इनकम टैक्स (Income tax) के बारे में तो आप सभी जानते हैं अगर आपकी सालाना आय टैक्स (taxable income) के दायरे में आती है तो आपको टैक्स देना पड़ता है. लेकिन क्या आपने टैक्स भरते समय केपिटल गेन (Capital Gains) का नाम सुना है. कैपिटल गेन एक ऐसी चीज है जो कई लोगों को परेशान करती है और लोग इसे समझ नहीं पाते. इस लेख में आप कैपिटल गेन क्या होता है (What is capital gain?) और इस पर कैसे टैक्स लगता है (How to calculate capital gain tax?) इस बारे में जान पाएंगे.
केपिटल गेन क्या होता है? (What is capital gain tax?)
कैपिटल गेन प्रॉपर्टी (Property) से संबन्धित है. अगर आपकी कोई प्रॉपर्टी है अगर आप उसे बेचते हैं तो आपको उस पर लाभ होता है और वो लाभ आपकी इनकम में गिना जाता है. और इस इनकम पर आपको टैक्स देना पड़ता है. हालांकि कई स्थितियों में आपको कैपिटल गेन (Capital gain) पर अलग से भी टैक्स देना होता है जो सरकार की तरफ से फिक्स होता है.
कैपिटल गेन को हिन्दी में पूंजी लाभ कहा जाता है. कैपिटल गेन सिर्फ आपकी प्रॉपर्टी को बेचने से होने वाला लाभ नहीं है बल्कि इसके अंतर्गत गहने, संपत्ति, कार, शेयर, बॉन्ड आदि भी आते हैं. इन्हें बेचने पर भी यदि आपको कोई लाभ होता है तो उसे भी कैपिटल गेन के तहत रखा जाता है. और इस पर आपको कैपिटल गेन टैक्स भी देना होता है.
कैपिटल गेन कितने प्रकार के होते हैं? (Types of capital gain)
कैपिटल गेन दो तरह के होते हैं.
1) शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (Short term capital gain)
2) लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (Long term capital gain)
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन क्या होता है? (What is short term capital gain?)
कोई भी पूंजी जिसे हम कम समय में खरीदकर बेच देते हैं उसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (Short term capital gain) कहा जाता है. नियम के अनुसार यदि कोई प्रॉपर्टी आप अपने पास 3 साल से कम रखकर बेच देते हैं तो वो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के अंतर्गत आती है. इसके अलावा यदि कोई अचल संपत्ति है तो उसकी सीमा 2 साल है. अगर कोई शेयर आपने खरीदा है और उसे 12 महीने के भीतर बेच दिया है तो वो भी शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन में आएगा.
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन की टैक्स रेट क्या है? (Short term capital gain tax rate)
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के लिए सरकार ने कोई अलग से टैक्स रेट तय नहीं किया है. इस पर आपकी टैक्स देनदारी कुछ इस तरह तय होती है. मान लीजिये आपने कोई प्रॉपर्टी शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के तहत बेची और इससे आपको कुछ फायदा हुआ तो ये फायदा आपकी सालना आय में जुड़ेगा और उस पर जितना भी इनकम टैक्स बनेगा वो आपको देना होगा.
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन क्या होता है? (What is long term capital gain)
अगर आपने कोई प्रॉपर्टी खरीदी और उसे 3 साल बाद बेचा तो वो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के अंतर्गत आती है. अचल संपत्ति के लिए ये सीमा 2 साल से ज्यादा के लिए है और शेयर के मामले में ये सीमा 12 महीने बाद की है. वही अगर आप कोई बॉन्ड या म्यूचुअल फ़ंड लेते हैं और उसे बेचते हैं तो इसके लिए 3 साल से ज्यादा की सीमा है.
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन की टैक्स रेट क्या है? (Long term capital tax rate)
अगर आप कोई प्रॉपर्टी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के तहत बेचते हैं और उस पर आपको फायदा होता है तो उसके लिए मुख्यतः फायदे पर आपको 20 % कैपिटल गेन टैक्स देना होता है. कुछ विशेष मामले में यह 10 % भी हो सकता है.
कैपिटल गेन पर टैक्स की गणना कैसे की जाती है? (Capital gains tax india calculator)
कोई भी प्रॉपर्टी जब हम बेचते हैं तो हमे उस पर फायदा ही होता है लेकिन ये पूरा फायदा हमारी इनकम नहीं होती और ना ही इस पूरे फायदे पर कैपिटल गेन टैक्स की गणना की जाती है. अगर आप कैपिटल गेन टैक्स की गणना करना चाहते हैं तो इस तरह कर सकते हैं.
– सबसे पहले तो आपकी प्रॉपर्टी की पुरानी कीमत का आंकलन करें जिस पर आपने उसे खरीदा था.
– इस प्रॉपर्टी को खरीदते वक़्त चुकाई गई स्टांप ड्यटी और रजिस्ट्रेशन फीस और अन्य खर्चे को जोड़े.
– प्रॉपर्टी को संभालने के लिए या उसकी मरम्मत के लिए आपने पैसे खर्च किए हो तो उसे भी जोड़े.
– इसके अलावा आपने कुछ और खर्च प्रॉपर्टी पर किया हो जो वैधनिक हो तो उसे भी जोड़े.
– इन सभी खर्चों को जोड़कर आपने प्रॉपर्टी को जितने में बेचा है उस राशि को घटाएँ और बची हुई राशि निकालें.
– बची हुई राशि ही आपका कैपिटल गेन यानि पूंजी लाभ है. इस पर ही आपको कैपिटल गेन टैक्स देना है.
तो अब तो आप भली-भांति कैपिटल गेन और कैपिटल गेन टैक्स के बारे में जान गए होंगे. कई लोग इस शब्द को लेकर असमंजस में रहते हैं. लेकिन उम्मीद करते हैं की इस लेख ने आपका असमंजस दूर कर दिया होगा.