Tue. Nov 19th, 2024
Image source: Pixabay.com

10वीं और 12वीं के रिजल्ट आ गए हैं. कई बच्चों के अच्छे पर्सेंटेज बनें हैं तो कई कम मार्क्स के कारण टेंशन में हैं. इसके अलावा  कई बच्चों के अंदर ये टेंशन बढ़ रही है कि वे अब कौन सा कोर्स करें. 12वीं के बाद करियर की असली और नई दिशा शुरू होती है. बीते 10 सालों में टेक्नॉलॉजी ने तकरीबन हेर सेक्टर को प्रभावित किया है. इंजीनियरिंग, मार्केटिंग, एमबीए जैसे कोर्स भी अब पुराने हो गए हैं. भीड़ बढ़ गई और जॉब भी कम है.

क्या करना चाहिए नये बच्चों को-

यदि आप 12वी के बाद कुछ अलग प्लान कर रहे हैं तो आपके लिए हेल्थ केयर सेक्टर एक नया सेक्टर है जहां करियर के चांसेज बहुत बढ़ गए हैं. यहां टेक्नोलॉजी के बढ़ने से भी काफी बदलाव हुए हैं. हेल्थ में सुधार करने के लिए नई मशीनें आ रही हैं और तकनीकी इनोवेशन हो रहा है. इन मशीनों को हैंडल करने के लिए लोगों की मांग बढ़ गई है. इससे लाखों लोगों को इस सेक्टर में जॉब मिल रही है.

कौन से कोर्स कर सकते हैं यहां

दरअसल स्वास्थ्य सेवा सेक्टर में योग्य लोगों की जरूरत लगातार बढ़ रही है. यहां रोजाना लोगों की जरूरतें भी बढ़ती जा रही है ऐसे में ये कोर्सेज 12वीं पास स्टूडेंट कर सकते हैं. अगर आप हेल्थ केयर सेक्टर में करियर बनाना चाहते हैं, तो आप इस सेक्टर में इन कोर्सेज पर निगाह दौड़ा सकते
हैं.

एमरजेंसी मेडिकल टेक: इस ट्रेनिंग में एंबुलेंस और हॉस्पिटल में एमरजेंसी मेडिकल सिचुएशन को संभालने की ट्रे‍निंग दी जाती है. यह कोर्स 6 महीने का है.

डायलिसिस टेक्निशियन: इस कोर्स में स्टूडेंट्स को सिखाया जाता है कि कैसे डायलिसिस मशीन को हैंडल किया जाता है. ट्रेनिंग काफी जरूरी है. इस कोर्स की अवधि 12 महीने की होती है.

Image source: Pixabay.com
Image source: Pixabay.com

डेंटल असिस्टेंट: यह 6 महीने का कोर्स है, जिसमें आपको डेंटल टूल्स को कैसे यूज करना है, यह सिखाया जाता है. X-Ray तकनीशियन: X-Ray तकनीशियन की ट्रेनिंग में X-Ray इक्विपमेंट यूज करना सिखाया जाता है. साथ ही उसके इसके मशीन से जुड़े सेफ्टी रेगुलेशन के बारे में भी जानकारी दी जाती है. यह कोर्स 8 महीने का होता है.

होम हेल्थ ऐड: होम हेल्थ एड प्रोग्राम पेशेंट को घर पर बुजुर्गों या विकलांग व्यक्तियों को व्यक्तिगत हेल्थकेयर सुविधा देना सिखाया जाता है. इस फैसिलिटी में पेशेंट की ड्रेसिंग और ग्रूमिंग करना भी सिखाया जाता है. यह कोर्स 1 साल 5 महीने का है.

कोर्स की फीस: अलग-अलग कोर्स के हिसाब से अलग-अलग इंस्टिट्यूट ने अपने हिसाब से फीस तय की हुई है. इसमें कोर्स की कम से कम फीस 8000 है और सबसे ज्यादा कोर्स फीस 60-70,000 तक है.

सैलरी: इस कोर्स को करने के बाद कैंडिडेट्स को शुरू में 10-15,000 रुपए तक की जॉब मिल सकती है और अगर आपको 5-6 साल का एक्सपीरियंस हो जाता है तो आपकी सैलरी 50-60,000 तक पहुंच सकती है.

कहां से करें ये कोर्सेज: ये कोर्स कई प्राइवेट इंस्टीट्यूट करा रहे हैं. दिल्ली और एनसीआर में पैरामेडिकल कोर्स कराने वाले इंस्टिट्यूट में विवो हेल्थकेयर, दिल्ली पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, DIPS पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट जैसे कई इंस्टीट्यूट शामिल हैं.

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *