आज के समय में लोन की (Eligibility for Loan) आवश्यकता सभी को होती है. लोन ना केवल निजी कार्यों को पूरा कर देता है बल्कि बिजनेस संबंधी जरूरतों को पूरा कर देता है.
बैंकों से लोन लेना आसान तो हुआ है, लेकिन लोन के लिए (How to apply for Loans) आपकी वित्तीय पारदर्शिता व प्रतिष्ठा भी मायने रखती है. बैंक की ओर से लोन देने के पूर्व यही आधार बनता है कि आपकी ऋण चुकाने की क्षमता भी आधार बनती है.
लोन चुकाने की क्षमता का मानक सिबिल स्कोर (cibil score check) होता है. ऐसे में आपके लिए यह जरूरी हो जाता है कि आप यह समझें कि आखिर (Understand your credit score) सिबिल स्कोर होता है क्या है और इसकी गणना कैसे की जाती है.
दरअसल, बैंक की ओर से लोन देने की सारी शर्तें ही आपके सिबिल स्कोर पर निर्भर होती है और बैंक यह सिबिल स्कोर (how is your cibil score calculated), अपनी तरह से कैल्कुलेट करता है. लेकिन सिबिल स्कोर की गणना से पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर (what is cibil score in hindi) सिबिल स्कोर होता क्या है?
आइए जानते हैं क्या होता है सिबिल स्कोर (what is a CIBIL Score)
CIBIL Score का पूरा नाम होता है क्रेडिट इन्फॉरमेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड. (CIBIL Full form- Credit Information Bureau of India Limited). सिबिल स्कोर (Cibil credit score) 3 अंकों की एक ऐसी संख्या होती है जिसके आधार पर बैंक आपके द्वारा बीते समय में लिए गए उधार या क्रेडिट हिस्ट्री की जानकारी निकालता है. का पूरा नाम होता है, क्रेडिट इन्फॉरमेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड. (CIBIL Full form- Credit Information Bureau of India Limited) सिबिल स्कोर (Cibil credit score) 3 अंकों की एक ऐसी संख्या होती है जिसके आधार पर बैंक आपके द्वारा बीते समय में लिए गए उधार या क्रेडिट हिस्ट्री की जानकारी निकालता है. (what is meant by your credit score) सरल शब्दों में कहा जाए तो इन 3 अंकों की संख्या के आधार पर लोन लेने वाले व्यक्ति के उधार का चिट्ठा तैयार होता है.
यह चिट्ठा व्यक्ति के एकाउंट डिटेल्स से निकाला जाता है. इन विवरणों में व्यक्ति द्वारा कब-कब कितना पैसा उधार लिया गया, किस तरह से लिया गया यानी की क्रेडिट कार्ड से लिया या बैंक से लोन लिया गया, लोन लिया गया तो कौन सा लोन था, पर्सनल था ऑटो लोन या फिर बिजनेस लोन और (what is credit score definition) इन लोन को चुकाने में व्यक्ति ने कितने दिनों का समय लिया, इन सभी बातों को उल्लेख सिबिल स्कोर में किया जाता है. सिबिल का अच्छा स्कोर आपकी कर्ज लेने की पात्रता को सामने लाता है.
कैसे कैल्कुलेट किया जाता है सिबिल स्कोर (How is a credit score calculated)
सिबिल स्कोर की गणना कई बातों को ध्यान में रखकर की जाती है. आइए जानते हैं उन बिंदुओं के बारे में जिनके आधार पर आपका सिबिल स्कोर (credit score meaning) कैल्कुलेट किया जाता है.
-किसी लोन को चुकाने में कितने दिनों का समय लिया है, यदि जल्दी चुका दिया है तो यह आपके सिबिल को बढ़ाता है.
-ईएमआई से लोन भरने में (Does EMI affect cibil score) कहीं कोई बाधा तो नहीं है, या फिर आपने कोई अंतराल तो नहीं दिया यानी की ईएमआई में गैप आपकी सिबिल स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा.
-क्रेडिट मिक्स से भी पड़ता है प्रभाव. इसे ऐसे समझें कि यदि आपने कुछ मिले-जुले सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन लिए हैं तो इसका सीधा आपके आपके क्रेडिट स्कोर पर सकारात्मक प्रभाव होगा. बैंक आप पर भरोसा करेगी.
-आप बार-बार लोन को लेकर पूछताछ करते हैं तो यह आपके लिए नकारात्मक हो सकता है. बैंक ऋण संबंधी इस पूछताछ को यह मानकर चलता है कि आपकी भविष्य में लोन संबंधी आवश्यकताएं बढ़ सकती हैं, लिहाजा इसका असर सिबिल स्कोर पर पड़ता है.
-बहुत ज्यादा उधार लेना और लगातार उधार लेते रहना आपके क्रेडिट कार्ड पर नकारात्मक असर डालता है. बैंक सिबिल स्कोर के कैल्कुलेश के दौरान इसे हाई क्रेडिट यूटिलाइजेशन के रूप में स्वीकार करती है. बैंक समझती है कि ऋण का अधिक उपयोग करने वाला व्यक्ति वित्तीय रूप से संबल नहीं है.
सिबिल स्कोर कैसे सुधारें (cibil score kaise badhaye)
Loan लेने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है अच्छा CIBIL Score. कई बार हमारी गलतियों के कारण हमारा सिबिल स्कोर खराब (Bad CIBIL Score) हो जाता है या शुरू से ही हमारा सिबिल स्कोर अच्छा (Good CIBIL Score) नहीं रहता है. ऐसी स्थिति में हम क्या करें जिससे हमारा सिबिल स्कोर सुधार जाए?
सिबिल स्कोर को बढ़ाने और सुधारने के लिए (Factors that affect CIBIL score) आपको कई सारी बातों का ध्यान रखना चाहिए. अगर आप इन बातों को नज़रअंदाज़ करते हैं तो बैंक आपको लोन देने से इंकार करते हैं.
सिबिल स्कोर कैसे सुधारें? (How to improve CIBIL Score?)
सिबिल स्कोर सुधारने (CIBIL Score Improve) के लिए हमें कुछ बातों पर ध्यान देने की जरूरत होती है.
कौन सा लोन लें? (Which is Good Loan?)
CIBIL Score सुधारने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी बात ये है की आप कौन सा लोन ले रहे हैं. मार्केट में कई तरह के लोन मिलते हैं जिन्हें दो भागों में बाटा गया है. ये सिक्योर्ड लोन (Secured Loan) और अनसिक्योर्ड लोन (Unsecured loan) कहलाते हैं.
अगर आपको अपना सिबिल स्कोर सुधारना (Improve CIBIL Score) है तो आपको सिक्योर्ड लोन लेना चाहिए. इसमें यदि आप लोन का रिपेमेंट (Loan Repayment) नहीं भी कर पाते हैं तो आपके पास से वो चीज ले ली जाती है जिस पर आपने लोन लिया है. ऐसे में आपके सिबिल स्कोर पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. अगर आप पर्सनल लोन लेते हैं और उसका रिपेमेंट टाइम पर नहीं कर पाते हैं तो आपका सिबिल स्कोर ज्यादा खराब हो जाता है.
ज्यादा लोन लेने से बचें? (Tips for CIBIL Improvement)
आजकल घर, गाड़ी, मोबाइल सब लोन पर मिल जाता है. हम भी लोन के चक्कर में कई सारी चीजें खरीद लेेते हैं लेकिन ये नहीं सोचते की इसकी ईएमआई कैसे भरेंगे.
हमेशा आपको ज्यादा लोन लेने से बचना चाहिए. (Personal Loan Tips) आप उतनी ही चीजों के लिए लोन ले जो वास्तव में जरूरी हो. इसके अलावा आप अपने वेतन या कमाई पर भी निगाह डालें की आप जो कमा रहे हैं क्या उसमें जितना आपने लिया है उसे आप चुका पाएंगे. और चुकाने के दौरान यदि कोई परेशानी आयी तो उससे कैसे निपटेंगे.
समय पर रिपेमेंट करें? (Repayment of loan)
जिस भी व्यक्ति या संस्थान से आप लोन लेंगे वो यही चाहेगा की आप उसकी EMI सही समय पर भरते रहेंं. इससे खुश होकर वो आगे भी आपको लोन ऑफर करेगा. इसलिए सिबिल स्कोर सुधारने के लिए भी सबसे जरूरी पहलू है आप समय पर रिपेमेंट करें.
छोटे लोन से शुरुआत करें? (Bad CIBIL to Good CIBIL Score)
पहले आपने लोन लिया और उसका रिपेमेंट आप नहीं कर पाए जिसके कारण आपका सिबिल खराब हो गया और अब आप उसे सुधारना चाहते हैं तो आपको जितने समय के लिए ब्लॉक किया जाता है उसके बाद फिर से लोन लें और किसी सिक्योर्ड लोन से शुरुआत करें. इसके बाद समय पर अपना रिपेमेंट करें. इससे आपका सिबिल स्कोर सुधारने लगेगा.
सिबिल स्कोर कैसे बिगड़ा ?
कई बार हमें ये पता नहीं रहता है की हमारा सिबिल स्कोर हमारी किस गलती के कारण बिगड़ा है. या फिर इसमें लोन लेने वाली बैंक की गलती है. इसका पता लगाने के लिए आप अपने सिबिल स्कोर की पूरी रिपोर्ट सिबिल की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं. इसके बाद DDP पर जाकर क्लिक करें. डीडीपी यह बताता है की आपने भुगतान में कितनी देरी की है. इसके साथ ही इसमें ‘सेटल्ड’ की जानकारी भी मिलती है.
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