अखबारों की सुर्खियों में आपने कई बार पढ़ा होगा की किसी बड़ी सेलिब्रिटी ने किसी व्यक्ति के ऊपर मानहानि का केस (defamation case) लगा दिया. ये केस आमतौर पर राजनेताओं और बॉलीवुड सेलिब्रिटी करते हैं. जरूरी नहीं मानहानि केस (defamation case) सिर्फ बड़े और प्रसिद्ध लोग ही कर सकते हैं. आम आदमी भी मानहानि केस कर सकते हैं. इसके लिए आपको मानहानि कानून (defamation law) के बारे में जानकारी होना चाहिए.
मानहानि क्या है? (What is defamation?)
किसी भी व्यक्ति के लिए पैसों से भी ज्यादा बड़ा होता है उसका सम्मान. ये जरूरी नहीं की सम्मान सिर्फ पैसों से आए. कई लोग हैं जिनके पास पैसा है लेकिन उन्हें लोग सम्मान की नजरों से नहीं देखते. हर व्यक्ति के लिए सम्मान सबसे बड़ा होता है. अगर कोई व्यक्ति किसी के खिलाफ कुछ अनाप-शनाप कहता है, सार्वजनिक तौर पर उसे बदनाम करता है तो वो उसके सम्मान पर ठेस पहुंचाता है जिसे मानहानि कहा जाता है.
मानहानि केस कब बनता है? (Defamation law in india?)
मानहानि केस में जरूरी नहीं की कोई व्यक्ति आपको भला-बुरा कह रहा है तभी बन जाए. इसके कुछ नियम-कायदे हैं जिनके अनुसार मानहानि का केस बनता है.
– मृत व्यक्ति या जीवित व्यक्ति पर कोई ऐसा लांछन लगाना जो उस व्यक्ति के जीवित रहने पर उसके या उसके परिवार के लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचाए, उसकी ख्याति को नुकसान पहुंचाए.
– किसी व्यक्ति पर कोई गलत बात व्यंग्य के रूप में कही गयी हो.
– मानहानि कारक बात को छापना या बेचना भी मानहानि है.
– अगर कोई व्यक्ति वाकई में गलत है और उसके खिलाफ सच्ची टिप्पणी की गई हो तो मानहानि नहीं होती.
मानहानि के लिए कार्यवाही (Action against defamation?)
मानहानि सेक्शन 499 के लिए आप आपराधिक मुकदमा चलाकर मानहानि करने वाले व्यक्ति और उसमें शामिल होने वाले व्यक्ति को न्यायालय से दंडित करवा सकते हैं. यदि मानहानि से किसी व्यक्ति की या उसके व्यवसाय की वास्तविक हानि हुई है तो उसका हर्जाना प्राप्त करने के लिए सिविल कोर्ट में केस को पेश किया जा सकता है.
मानहानि केस करने के लिए भी आपको वकील करना होता है. वकील सीपीआरसी की धारा 499 के अंतर्गत केस संबन्धित न्यायलय में पेश करते हैं. कोर्ट शिकायत पेश करने वाले का बयान लेता है अगर जरूरत होती है तो एक या दो गवाहों के भी बयान लिए जाते हैं. इन बयानो के आधार पर यदि कोर्ट समझता है की केस दर्ज करने के लिए पर्याप्त आधार उपलब्ध है तो वह केस दर्ज कर अभियुक्तों को न्यायलय में उपस्थित होने के लिए समन जारी करता है.
मानहानि केस में कोर्ट की फीस (Court fees for defamation case?)
मानहानि केस करने के लिए आपको कोर्ट में फीस देनी होती है. अगर आप सिर्फ मानहानि के लिए केस कर रहे हैं जिसमें हर्जाना शामिल नहीं है तो आपको नाममात्र का शुल्क देना होता है. अगर आप हर्जाने के लिए केस करते हैं तो आपको मांगे गए हर्जाने की 5 से 8 फीसदी रकम कोर्ट फीस के रूप में देनी पड़ती है.
मानहानि के लिए सजा (Punishment by court for defamation)
मानहानि के केस में अगर केस साबित हो जाता है यानि दोषी पर ये बात साबित हो जाती है की उसने वास्तव में किसी पर अपमानजनक टिप्पणी की है तो उसे दो साल की जेल व जुर्माना देना होता है. जो व्यक्ति मानहानि के लिए केस डालता है उसे ये जुर्माना मिल जाता है.
मानहानि के केस में केस करने वाले को ये साबित करना होता है की दूसरे व्यक्ति द्वारा की गई टिप्पणी अपमानजनक थी और सार्वजनिक रूप से की गई थी. वहीं बचाव पक्ष को ये साबित करना होता है की उसने जो टिप्पणी की है वह सही है. यानि उसने जो कहा वो सच था. उसने उसे बदनाम करने के मकसद से नहीं कहा.
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