भारत में सबसे धूमधाम से दीवाली (Diwali essay in hindi)का त्योहार मनाया जाता है और स्कूल में सबसे ज्यादा पूछा जाने वाला निबंध भी दीवाली का होता है. दीवाली के निबंध (diwali ka nibandh) को लिखना और याद करना काफी आसान होता है क्योंकि इसके बारे में अधिकतर जानकारी स्टूडेंट जानते और समझते हैं. फिर भी अगर आपको कोई दिक्कत आती है तो आप दीवाली के इस निबंध को अच्छे से पढ़कर समझकर लिख सकते हैं.
दीवाली का निबंध (Diwali essay in hindi)
प्रस्तावना
दीवाली का त्योहार भारत में बेहद धूमधाम से मनाया जाता है. दीवाली का मतलब है ‘दीपों का त्योहार’, ‘रोशनी का त्योहार’. दीवाली पर हम सभी अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं और बड़े हर्ष-उल्लास के साथ दीपों का त्योहार दीवाली मानते हैं. दीवाली को हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है.
दीवाली क्यों मनाई जाती है?
दीवाली मनाने के पीछे माना जाता है की भगवान राम दीवाली के दिन रावण का वध करके तथा अपने 14 वर्ष का वन वास पूरा करके वापस अयोध्या लौटे थे और इस शुभ अवसर पर पूरी अयोध्या को दीपों से सजाया गया था. पूरी अयोध्या को नगर वासियों ने साफ-सुथरा करके दीपों से और फूलो, रंगोली, से पूरीे अयोध्या नगरी को इस तरह सज़ा दिया की मानो जैसे वो एक दुल्हन हो तब से लेकर आज तक यह परंपरा चली आ रही है.
दीवाली का उत्सव
दीवाली का त्योहार पूरे 5 दिन का होता है जो धनतेरस से शुरू होता है. धनतेरस दीवाली से दो दिन पहले होती है. इसके बाद नरक चौदस मनाई जाती है तथा इसके बाद दीवाली मनाई जाती है जिस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा होती है. दीवाली के बाद अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है जिसमें किसान अपनी गाय को सजा-धजाकर उसकी तथा गोबर का गोवर्धन पर्वत बनाकर उसकी पूजा करते हैं. इन सभी के बाद अंत में भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन बहने अपने भाई का तिलक करती है ताकि वे दुनिया की बुरी चीजों से उनकी रक्षा हो सके.
दीवाली का महत्व
दीवाली का त्योहार सिर्फ दीप जलाने के लिए या फटाके फोड़ने के लिए नहीं मनाया जाता. पूरा दीवाली के त्योहार का अपना अलग महत्व है. दीवाली के त्योहार पर हम सभी अपने-अपने घरों की सफाई करते हैं, घरो की सालभर में एक बार पुताई करते हैं, घरों को सजाते हैं. ये सब करने से हम हमारे घर की गंदगी को घर से बाहर निकालते हैं ताकि इस गंदगी से हम बीमार न हो.
दीवाली की रात को सालभर की सबसे अंधेरी रात मानी जाती है इस रात के अंधेरे को दूर करने के लिए हम दीप जलाते हैं. दीप जलाने का मतलब घर के बाहर के अंधकार को भगाना नहीं बल्कि अपने अंदर के अंधकार को भगाना होता है. दीवाली पर हम सभी एक दूसरे के घर जाकर पकवान बाँटते और खाते हैं इससे हम सभी भाईचारे का संदेश देते हैं. ये दर्शाता है की हम सभी में आपस में कितना प्रेम है. दीवाली के मौके पर सभी लोग एक दूसरे को खुशियाँ बाँटते हैं.
उपसंहार
दीवाली का त्योहार दीपों का त्योहार तो है ही लेकिन दीवाली के मौके पर फटाके भी फोड़े जाते हैं जिनसे वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण दोनों ही होता है. हमे हर दीवाली पर इस बात का ध्यान रखना चाहिए की हम ऐसे फटाके जलाएं जिनसे वायु और ध्वनि प्रदूषण कम हो. इससे आपको भी कोई नुकसान नहीं होगा और पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं होगा.
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