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संगीत से जुड़ी है सेहत, आपकी जिंदगी में जादू भर देगी म्यूजिकल थेरेपी

कहते है कि संगीत आत्मा का स्वर है और यह तन-मन में आशा, उत्साह एवं उमंग की नयी धाराएं संचारित करता है. आज के वैज्ञानिक युग में ‘म्यूजिकल थेरेपी’ द्वारा उपचार प्रक्रिया बड़ी तेजी से चल पड़ी है.

क्या है म्यूजिकल थेरेपी?
शास्त्राीय संगीत एक गूढ़ विज्ञान है. स्वास्थ्य पर इसका गहरा प्रभाव होता है. संगीत चिकित्सा का मुख्य कार्य है स्नायुसमूह के प्राण को प्रोत्साहित करना. इससे मांसपेशियां सक्रिय हो उठती हैं. संगीत में विद्यमान सूक्ष्म ध्वनि-तरंगें मनोदशा पर गहरा असर डालती हैं. इसके गुण के कारण ही इसे वैज्ञानिक ‘चिकित्सा पद्धति’ के रूप में विकसित कर रहे हैं.

शास्त्रीय संगीत से लेकर बाख, बलूज, मोजार्ट, जाज, रॉक, रैप तक सभी तन-मन पर अपना जादुई प्रभाव छोड़ते हैं. इसीलिए चिकित्सक ईसा पूर्व चौथी शताब्दी से लेकर अब तक संगीतोपचार का प्रयोग करते चले आ रहे हैं, हालांकि बीच में इसकी कडि़यां लुप्त हो गयी थीं, जो अब आधुनिक विज्ञान ने पुनर्जीवित कर दी हैं.

क्या है राग रिसर्च सेंटर?
राग रिसर्च सेन्टर चेन्नई ने शास्त्रीय रागों द्वारा रोगोपचार की विधि खोज निकाली है. इनके अनुसार प्रत्येक राग का प्रभाव भिन्न-भिन्न प्रकार का होता है. राग आनंद-भैरवी हाइपरटेंशन को कम करता है. इसी तरह राग शंकरम् मानसिक रोगियों को राहत पहुंचाता है.

राग सेंटर के प्रमुख के. विद्यानाथन के अनुसार भारतीय संगीत में चमत्कारी शक्तियां भरी पड़ी हैं. आवश्यकता है तो इसकी समुचित जानकारी एवं प्रयोग की. न्यूरोलोजिस्टों के अनुसार संगीत मस्तिष्क के दायें भाग से संबंधित होता है. संगीत के सुरों से पिट्यूटरी ग्रंथि से एण्डोर्फिन हार्मोन का स्राव होता है.

श्रेष्ठ संगीत से शरीर में मैटाकोलामाइंस और एड्रेनलीन का स्तर कम हो जाता है. इससे बढ़ी हुई हृदयगति, उच्च रक्तचाप तथ संग्रहित फैटी एसिड एवं लैक्टेट नामक विष का स्तर घट जाता है. अच्छा संगीत सुनने से माइग्रेन एवं तनाव कम हो जाता है.

किन रोगों में होता है लाभ?
अर्द्धविक्षिप्त मस्तिष्क सीजोफ्रेनिया एवं हिस्टीरिया के रोगियों पर संगीत का आश्चर्यजनक लाभ होता है. संगीत का सर्वाधिक असर अंतर्मुखी व्यक्तियों पर होता है. म्यूजिक थेरेपी प्रसव पीड़ा में भी अत्यधिक कमी लाती है. इसके माध्यम से उदर रोग, नेत्रारोग एवं हृदय रोगों पर तत्काल असर पड़ता है. साउण्ड थेरेपी विशेषज्ञों ने तो बिना किसी रूधिर स्राव के मोतियाबिंद तक का सफल ऑपरेशन कर दिखाया है.

प्रयोग का परिणाम
डॉ. राल्फ स्पीजे ने जर्मनी के पेन क्लीनिक में नब्बे हजार रोगियों पर संगीत का प्रयोग किया है. इसमें 69 प्रतिशत सफलता मिली है. इस सफलता को देखकर वहां के न्यूरोलॉजिस्टो ने संगीत उपचार को दैवीय चमत्कार कहा है.

आनंद कुमार अनंत

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