लोकसभा और राज्यसभा में सिनेमेटोग्राफ (चलचित्र) संशोधन विधेयक (Cinematograph Act 1952) को पारित कर दिया गया है और इसे राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद कानून बनाया जाएगा.
ये कानून भारत के नागरिकों को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा क्योंकि इसके बाद आप कोई भी Movie & Web Series Download करके नहीं देख पाएंगे. अगर आप ऐसा करते हुए पकड़े गए तो आपको जेल और जुर्माना दोनों हो सकता है.
Cinematograph Ammendment Act 1952 पायरेसी पर कड़ा कानून है जो हमें सीधे तौर पर प्रभावित करेगा. आज के समय में अधिकतर लोग किसी न किसी वेबसाइट से अपनी पसंद की Web Series और फिल्म को डाउनलोड करके देखना ही पसंद करते हैं लेकिन आने वाले समय में ये पूरी तरह गैर-कानूनी होने वाला है.
सिनेमेटोग्राफ (चलचित्र) संशोधन विधेयक क्या है? (What is Cinematograph Act?)
पिछले कई दिनों से संसद में इस पर बहस हो रही थी. फिल्म जगत के लिए नियम-कायदे तय करने वाला कानून सिनेमेटोग्राफ एक्ट 1952 है जिसमें पायरेसी को लेकर संशोधन किया गया है. इसे राज्यसभा और लोकसभा दोनों में पारित कर दिया है अब केवल राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये कानून बन जाएगा.
इस एक्ट के मुताबिक पायरेसी के मामले में तीन साल की सजा और फिल्म की लागत का पाँच फीसदी जुर्माना देना होगा.
इसके अनुसार फिल्म दर्शकों की तीन नई श्रेणियाँ बनाई गई है. जिसके बाद कुल 6 फिल्म श्रेणी हो गई है. इसमें नई श्रेणी UA7+, UA13+ और UA16+ हैं। मतलब 7, 13 और 16 साल के बच्चे अपने माता-पिता के साथ फिल्म देख सकते हैं.
पायरेसी क्या है? (What is Piracy?)
इस कानून को समझने से पहले हम ये समझते हैं कि पायरेसी क्या होती है?
केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सदन में कहा कि पायरेसी के कारण फिल्म उद्योग को हर साल 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है.
पायरेसी शब्द आपने कई बार सुना होगा. जब भी कोई फिल्म रिलीज होते ही या रिलीज होने के पहले ही किसी व्यक्ति द्वारा चोरी करके इंटरनेट पर अपलोड कर दी जाती है तो उसे पायरेसी कहा जाता है. भारत में आमतौर पर इसके लिए लीक शब्द का उपयोग किया जाता है.
पायरेसी का मतलब होता है किसी की बनाई हुई चीज को चोरी करके बेचना या उसे फ्री में उपलब्ध करा देना. आज के समय में फिल्मों और वेबसीरीज के साथ ऐसा आए दिन होता है.
फिल्म और वेब सीरीज काफी मेहनत से बनाई जाती है और ये उसे बनाने वाली की संपत्ति है. मतलब वो इसे किस तरह बेचता है इस पर उसे बनाने वाले का अधिकार है लेकिन जब वो चीज कोई और चोरी करके खुद बेच देता है तो उसे
पायरेसी कहते हैं.
पायरेसी कैसे होती है? (What is piracy on the Internet?)
दुनिया भर में काफी सारे लोग फिल्मों को थियेटर में देखने से ज्यादा मोबाईल पर देखना पसंद करते हैं. इसलिए लोग Free Movie Download करते हैं और मोबाईल पर देखते हैं. फिल्मों को फ्री में डाउनलोड करने के लिए इंटरनेट पर कई वेबसाइट हैं जो आपसे एक रुपया लिए बिना ही ढेर सारे विज्ञापन दिखाकर आपको फिल्म डाउनलोड करने का मौका देती है.
लेकिन कभी आपने सोचा है उन तक ये फिल्म पहुँचती कैसे है? कैसे कोई भी फिल्म रिलीज होने के कुछ घंटों बाद ही इंटरनेट पर अपलोड हो जाती है? फिल्म पायरेसी करने वालों की कमाई कैसे होती है? और फिल्म डाउनलोड करने से आपका कितना नुकसान है?
तो सबसे पहले तो ये जानते हैं कि फिल्म पायरेसी कैसे होती है?
फिल्म पायरेसी किसी एक व्यक्ति का काम नहीं है बल्कि इसके पीछे कई लोगों का सेटअप काम कर रहा है. इसे बिल्कुल एक बिजनेस की तरह चलाया जा रहा है और अच्छा खासा पैसा कमाया जा रहा है.
जब भी कोई फिल्म थियेटर में रिलीज होती है तो इनकी टीम के मेम्बर हाई टेक कैमरा लेकर थियेटर में जाते हैं और दर्शकों के बीच पूरी फिल्म को रिकॉर्ड करते हैं. कई बार ये ऐसी जगह पर अपनी सीट बुक करते हैं जहां लोग इन्हें नोटिस नहीं कर पाते. इनके कैमरे भी छोटे होते हैं या फिर इस तरीके के होते हैं कि सिक्योरिटी चेक के दौरान पकड़ में नहीं आते.
इस तरह ये फर्स्ट डे फर्स्ट शो रिकॉर्ड करते हैं और तुरंत ही उसे इंटरनेट पर अपलोड कर देते हैं. इसके बाद ये हम तक आसानी से पहुँच जाती है.
पायरेसी करने वालों की कमाई कैसे होती है?
आपको फिल्म इंटरनेट पर फ्री में मिलती है. आपको उसे डाउनलोड करने के लिए एक रुपया भी नहीं देना होता है केवल आपके पास इंटरनेट होना चाहिए. तो ऐसे में पायरेसी करने वालों की कमाई कैसे होती है?
जब आप किसी भी वेबसाइट के माध्यम से फिल्म डाउनलोड करते हैं तो उस वेबसाइट पर ढेर सारे विज्ञापन लगे होते हैं. उस वेबपेज पर आप जहां भी क्लिक करेंगे वहाँ विज्ञापन ही होगा और वो आपको दिखाई भी नहीं देगा.
आपने भी देखा होगा कि जब आप फिल्म को Download करने वाले Icon पर क्लिक करते हैं तो आपके मोबाईल या कंप्यूटर में कोई और पेज ही खुल जाता है. ऐसा 5-10 बार होता है जब आप फिल्म को डाउनलोड कर पाते हैं. ऐसे में ये लोग थर्ड पार्टी विज्ञापन दिखाकर अपनी तगड़ी कमाई करते हैं क्योंकि इनकी वेबसाइट पर ढेर सारा ट्रैफिक होता है.
फिल्म डाउनलोड करने से आपका नुकसान
आप फिल्म को फ्री से डाउनलोड करने के बाद ये सोचते हैं कि आपने एक बहुत बड़ी जंग जीत ली या अपने पैसे बचा लिए. वैसे ऐसा सोचना सही भी है क्योंकि एक फिल्म को थियेटर में देखने में कम से कम 500 रुपये और 4-5 घंटे का समय चाहिए.
ये आपकी बचत तो हो जाती है लेकिन जब आप फिल्म को किसी वेबसाइट से डाउनलोड करते है तो वहाँ पर थर्ड पार्टी विज्ञापन दिखाए जाते हैं जो भरोसेमंद नहीं होते हैं. इनमें कई विज्ञापन ऐसे होते हैं जो आपके फोन का डाटा चोरी करने के लिए बने होते हैं. एक बार आपका डाटा इनके हाथ लग गया तो आपका बड़ा नुकसान हो सकता है.
पायरेसी करना गैर-कानूनी है फिर भी भारत में लोग धड़ल्ले से फिल्मों और वेबसीरीज को डाउनलोड करके देखते हैं. इसमें आप अपना पैसा और समय तो बचा लेते हैं लेकिन हो सकता है कि आप अपना डाटा खो रहे हो.
यह भी पढ़ें :
Disha Patani Biography : South की फिल्म से Hollywood तक कैसा रहा दिशा पाटनी का सफर
Tara Sutaria Biography : कुछ ही फिल्मों से कैसे सुपरस्टार बनी तारा सुतारिया
नयनतारा जीवनी : 75+ फिल्में कर चुकी हैं Lady Superstar, प्रभुदेवा से करती थी प्यार