जब आप इनकम टैक्स भरते हैं तो आपका सामना सेस (Cess) और सरचार्ज (Surcharge) से होता है. जो लोग पहली-पहली बार ITR file करते हैं वे इसे समझ नहीं पाते लेकिन फिर ये धीरे-धीरे समझ आने लगता है. वैसे अगर आप नहीं जानते की इनकम टैक्स पर सेस (Cess) और सरचार्ज (Surcharge) क्या होता है. तो ये लेख आपके काफी काम में आने वाला है.
सेस क्या होता है? (What is cess?)
सेस (Cess) का मतलब होता है ‘उपकर’ मतलब आप जो टैक्स देते है उस पर टैक्स (Tax on tax called cess). उपकर (Cess) किसी भी करदाता की कुल आय पर नहीं लगता बल्कि उस राशि पर लगता है जितना वो टैक्स जमा करता है. सेस किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए लगाया जाता है और जिस उद्देश्य से इसे लिया जाता है इसे खर्च भी उसी उद्देश्य के लिए किया जाता है.
उपकर (Cess) क्यों लगाया जाता है? (cess on income tax)
सेस लगाने के पीछे किसी विशेष क्षेत्र की तरक्की का उद्देश्य होता है. हर साल ये करदाता की टैक्स देनदारी पर लगाया जाता है. इसके कुछ विशेष उद्देश्य निम्न है
Education cess
Road cess or (fuel cess)
Infrastructure cess
Clean energy cess
Krishi kalyan cess
Swachh bharat cess
Education And Health Cess
सेस की गणना कैसे की जाती है? (Cess Calculation)
सेस की गणना करने के लिए मान लीजिये कोई व्यक्ति है और उसकी सालाना आय 4.5 लाख रुपये है मतलब वो एक करदाता है. उसका सालभर का इनकम टैक्स बनता है कुल सालाना आय का 5 % यानि 22,500 रुपये (इस राशि में टैक्स छूट शामिल नहीं है.) अब इनके इनकम टैक्स पर यानि 22500 रुपये पर Education cess लगाया जाएगा जो 4% प्रतिशत यानि 900 रुपये. अब इनकी जो कुल टैक्स देनदारी होगी वो 23400 रुपये होगी.
सरचार्ज क्या होता है? (What is surcharge?)
सरचार्ज का मतलब होता है ‘अधिभार’. ये भी टैक्स के ऊपर लगने वाला टैक्स है लेकिन ये सभी करदाताओं पर नहीं लगता. ये कर एक सीमा से अधिक कर चुकाने वाले करदाताओं के ऊपर लगता है. ये राशि सरकार के पास पहुचती है और सरकार इसका उपयोग अपनी मर्जी के हिसाब से कर सकती है.
सरचार्ज किस पर लगता है? (Surcharge on income tax)
अगर आपकी आमदनी भारत में 50 लाख से ज्यादा है तो आप पर सरचार्ज लगता है. सरचार्ज आपकी कुल आय पर नहीं लगता है. ये आपकी कुल टैक्स देनदारी पर लगता है. आपका सालाना कुल इनकम टैक्स आपकी टैक्स देनदारी पर 10 % जोड़कर जमा किया जाता है.
सरचार्ज की गणना किस प्रकार की जाती है? (surcharge calculation)
सरचार्ज की गणना करने के लिए मान लीजिये कोई कोई व्यक्ति है जिसकी आय 60 लाख रुपये है. अब टैक्स पर मिलने वाली छूट के बाद इनकी कुल इनकम टैक्स देनदारी 15 लाख रुपये बन जाती है. अब इनका जो सरचार्ज बनता है वो इनकम टैक्स देनदारी पर 10 % यानि 1.5 लाख रुपये. अब इनकी जो कुल टैक्स देनदारी है वो 16.5 लाख रुपये बनती है जो इन्हें सरकार को चुकानी है.
तो अब तो आप जान गए होंगे की सेस और सरचार्ज क्यों और किस तरह लगाया जाता है. आप जान गए होंगे की आपका जो कुल इनकम टैक्स होता है वो सेस और सरचार्ज को जुड़कर बनता है.