भारतीय सिनेमा में मील का पत्थर है सुनील दत्त की “यादें”
सिनेमा के हरएक दौर में फिल्म मेकिंग और प्रस्तुतिकरण को लेकर नित नए प्रयोग होते रहे हैं. देश…
सिनेमा के हरएक दौर में फिल्म मेकिंग और प्रस्तुतिकरण को लेकर नित नए प्रयोग होते रहे हैं. देश…
आज से करीब 100 दशक से भी अधिक पुराना सिनेमा पहले की तुलना मे काफी बदल गया हैं.…
फिल्म धड़क और सैराट की तुलना करना सही नहीं होगा, धड़क को एक स्वतंत्र फिल्म के रूप में…
उग्र राष्ट्रवाद के इस कानफाडू दौर में राज्यसभा टेलीविजन ने “राग देश” फिल्म बनाई है, जो पिछले 28…
अभिनय के कसौटी पर फिल्म औसत ही कही जाएगी, क्योंकि किसी भी कलाकार की अदाकारी आपके साथ लंबे…