सफलता की कहानियां (struggle to success) संघर्ष के बिना लिखी ही नहीं जा सकती. दुनिया में वे लोग कम ही हैं जिन्हें सफल होने के लिए चुनौतियों का सामना ना करना पड़ा हो या फिर जिन्होंने कठिनाइयों का सामना ना किया हो. यदि कोई बिना संघर्ष के सफल हुआ भी है तो उस सफलता की ऊंचाई वैसी नहीं है जो संघर्ष से गुजरे सफल व्यक्ति के पास होती है. वो गहराई नहीं होती जिसे देखकर महसूस किया जा सके की वाकई ये व्यक्ति सफल है.
देखा जाए तो जीवन में हर व्यक्ति अपने जीवन में सफल होना चाहता है. सफल होने के लिए कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन जीवन में जो व्यक्ति चुनौतियों से घबरा जाता है वह सफलता हासिल नहीं कर सकता है.
सफल लोग जीवन में आई चुनौतियों का सामना करके ही सफल बने हैं. जहां अधिकतर लोग इन समस्याओं को अपनी सफलता के रास्ते में रुकावट के रूप में देखते हैं और घबरा जाते हैं, वहीं सफल लोग इन्हें चुनौतियों के रूप में स्वीकार करते हैं और इनका सामना कर ज्यादा सफल होते हैं.
ऐसे लोग अपनी कठिनाइयों से इसलिए साहस के साथ लड़ पाते हैं क्योंकि उनमे सभी नकारात्मक विचारों को जाने देने की काबिलियत होती है. सफलता के लिए आपको जरूरत होती है तो बस अपनी क्षमताओं पर विश्वास करने की और सकारात्मक तरीके (Positive thinking) से चुनौतियों से लड़ने की. आइए जानते हैं सफलता की राह में कौन सी चुनौतियां होती हैं और कैसे आप उनका सामना
उम्र
सफलता की सबसे पहली चुनौतियों में आयु सबसे (age factor for success) पहले आती है. सफलता पाने के लिए कभी भी अपनी उम्र को आड़े नहीं आने देना चाहिए. ये सोचना व्यर्थ है की मेरी उम्र कम है या ज्यादा हो गई है. उम्र किसी भी काम को करने के लिए रुकावट पैदा नहीं कर सकती है.
अगर आपके अन्दर क्षमता है तो आप हर मुश्किल का डट कर सामना कर सकते हैं. क्योंकि जो लोग क्षमता रखते हैं, इसकी पहचान उनके उम्र से कभी नहीं होती. अगर आपको खुद पर भरोसा है तो आप किसी भी उम्र में सफलता पा सकते हैं. उम्र का सफलता से कोई लेना-देना नहीं है. लोग बहुत कम उम्र में या फिर अधिक उम्र में भी कामयाब होते हैं.
असफलता
सफलता का पहला कदम होता है असफलता. जिसने जीवन में असफलता नहीं देखी उसके लिए सफलता महज एक पैसा कमाने का तरीका मात्र रहती है. बार-बार मिलने वाली सफलता से इंसान के मन में अहंकार का भाव जाग्रत होने लगता है.
असफलता के बाद ही हमें सफलता के स्वाद के बारे में पता चल सकता है. असफलता, सफलता को पाने का महज एक पड़ाव मात्र है और कुछ भी नहीं. अगर आप अपनी असफलताओं को इस रूप में लेंगे कि उनसे आपको सीखने को मिलेगा तो आप भविष्य में बेहतर कर पाएंगे.
नकारात्मकता (Negativity in life)
किसी भी काम को करने के दो पहलू होते हैं. (positive thinking for success) एक होता है सकारात्मक और दूसरा नकारात्मक. सफल लोगों को जब भी कभी जिंदगी में नकारात्मकता घेरती है तब वह उससे अपनी सकारात्मक सोच के जरिए बाहर निकल आते हैं. आपको भी चाहिए की जिंदगी में हमेशा शिकायत करने की बजाय समस्याओं का समाधान ढूंढें उनसे निपटें और आगे बढ़ें. (negative and positive thinking) नकारात्मकता से लड़कर ही आप सफल होंगे.
बुरा चाहने वाले लोग
जिस तरह अच्छे लोग आपको आगे बढ़ने में मदद करते हैं ,उसी तरह दूसरों का बुरा चाहने वाले लोग हमेशा आपको पीछे खीचने की कोशिश करते हैं. ऐसे लोग हमेशा कड़वी बातें या नकारात्मक बातें बोलकर आपको स्ट्रेस देने की कोशिश करते हैं और आपको आगे बढ़ने से रोकते हैं.
यह ऐसे लोग होते हैं जो आपकी कामयाबी से जलते हैं या आपका बुरा चाहते हैं. आपको ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए. जब तक आप खुद को सही लोगों के साथ नहीं रखेंगे, तब तक आप सफल नहीं हो पाएंगे.
डर (Fear of Success)
डर कल्पना से और बढ़ता है. यह इंसान के मन का भाव है. डर को आप खुद चुनते हैं लेकिन सफल लोग अपने इस डर को कभी खुद पर हावी नहीं होने देते. वह अपने डर को अपनी सफलता की सीढ़ी की तरह इस्तेमाल करते हैं. वह हर उस चीज से लड़ते हैं जिससे वह डरते है और उस पर जीत हासिल करते हैं. वह खुद को विश्वास दिलाते हैं कि वह अपने डर से लड़ सकते हैं. आपको भी अपने डर को पीछे छोड़ कर आगे बढ़ना चाहिए.
बाहरी हालात
देश दुनिया और बाजार के हालात भी सफलता के लिए एक चुनौती के समान ही हैं. जब आप अपने चारों ओर नजर डालते हैं तो आपको हर जगह गिरती अर्थव्यवस्था, विफल होती कंपनियां और आपदाएं ही नजर आती हैं. ऐसे में आप इन सबकी चिंता न करें इन सब चीजों में से अपने आपको बाहर रखें. इसके बजाय आप हर दिन का इस्तेमाल आसपास की दुनिया को बेहतर बनाने और अपने प्रयत्नों को बेहतर बनाने के लिए करें.