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ठंड या सर्दी के मौसम में खांसी (cough) होना आम बात है. लेकिन ये आम खांसी अगर आपको ज्यादा हो रही है या फिर ज्यादा दिनों तक हो रही है तो ये चिंता का विषय है. खांसी के कई प्रकार (types of cough) हैं और उन्हीं में से एक है ‘सूखी खांसी’ (Dry cough). इसमें कफ काफी कम या न के बराबर होता है लेकिन इसके परिमाण काफी गंभीर होते हैं. सूखी खांसी से आप बच सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको सूखी खांसी के लक्षण (dry cough symptoms) और सूखी खांसी के कारण (causes of dry cough) का पता होना चाहिए.

सूखी खांसी के लक्षण (dry cough symptoms)

सूखी खांसी के लक्षण (dry cough symptoms) ढेर सारे हैं और इसे खत्म करने या इससे बचने के लिए आपको इसके लक्षण की सही जानकारी का पता होना जरूरी है. सूखी खांसी के लक्षण निम्न हैं :-

– गले में किसी खाद्य पदार्थ या किसी चीज का अटका होना.
– कफ का बिलकुल भी ना होना.
– नाक का बंद होना या फिर घर्घराहट होना.
– गले में खराश होना.
– साइनस पर दबाव होना.
– रात को ज्यादा पसीना आना. (Dry cough at night)
– सांस का फूलना.

सूखी खांसी के कारण (dry cough causes)

सूखी खांसी को कैसे रोके (How to get rid of a dry cough) इससे पहले हमें ये जानना जरूरी है की आखिर सूखी खांसी किस वजह से हो रही है. सूखीं खांसी होने के कारण क्या है तब ही आप या फिर डॉक्टर सूखी खांसी के इलाज के बारे में बताएँगे. सूखी खांसी के होने के निम्न कारण हैं-

– सूखी खांसी होने की वजह कोई वाइरल बीमारी जैसे सर्दी, जुखाम या इन्फ्लुएंजा हो सकते हैं.
– दमा या अस्थमा
– बहुत अधिक मात्र में धूम्रपान करना या फिर धूम्रपान के कारण गले में एलर्जी का होना.
– नाक की एलर्जी की वजह से भी सूखी खांसी हो सकती है.
– रात में खर्राटे की वजह से भी सूखी खांसी हो सकती है.
– फेफड़ों में किसी बीमारी के कारण भी सूखी खांसी हो जाती है.
– ठंडी या शुष्क हवा में सांस लेने के कारण भी सूखी खांसी हो जाती है.
– वायु प्रदूषण, धुए के संपर्क में आने के कारण भी सूखी खांसी हो जाती है.

सूखी खांसी से बचाव (dry cough prevention)

सूखी खांसी से बचने के लिए सूखी खांसी के कारणो पर ध्यान देने की जरूरत है. अगर आप सूखी खांसी के कारणों को ध्यान से देखें और समझे तो आप सूखी खांसी को रोक सकते हैं या सूखी खांसी से बचाव कर सकते हैं. सूखी खांसी से बचाव के निम्न तरीके हैं –

– सूखी खांसी से बचने के लिए धूम्रपान को ना कहें और यदि कोई व्यक्ति आपके पास धूम्रपान कर रहा है तो वहाँ से दूरी बना लें या फिर मुंह को कपड़े से ढँक लें.
– जितना हो सके उतना वायु प्रदूषण से बचें. धुए वाली जगह पर जाए तो मुंह पर कपड़ा ढँक लें.
– अगर आपको अस्थमा है तो भी आपको खांसी हो सकती है इसलिए ठंडी, शुष्क और प्रदूषित हवा से दूर रहें. अधिक बात न करें और चिल्लाएँ नहीं.
– अगर खांसी आती है और आप अपने हाथ मुह पर रखते हैं तो अपने हाथों को बार-बार धोएँ.

सूखी खांसी का इलाज (dry cough treatment)

सूखी खांसी के लक्षण शरीर में नजर आते ही आप डॉक्टर की सलाह तुरंत लें. डॉक्टर सूखी खांसी की दवाई (Dry cough medicine) के जरिये इसके असर काफी हद तक कम कर सकते हैं. डॉक्टर इसकी होने की वजह और आपके शरीर में किस हिस्से के कारण आपको सूखी खांसी हो रही है उस हिसाब से परामर्श देंगे जिससे इसे खत्म किया जा सकता है. सूखी खांसी को आमतौर पर सूखी खांसी के कफ सिरप (Dry cough syrup) द्वारा भी ठीक किया जाता है.

सूखी खांसी के लिए घरेलू नुस्खे (Dry cough home remedy)

खांसी होने पर आमतौर पर हम डॉक्टर के पास जाने से पहले घरेलू नुस्खे आजमाते हैं. सूखी खांसी के लिए कई घरेलू नुस्खे हैं जिनसे खांसी के असर को कम किया जा सकता है लेकिन ध्यान रहे की अगर आपको किसी बीमारी के कारण जैसे दमा या फिर फेफड़ों में खराबी के कारण खांसी हो रही है तो घरेलू नुस्खों को ना आज़माएँ.

– सूखी खांसी को दूर करने के लिए आप शहद और अदरक का सेवन कर सकते हैं. थोड़े से शहद में अदरक पीस कर पेस्ट बनाएँ और फिर उस पेस्ट का सेवन करें. शहद और अदरक को खांसी के लिए कारगर माना जाता है.

– सूखी खांसी के लिए हल्दी को भी काफी अच्छा माना जाता है. आप एक चम्मच हल्दी, दालचीनी का एक छोटा टुकड़ा, आधी चम्मच काली मिर्च पानी में मिलकर उबालें और दिन में दो बार सेवन करें.

– सूखी खांसी को मिटाने के लिए आप 1 गिलास पानी में एक चम्मच नमक मिलाकर गुनगुना कर लें और फिर उससे गरारे करें. इससे सूखी खांसी में फायदा मिलता है.

– सूखी खांसी में गरम दूध भी काफी फायदेमंद होता है. आप एक गिलास दूध में 2 चम्मच शहद मिलाकर रात में सेवन करें.

सूखी खांसी को कई बार लोग नजरअंदाज कर जाते हैं लेकिन ध्यान रहें की अगर आपको 2 हफ्तों से ज्यादा खांसी हो रही है. खाँसने के दौरान खून आ रहा है तो बिना देर किए डॉक्टर को बताएं और किसी भी घरेलू नुस्खे को ना आजमाये.

नोट: यह लेख आपकी जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. यदि आप संबंधित बीमारी से ग्रस्त हैं अथवा बीमारी के लक्षण महसूस होते हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें. बिना चिकित्सकीय सलाह के किसी भी तरह के उपाय ना करें और बीमारी को लेकर धारणा ना बनाएं. ऐसा करना सेहत के लिए नुकसानदायक है.

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