बारिश का मौसम जाते ही वर्षाजनित बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ता है. मलेरिया हो या वायरल बुखार (viral infection) हो या फिर सामान्य सर्दी-खांसी के मामले अक्सर इन बीमारियों से व्यक्ति ठीक हो ही जाता है और एक तरह से यह बीमारियां रोग प्रतिरोधक क्षमता की सालाना टेस्टिंग की तरह होती है. लेकिन बारिश के बाद बीते एक दशक में सबसे ज्यादा खतरनाक बीमारी ने यदि पैर फैलाएं हैं तो वह बीमारी है (dengue) डेंगू बुखार है.
जी हां, डेंग डेंगू बुखार बारिश के बाद फैलने वाला एक जानलेवा रोग है कि जिसका समय रहते इलाज ना मिले तो रोगी की जान तक जा सकती है.
डेंगू बुखार क्या है?
दरअसल, डेंगू एक मच्छर से काटने वाली बीमारी है. यानी की डेंगू का मच्छर आपको अगर काट ले तो आपको डेंगू हो सकता है लिहाजा इसे मच्छर जनित रोग कहा जाता है जो डेंगू वायरस के कारण होता है. डेंगू एडीज मच्छर के काटने से फैलता है.
डेंगू वायरस चार प्रकार के होते हैं: (Types of dengue fever)
डेंगू-1
डेंगू-2
डेंगू-3
डेंगू-4
डेंगू बुखार के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 3-14 दिनों के भीतर दिखाई देते हैं. (dengue symptoms hindi) रोगी के लिए जरूरी है कि वह इन लक्षणों को समय रहते समझें क्योंकि डेंगू का यदि समय रहते इलाज ना कराया जाए तो यह जानलेवा हो सकता है. भारत में डेंगूू के बिगड़ने की सबसे बड़ी वजह इसका समय रहते इलाज ना कराना है. अक्सर रोगी सामान्य वायरल फीवर के चक्कर में गोलियां और दवाइयां लेता रहता है और इधर रोगी की प्लेट्सलेट्स कम होती रहती है और फिर उसे बचा पाना मुश्किल होता है. आइए जानते हैं डेंगू के लक्षण-
- तेज बुखार डेंगू का पहला लक्षण-बुखार 39-40 डिग्री सेल्सियस या 103-104 डिग्री फैरेनहाइट तक पहुंचता है.
- सिरदर्द बना रहता है.
- इसके अतिरिक्त आंखों में दर्द भी एक आम शिकायत रहती है.
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द इतना तीव्र होता है कि रोगी को उठते ही नहीं बनता.
- थकान लगातार बनी रहती है. कई बार यह इतनी ज्यादा होती है कि रोगी के लिए खड़े रहना मुश्किल होता है.
- उल्टी और मतली आम हो जाती है. भूख कम हो जाती है और रोगी किसी भी पदार्थ को खा नहीं पाता है.
- त्वचा पर दाने निकलना या चकत्ते पड़ जाना जैसे लक्षण भी देखने में आते हैं.
डॉक्टरों का मानना है कि डेंगू बुखार का यदि समय रहते ध्यान नहीं दिया तो मामला गंभीर हो सकता है. ब्लिडिंग होना या डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) से भी कई बार रोगी जूझता है. डॉक्टरों के मुताबिक रक्तस्रावी बुखार में, रक्त वाहिकाओं को बहुत नुकसान पहुंचता है और कई बार देखने में आया है कि रक्तस्राव से रक्त के थक्के बनने की समस्या हो सकती है. बता दें केि DSS में, रक्त वाहिकाएं इतनी क्षतिग्रस्त हो जाती हैं कि रोगी का ब्लड प्रेशर बहुत कम हो जाता है. इससे कई बार रोगी को झटके तक लग सकते हैं.
डॉक्टरों के मुताबिक डेंगू बुखार का कोई विशेष उपचार नहीं है बशर्ते है कि आप सजग रहें और अपने मन से इलाज ना लें बल्कि अपने डॉक्टर को तुरंत दिखाएं. इसके अतिरिक्त रोगी को डेंगू के यदि लक्षण दिखाई दें तो घर पर इन उपायों को जरूर करना चाहिए.
- आराम करें क्योंकि रोगी को थकान होती है और थकान की वजह लगातार गिरती प्लेटलेट्स होती हैं.
- तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा से ज्यादा हो क्योंकि डेंगू में पानी की कमी एक आम लक्षण है.
- दर्द निवारक दवाएं ली जा सकती हैं लेकिन डॉक्टरी सलाह के बिना ना लें.
यदि डेंगू बुखार के गंभीर लक्षण हैं, तो अस्पताल में भर्ती हो जाएं या अपने डॉक्टर से सलाह लें.
डेंगू बुखार से बचाव के लिए आप इन उपायों को अपना सकते हैं-
- मच्छरों के काटने से बचें बेहतर हो कि आसपास सफाई रखें. डेंगू का मच्छ साफ पानी में फैलता है लिहाजा कूलर में पानी एकत्रित ना होनें दें. (Causes of dengue)
- मच्छरदानी का उपयोग करें और मच्छरों से काटने का उपाय करें.
- कूलर और कूलर के टैंकों में मच्छरों को पनपने से रोकें.
- गंदे पानी को इकट्ठा होने से रोकें.
डेंगू बुखार एक गंभीर बीमारी है. कोरोना महामारी के बाद पोस्ट कोविड सिंड्रोम के चलते हर व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित हुई है. इस बीमारी को लेकर बेहद सजग और जागरूक रहें और अपने नजदीकी डॉक्टर से सलाह लें.