साल की शुरुआत में प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस माता-पिता बने हैं. इसकी जानकारी प्रियंका चोपड़ा ने अपने इन्स्टाग्राम अकाउंट पर दी है. प्रियंका चोपड़ा सरोगेसी (Surrogacy in Hindi) के जरिये मां बनी हैं. सरोगेसी बच्चे को जन्म देने का एक तरीका है जो कई देशों में अपनाया जाता है. सरोगेसी को लेकर भारत में भी कानून हैं जो काफी सख्त हैं.
सरोगेसी क्या है? (What is Surrogacy?)
प्रियंका चोपड़ा सरोगेसी के जरिये मां बनी है. सरोगेसी बच्चे को जन्म देने की एक प्रक्रिया है. सरोगेसी को हिन्दी (Surrogacy in Hindi) में ‘किराए की कोख’ कहा जाता है. सरोगेसी में बच्चा पैदा करने के लिए किसी दूसरी महिला की कोख का उपयोग किया जाता है. इस प्रक्रिया में एक कपल किसी और महिला की कोख के जरिये अपने बच्चे को जन्म देते हैं.
सरोगेसी में पति के स्पर्म और पत्नी के एग्स से बने एम्ब्रियो को तीसरी महिला की कोख में चिकित्सा पद्धति के जरिये डाला जाता है. वो बच्चा पैदा होने तक दूसरी महिला की कोख में ही रहता है. हालांकि उसमें डीएनए पहली महिला के पति का ही होता है क्योंकि उसके स्पर्म का इस्तेमाल किया जाता है. इस पद्धति के लिए भारत में आईवीएफ़ तकनीक का इस्तेमाल होता है.
सरोगेट मदर क्या होती है? (What is surrogate mother in hindi?)
इस तकनीक में जो महिला अपनी कोख में बच्चे को रखती है वो महिला सरोगेट मदर कहलाती है. कपल और सरोगेट मदर के बीच पहले ही एग्रीमेंट किया जाता है कि बच्चा पैदा होने के बाद किसके पास रहेगा. सरोगेट मदर बनने के लिए कपल उस महिला को भुगतान भी करते हैं. सरोगेट मदर बनने के लिए महिला की उम्र 25 से 35 साल के बीच होनी चाहिए. अपने जीवन में वह सिर्फ एक बार ही सरोगेट मदर बन सकती है.
सरोगेसी से कौन से सेलिब्रिटी बने पैरेंट्स? (Celerity who become parents by surrogacy?)
सरोगेसी के जरिये भारत में अभी तक कई सेलिब्रिटी माता-पिता बने हैं. इनमें प्रीति जिंटा सरोगेसी के जरिये जुड़वा बच्चों की मां बनी थी. इनसे पहले शिल्पा शेट्टी, शाहरुख खान, आमिर खान, कारण जौहर, एकता कपूर, तुषार कपूर जैसे सेलेब्स इस तकनीक के जरिये माता-पिता बने हैं.
भारत में सरोगेसी कानून (Surrogacy law in India)
बच्चा पैदा करने के लिए भारत में भी सरोगेसी (Surrogacy in hindi) के ऑप्शन को अपनाया जाता है. भारत में सरोगेसी के कानूनी नियम हैं, जिनका पालन सरोगेसी के लिए किया जाता है.
– भारत में सरोगेसी के लिए भारतीय नागरिक होना जरूरी है.
– सरोगेसी के नियम अनुसार वो कपल सरोगेसी का ऑप्शन चुन सकता है जो किसी कारण से माता-पिता नहीं बन पा रहे हैं. यदि पत्नी प्रेग्नेंसी कंसीव कर सकती है तो भी वे सरोगेसी का ऑप्शन नहीं चुन सकते.
– वे कपल सरोगेसी का इस्तेमाल कर सकते हैं जिनकी शादी के 5 साल बाद भी बच्चा नहीं हुआ है.
– सरोगेट मदर वही औरत बन सकती है जो कपल की रिश्तेदार हो. कोई अंजान महिला सरोगेट मदर नहीं बन सकती.
– सरोगेट मदर और उससे संतान की चाह रखने वाले कपल को अधिकारी द्वारा योग्यता प्रमाण पत्र लेना होगा तथा अपने आप को कानूनी रूप से रजिस्टर करना होगा.
– सरोगेसी बिल के मुताबिक सिंगल पैरेंट, लिव इन कपल, होमोसेक्सुयल कपल और अनमैरिड कपल सरोगेसी का ऑप्शन नहीं चुन सकते.
– सरोगेसी के जरिये बच्चे की चाहत रखने वाले कपल में पत्नी की उम्र 23 से 50 वर्ष और पति की उम्र 26 से 55 साल के बीच होना चाहिए.
सरोगेसी का मतलब क्या है? (Surrogacy meaning in Hindi)
सरोगेसी एक ऐसी प्रक्रिया है (Surrogacy in hindi) जो निःसंतान दंपत्ति को संतान का सुख दे सकती है. कई दंपत्ति ऐसे होते हैं जिनमें महिला प्रेग्नेंसी कंसीव नहीं कर पाती और उन्हें खुद का बच्चा नहीं होता. ऐसे में यदि पिता में कोई दोष नहीं है और वो अपना बच्चा चाहते हैं तो वे सरोगेसी के जरिये अपना खुद का बच्चा पा सकते हैं.
सरोगेसी से संबन्धित बॉलीवुड में एक बढ़िया फिल्म है ‘Mimi’. इस फिल्म को देखकर आप सरोगेसी के बारे में अच्छे से जान सकते हैं.
भारत में सरोगेसी को लेकर कानून सख्त हैं क्योंकि सरोगेसी के कई मामले ऐसे देखे गए हैं जहां इसे बिजनेस बना दिया गया है. भारत में कई महिलाएं पैसे कमाने के लिए सरोगेसी को स्वीकार करती हैं. विदेशी नागरिक यहां आकर सरोगेट मदर को चुनते हैं उसे भुगतान करते हैं. कई बार आपसी तालमेल न मिल पाने के कारण मामले बिगड़ जाते हैं. जिसके कारण भारत में सरोगेसी कानून का सख्ती से पालन किया जाता है.
यह भी पढ़ें :
Maternity Leave : मातृत्व अवकाश क्या है, मातृत्व अवकाश के नियम?
Homemade pregnancy test : घर पर प्रेग्नेंसी टेस्ट कैसे करें, प्रेग्नेंसी टेस्ट घरेलू उपाय
Abbortion pills side effect : क्या अबॉर्शन पिल्स सुरक्षित है, अबॉर्शन पिल्स के नुकसान