे में पढ़ा होगा जिसमें आपने चार वर्ण को जाना होगा. 1) ब्राहमण 2) क्षत्रिय 3) वैश्य 4) शूद्र. ये चारों वर्ण गोत्र पद्धति का अनुसरण करते हैं. इनमें समान गोत्र भी हो सकते हैं. लेकिन इसके पहले ये जानना होगा कि गोत्र कैसे शुरू हुआ और लोगों ने इसका अनुसरण कैसे किया?
ब्राह्मण अपनी उत्पत्ति सात ऋषियों से मानते हैं. गोत्र इन्हीं सात ऋषियों के साथ शुरू हुआ था. सात ऋषि 1) आत्रि 2) भारद्वाज 3) भृगु 4) गौतम 5) कश्यप 6) वशिष्ठ 7) विश्वामित्र. ब्राह्मणों ने इन्हें अपना गोत्र माना और ये सिलसिला आगे बढ़ता चला गया. वर्तमान में हमारे देश में 100 से भी ज्यादा हिन्दू गोत्र हैं.
गोत्र का उपयोग किस काम में किया जाता है? (Gotra ka Upyog)
गोत्र का उपयोग मुख्य रूप से विवाह में किया जाता है. हिन्दू धर्म में जब विवाह संबंध तय किया जाता है तो दोनों पक्ष एक दूसरे का गोत्र जानते हैं, अगर दोनों का गोत्र एक ही हुआ तो विवाह तय नहीं किया जाता. ऐसा माना जाता है कि यदि उनका गोत्र एक ही हुआ तो वे एक ही कुल परिवार के हुए, ऐसे में उनमें रक्त संबंध आ जाता है. जिस वजह से विवाह नहीं हो सकता.
अपना गोत्र कैसे जानें? (How to know Gotra?)
अपना गोत्र जानने के लिए आपको इन्टरनेट पर कोई टूल नहीं मिलने वाला है. अपना गोत्र आप अपने पिता, अपने दादाजी या अपने पिता के पक्ष में किसी से जान सकते हैं. आपको अपने पिता या दादाजी से अपना गोत्र अवश्य जानना चाहिए और पीड़ी दर पीड़ी उसे आगे बढ़ाना चाहिए.
यदि कोई व्यक्ति अपना गोत्र नहीं जानता है, और उसके परिवार में भी कोई गोत्र नहीं जानते हैं तो ऐसी स्थिति में आप अपना गोत्र ‘कश्यप’ बता सकते हैं. क्योंकि कश्यप ऋषि एक ऐसे ऋषि थी जिनकी संतान हर जाति में पाई जाति है.
प्रमुख गोत्र कौन से हैं? (Gotra List in Hindi)
प्रमुख गोत्र की बात करें तो वो 7 गोत्र हैं जो सात ऋषियों के नाम पर आधारित हैं.
1) आत्रि (Atri)
2) भारद्वाज (Bharadvaja)
3) भृगु (Bhrugu)
4) गौतम (Goutam)
5) कश्यप (Kashyapa)
6) वशिष्ठ (Vashishth)
7) विश्वामित्र (Vishvamitra)
इनके अलावा भी कई सारे गोत्र हैं. भारत में 100 से ज्यादा गोत्र हैं लेकिन ये मूल गोत्र हैं जिनके बाद कई सारे गोत्र बनते चले गए.
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