‘दिवालिया’ (Bankrupt) ये शब्द आपने किताबों और अखबारों में खूब पढ़ा होगा. किताबों में खासतौर पर तब जब आप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री जैसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों को उनके पद से हटाने के बारे में बात करते हैं. इस शब्द को हम बचपन से पड़ते आ रहे हैं लेकिन दिवालिया का क्या मतलब होता है? (Diwaliya Meaning) इस बारे में काफी कम लोग ही जानते हैं. दिवालिया का मतलब क्या होता है? दिवालिया कानून क्या है? इन दोनों बातों के बारे में आप इस लेख में जानेंगे.
दिवालिया क्या होता है? | Bankrupt in Hindi
दिवालिया का मतलब एक ऐसा व्यक्ति जिसके ऊपर काफी सारा ऋण है, उसे चुकाने के लिए उसकी संपत्ति बिक चुकी है और अब उसके पास उस ऋण को चुकाने का कोई स्त्रोत नहीं है. ऐसी स्थिति में कोर्ट के द्वारा उस व्यक्ति की देनदारी को समाप्त करने के लिए उसे दिवालिया घोषित कर दिया जाता है. कोई भी व्यक्ति दिवालिया तभी कहलाएगा जब कोर्ट उसे दिवालिया घोषित करेगा. अपने आप को दिवालिया कहलाने के लिए उस व्यक्ति को कोर्ट में दिवालिया कानून के तहत केस दर्ज कराना पड़ता है.
दिवालिया कानून क्या है? | What is Diwaliya Kanun?
भारत में कोई व्यक्ति, कोई कंपनी या कोई संस्था दिवालिया कानून के तहत अपना केस दर्ज करवा सकती है. केस दर्ज करवाने वाला तभी केस दर्ज करवा सकता है जब उसके पास लोन चुकाने के लिए कोई आय का स्त्रोत न बचा हो. मतलब उस पर कर्ज हुआ है. कर्जदारों ने उसकी सारी आय तथा संपत्ति को ले लिया है और अभी भी उस पर कर्ज बाकी है जिसे वसूलने के लिए उसे परेशान किया जा रहा है. तो आप किसी अच्छे वकील के माध्यम से कोर्ट में केस दर्ज करवा सकते हैं और दिवालिया कानून के तहत खुद को दिवालिया घोषित करवा सकते हैं. इसके बाद आपको लेनदार परेशान नहीं करेंगे. यदि वे आपको परेशान करते हैं तो उन पर कानूनी कार्यवाही की जा सकती है.
दिवालिया होने के लाभ | Benefits of bankruptcy
दिवालिया होने के कुछ लाभ हैं जो आपको मिल जाते हैं.
– दिवालिया घोषित होने के बाद लेनदार देनदार को अधिक परेशान नहीं करता है.
– इस अधिनियम से दोनों के बीच में सेटलमेंट हो जाता है जिसके बाद दोनों के बीच कोई विवाद नहीं रहता.
– लोन लेने के बाद असफल होने का रिस्क फैक्टर कम हो जाता है. यदि आप असफल होते भी हैं तो आप इस कानून के तहत संरक्षण पा सकते हैं.
दिवालिया होने के नुकसान | Disadvantage of bankruptcy
दिवालिया होने के कई नुकसान हैं.
– दिवालिया कानून का कई लोग गलत फायदा उठाते हैं और बहुत सारा कर्ज लेकर या तो भाग जाते हैं या फिर उसका भुगतान नहीं करते. अपने अकाउंट में वे ये बताते हैं कि कंपनी घाटे में चल रही है.
– इस कानून का सबसे बड़ा नुकसान कर्ज देने वाले को होता है. कर्ज देने वाले का बहुत सारा पैसा इस कानून के तहत रिकवर नहीं हो पाता. क्योंकि कर्ज लेने वाले के पास कुछ बचता ही नहीं है. इस स्थिति में कोर्ट उसे दिवालिया घोषित करता है. दिवालिया घोषित करने के बाद कर्ज लेने वाला उस कर्ज को वसूल भी नहीं सकता.
– इस कानून के आ जाने से बहुत से ऐसे व्यक्ति भी कर्ज लेकर व्यापार करने लगे हैं जो अयोग्य होते हैं. इन्हें पता होता है कि अगर वे असफल हुए तो उन्हें इस कानून का सहारा मिल जाएगा.
– दिवालिया घोषित होने वाले व्यक्ति को भविष्य में कोई भी बैंक या संस्थान कर्ज नहीं देता है.
दिवालिया कैसे बनते हैं?
दिवालिया बनने के लिए कर्ज लेने वाला या कर्ज देने वाला दोनों व्यक्ति कोर्ट में केस दर्ज कर सकते हैं. इस कानून के तहत कर्ज लेने वाले व्यक्ति की जितनी भी प्रॉपर्टी है पहले उसे बेचकर कर्ज उतारा जाएगा. यदि फिर भी कर्ज बाकी रह जाता है तो उसे दिवालिया घोषित कर दिया जाएगा. जिसके बाद पूरा मामला यही खत्म हो जाएगा.
दिवालिया होना कोई अच्छी बात नहीं है. न ही ये कोई गर्व की बात है. अगर आपने किसी से कर्ज लिया है और आप नहीं चुका पा रहे हैं तो इसके पीछे कई फैक्टर होते हैं. अगर आपको नुकसान हुआ है और आप चुकाने में असमर्थ हैं तो आप इस कानून का लाभ उठाएँ. लेकिन बस इतना ध्यान रखें कि आगे से आपको कोई बैंक या संस्थान कर्ज नहीं देगा.
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