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ED Kya hai? प्रवर्तन निदेशालय क्यों मारता है छापा, जानिए क्या हैं  ED के अधिकार? 

कई नेता, बड़े अफसर, फिल्मी सितारों के यहाँ ED छापा मारता है और उनसे पूछताछ भी करता है. ऐसा अक्सर आपने न्यूज में सुना ही होगा. लेकिन ED क्या है? (What is ED?) ED किन मामलों में छापा मारता है? ED की शक्तियां क्या है? (ED Power in India) क्या आप इन सभी बातों के बारे में जानते हैं. 

ED क्या है? (What is ED?)

ED का नाम आपने सिर्फ छापा मारने के वक्त ही सुना होगा. लेकिन ऐसा नहीं है कि ED सिर्फ एक छापा मारने वाली संस्था है. ED का काम सबसे अलग होता है.  

ED को हिन्दी में ‘प्रवर्तन निदेशालय’ कहते हैं. ये एक जांच एजेंसी है जो केंद्र सरकार के वित्त विभाग के तहत कार्य करती है. इसका सीधा सा ये मतलब होता है कि ये जो भी कार्य करेगी वो धन से जुड़ा हुआ होगा. 

ED एक ऐसी संस्था है जो देश में पैसों की कालाबाजारी को खत्म करने का काम करती है. ED को जब भी सूचना मिलती है किसी व्यक्ति के पास रिश्वत का पैसा है या फिर कोई व्यक्ति ने भ्रष्टाचार करके खूब पैसा कमाया है तो ED उसके घर पर छापा मारती है और ये सुनिश्चित करती है कि मिली सूचना सही है या नहीं. 

छापे के दौरान यदि सूचना सही पाई जाती है तो ED पूरी राशि जब्त करके उस व्यक्ति पर कार्यवाही करती है. ED का मुख्य कार्य पैसे से जुड़े अपराध से है.   

ED की स्थापना कब हुई थी? (Which Year ED Established?) 

ED की स्थापना 1 मई 1956 को भारत सरकार के द्वारा की गई थी.  उस समय विदेशी मुद्रा विनियम अधिनियम 1947 के अंतर्गत विनिमय नियंत्रण विधियों के उल्लंघन को रोकने के लिए आर्थिक कार्य विभाग के नियंत्रण में एक जांच एजेंसी का गठन किया गया जिसे प्रवर्तन इकाई कहा गया. साल 1957 में इसका नाम बदलकर प्रवर्तन निदेशालय रखा गया.  

ED में IRS, इंडियन कॉर्पोरेट ला सर्विस, इंडियन पोलिस सर्विस, और इंडियन ऐड्मिनिस्ट्रेटिव सर्विस के अधिकारी शामिल होते हैं.  इसके क्षेत्रीय कार्यालय अहमदाबाद, बैंगलोर, चण्डीगढ़, चेन्नई, कोची, दिल्ली, पणजी, गुवाहटी, हैदराबाद, जयपुर, जालंधर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, पटना तथा श्रीनगर में है.   

ED का पूरा नाम क्या है? (ED Full Form) 

ED का Full Form “Enforcement Directorate” है. 

ED क्या काम करती है? (ED Duties in India) 

ED भारतीय मुद्रा से संबंधित घोटालों की जांच करती है. इसके दायरे में पाँच अधिनियम आते हैं जिनके तहत ED को जांच, जब्ती, गिरफ़्तारी, अभियोजन और कार्यवाही करने का अधिकार है. 

1) धन शोषण निवारण अधिनियम 2002(PMLA)

2) विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 (FEMA)

3) भगौड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 (FEOA)

4) विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम 1973 (FERA) 

5) CIFIPOSA के तहत प्रायोजक एजेंसी 

ED इन सभी अधिनियम के तहत किसी भी व्यक्ति के संदिग्ध पाए जाने पर उसकी जांच कर सकती है. जब ये जांच करने आते हैं तो आमतौर पर लोग कहते हैं कि ED का छापा पड़ा है. जांच में दोषी पाए जाने पर ED उसकी संपत्ति जब्त कर सकती है. उसके खिलाफ केस कर सकती है. 

ED के अधिकार (Power of ED in India) 

प्रवर्तन निदेशालय को जांच करने से संबंधित कई अधिकार होते हैं. 

– यह सरकारी व्यक्ति, सरकारी एजेंसी आदि के वित्तीय मामलों की जांच कर सकते हैं. 

– कोई व्यक्ति यदि विदेशी मुद्रा एक्ट के तहत उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उसकी जांच करना तथा उस पर मुकदमा दायर करना ED का कार्य होता है. 

– विदेश में किसी तरह के संपत्ति पर कार्यवाही करके रोकथाम करने का अधिकार ED का होता है. 

– पैसों की कालाबाजारी में कोई व्यक्ति पाया जाता है तो उसके खिलाफ जांच, जब्ती और गिरफ़्तारी करने का अधिकार भी ED के पास होता है. 

– कोई व्यक्ति यदि अधिक मात्रा में विदेशी मुद्रा अपने पास रखता है तो उसके खिलाफ भी ED ही कार्यवाही करता है. 

कुलमिलाकर ED एक ऐसी जांच एजेंसी है जो पैसों से संबंधित कानून के उल्लंघन करने पर जांच करती है, जांच में दोषी पाए जाने पर जब्ती करती है और गिरफ़्तारी का कार्य करती है. इसके साथ ही कोर्ट में मुकदमा दायर करने का काम भी ED का ही होता है.  

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